Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षा31121004 Vs 1906657: असम में NRC की फाइनल ल‍िस्‍ट का आँकड़ा, संवेदनशील जिलों में...

31121004 Vs 1906657: असम में NRC की फाइनल ल‍िस्‍ट का आँकड़ा, संवेदनशील जिलों में धारा 144 लागू

जिनका नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है, वो 120 दिनों के अंदर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अप्लाई कर सकते हैं। गुवाहाटी समेत 14 संवेदनशील जिलों में धारा 144 लागू है। सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 51 कंपनियाँ...

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार (अगस्त 31, 2019) को एनआरसी (NRC) की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी है। एनआरसी के स्टेट कॉर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने बताया कि इस लिस्ट में 3,11,21,004 (3 करोड़ 11 लाख 21 हजार चार) लोगों के नाम शामिल हैं, जबकि 19,06,657 (19 लाख 6 हजार 657) लोगों के नाम शामिल नहीं हैं। इनमें वह लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने दावे प्रस्तुत नहीं किए। उन्होंने कहा कि जो लोग इससे संतुष्ट नहीं है, वे फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अपील दायर कर सकते हैं।

राज्य सरकार ने सूची में नाम नहीं आने पर लोगों को भयभीत न होने और हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है। असम में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। हिंसा और सांप्रदायिक झड़पों की आशंकाओं को देखते हुए राज्य सरकार और गृह मंत्रालय ने लोगों से शांति की अपील की है। पुलिस द्वारा जारी एडवाइजरी में लोगों से अफवाहों, सुनी-सुनाई बातों, फेक न्यूज पर विश्वास न करने की अपील की गई है। गुवाहाटी समेत 14 संवेदनशील जिलों में धारा 144 लागू है। सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 51 कंपनियाँ तैनात की गई हैं।

असम के सीएम सर्वानंद सोनेवाल ने एनआरसी की अंतिम सूची जारी होने से पहले यहाँ के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं आप सभी से असम में शाँति और धीरज बनाए रखने की अपील करता हूँ। जब तक अपील करने का समय है, तब तक किसी को विदेशी नहीं माना जाएगा। राज्य सरकार कानूनी समर्थन का विस्तार करेगी। सरकार इन लोगों की परेशानियों पर ध्यान देगी और यह देखेगी कि उनका किसी तरह का उत्पीड़न न हो।” उन्होंने कहा कि जिनका नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है, वो 120 दिनों के अंदर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अप्लाई कर सकते हैं।

बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने साल 2013 में एनआरसी अपडेट करने का आदेश दिया था। जिससे कि बोनाफाइड नागरिकों की पहचान की जा सके और अवैध अप्रवासियों को बाहर निकाला जा सके। मगर इस पर असल काम फरवरी 2015 से शुरू हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्‍त तक एनआरसी की अंतिम सूची जारी करने की अंतिम समय सीमा तय की थी। सरकार ने तय समय के भीतर यह सूची जारी कर दी है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

घर की बजी घंटी, दरवाजा खुलते ही अस्सलाम वालेकुम के साथ घुस गई टोपी-बुर्के वाली पलटन, कोने-कोने में जमा लिया कब्जा: झारखंड चुनावों का...

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बीते कुछ वर्षों में चुनावी रणनीति के तहत घुसपैठियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -