Sunday, November 3, 2024
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हत्यारे साजिद के परिवार की 11 दुकानें, हत्या से पहले सभी हो गईं बंद, दोनों भाई बाँधते थे कलावा: हिन्दू बच्चों की हत्या के मामले में स्थानीयों ने किए बड़े खुलासे

स्थानीय लोगों ने बताया कि वैसे यह सारी दुकानें रात 8-9 बजे तक खुली रहती थीं। घटना के दिन जब लोगों ने ढूँढा तो एक भी दुकान नहीं खुली थी। सारे परिजन भाग चुके थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इस हत्या के पीछे कोई बड़ा राज है और सभी को इस घटना की जानकारी थी।

उत्तर प्रदेश के बदायूँ की बाबा कॉलोनी में नाई साजिद के दो हिन्दू बच्चों की हत्या करने के मामले में कई नई जानकारियाँ सामने आ रही हैं। जिस इलाके में यह घटना हुई, वहाँ के रहने वालों ने बताया है कि साजिद के परिवार ने इस इलाके में नाई के काम पर कब्जा कर रखा है। यह भी दावा किया गया है कि हत्या के कुछ घंटे पहले ही साजिद के परिवार की सभी दुकानें बंद हो चुकी थीं। उन्होंने साजिद के पिता पर हत्या के दौरान मौजूद जावेद के बारे में पुलिस को गुमराह करने के आरोप लगाए।

ऑपइंडिया ने इस मामले में ग्राउंड पर जाकर साजिद और जावेद के विषय में स्थानीय लोगों से जानकारी हासिल करने का प्रयास किया है। लोगों ने ऑपइंडिया से दावा किया कि हिन्दू बच्चों की यह हत्या पूरी साजिश के साथ हुई है। उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया दिया कि उन्हें घटनास्थल के पास में रहने के बाद भी हत्या का पता कुछ देर बाद चला जबकि साजिद और जावेद के परिवार की दुकानें काफी देर पहले ही बंद हो गईं थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि साजिद के परिवार की बदायूँ के इस इलाके में 11 दुकानें हैं।

स्थानीय लोगों ने बताया कि वैसे यह सारी दुकानें रात 8-9 बजे तक खुली रहती थीं। घटना के दिन जब लोगों ने ढूँढा तो एक भी दुकान नहीं खुली थी। सारे परिजन भाग चुके थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इस हत्या के पीछे कोई बड़ा राज है और सभी को जानकारी थी। स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि साजिद का परिवार 20 वर्ष पहले एक गाँव उपरैला से भगाया गया था जिसके बाद वह सखानूं इलाके में आकर बस गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें शक है कि साजिद और जावेद के परिवार ने पहले कुछ गड़बड़ किया था।

साजिद और जावेद की दुकान पर बाल कटवाने के लिए जाने वाले इन स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों बातचीत में सामान्य थे और इन्होने कलावा भी बाँध रखा था। उन्होंने बताया कि इनके अधिकांश परिजनों ने ऐसे नाम रखे हैं जिनसे सीधे सीधे धर्म का पता ना लगे।

ऑपइंडिया को साजिद की दुकान पर जाने वाले कुछ लोगों ने बताया कि पहले उन्हें साजिद के व्यवहार के कोई शक नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि घटना के समय जावेद पीड़ितों के घर के बाहर बाइक लेकर खड़ा था और साजिद ने इस हत्या को अंजाम दिया। उन्होंने दावा किया कि साजिद और जावेद का पिता बाबू इस मामले में पुलिस को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि साजिद के पिता ने पुलिस को घटना के समय जावेद के घर होने की बात कही है जबकि वह यहीं मौजूद था।

साजिद और जावेद ने जो दुकान किराए पर ली है, उसके बाहर टाइल्स पर हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें लगी हुई हैं। इस पर स्थानीय लोगों ने बताया कि यह दिखावा था, उनके मन में कुछ और ही चल रहा था। ऑपइंडिया को स्थानीय ने बताया कि साजिद और जावेद त्योहारों आदि पर लोगों के साथ शामिल होने थे। उन्होंने बताया कि यह हत्या साजिशन हुई है, बच्चों की हत्या के विषय में उन्होंने कहा कि यह आतंकियों की गई। उन्होंने सरकार से कड़ी कार्रवाई की माँग की है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें साजिद- जावेद के विषय में 5-6 सालों से उन्हें ऐसा कोई शक नहीं हुआ कि यह ऐसी जघन्य वारदात को अंजाम देंगे। इस घटना के बाद उनका विश्वास भी कम हुआ है और वह कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि 19 मार्च, 2024 की शाम को बदायूं में नाई की दुकान चलाने वाले साजिद ने दो हिन्दू बच्चों आयुष और अहान की छुरी से रेत कर हत्या कर दी थी। साजिद यह हत्या करके फरार हो गया था। यूपी पुलिस ने साजिद को उसी दिन मुठभेड़ में मार गिराया था। घटना के दौरान मौजूद रहा साजिद का भाई जावेद वर्तमान में फरार है। पुलिस की टीमे उसकी तलाश में दबिश दे रही हैं। जावेद पर पुलिस ने ₹25,000 का इनाम भी घोषित किया है। मामले में पुलिस ने मारे गए बच्चों के पिता के बयान के आधार पर FIR दर्ज कर ली है।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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