दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जोरदार झटका लगा है। उनकी जमानत पर सुनवाई 21 मार्च तक के लिए टल गई है। वे 17 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में रहेंगे। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार (10 मार्च 2023) को प्रवर्तन निदेशालय को सिसोदिया की 7 दिन की रिमांड दी। एजेंसी ने 10 दिन की रिमांड माँगी थी, जिसका आप नेता के वकीलों ने पुरजोर विरोध किया था।
ईडी ने अदालत को बताया कि शराब घोटाले की जाँच में सिसोदिया सहयोग नहीं कर रहे हैं। लिहाजा उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ जरूरी है। इससे पहले अदालत ने इसी आधार पर सीबीआई को भी सिसोदिया की रिमांड दी थी।
Delhi’s Rouse Avenue Court sends AAP leader and former Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia to ED remand till March 17 in excise policy case. pic.twitter.com/Kh70KfYPc8
— ANI (@ANI) March 10, 2023
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान ईडी ने सिसोदिया पर सबूत नष्ट करने का भी आरोप लगाया। कहा कि वे दूसरे लोगों के नाम से सिम कार्ड खरीद कर इस्तेमाल करते थे ताकि मामला खुलने पर खुद का बचाव कर सकें। ईडी ने अदालत से कहा कि शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया की सीधी भूमिका है। लाभ का मार्जिन 12 प्रतिशत तक रखा गया, जो पूरी तरह से नीति के खिलाफ था। जाँच एजेंसी के मुताबिक, कुछ लोगों को फायदा देने के लिए मनीष सिसोदिया ने ये सब किया। शराब की बिक्री के लिए जो नीति तय की गई थी उसका उल्लंघन किया गया।
ईडी ने कोर्ट से कहा, “लेन-देन को लेकर मनीष सिसोदिया का बयान अन्य लोगों के बयानों से मेल नहीं खाता है। इसलिए 10 दिनों की हिरासत की माँग की जा रही है ताकि अन्य लोगों से आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जा सके।” वहीं, मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा कि ईडी का रिमांड के लिए आवेदन ही कानूनन गलत है। कोर्ट को ऐसे आवेदन पर जाँच एजेंसी को फटकार लगानी चाहिए।
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गुरुवार (9 मार्च 2023) को करीब 8 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने उनके ऊपर ये कार्रवाई उनकी जमानत याचिका पर होने वाली सुनवाई से ठीक एक दिन पहले की थी। इससे पहले शराब घोटाला मामले में पूछताछ के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद सिसोदिया ने सीबीआई की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।