प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (जून 25, 2019) को लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संसद को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने लोकसभा में शाह बानो केस का जिक्र करते हुए कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा।
अल्पसंख्यकों की बात करने वाली कॉन्ग्रेस की असलियत को बताते हुए मोदी ने कहा कि, “शाह बानो केस के दौरान कॉन्ग्रेस के एक मंत्री ने कहा था कि मुस्लिमों को सुधारने का ठेका सिर्फ कॉन्ग्रेस पार्टी ने नहीं ले रखा है, अगर वो नाली में रहना चाहते हैं तो उन्हें रहने दो।”
A Congress minister at the time of Shah Bano case has said in an interview, that is very shocking, that some Congress ministers were of the view that ‘upliftment of Muslims is not the responsibility of the Congress, if they want to lie in gutter, let them be’. #PMInLokSabha
— BJP (@BJP4India) June 25, 2019
पीएम मोदी के ऐसा कहने के बाद ही विपक्ष ने हंगामा करना शुरू कर दिया और उनसे इस बात का सबूत माँगने लगे। जिसके बाद उन्होंने कहा कि हम आपको यूट्यूब का वो लिंक दे देंगे, ताकि ये बात आप भी जान सकें।
पीएम मोदी द्वारा जिस कॉन्ग्रेस नेता का जिक्र किया गया है उस पर विस्तृत रूप से इंडिया स्पेंड (India Spend) नाम की अंग्रेजी वेबसाइट में बताया गया है कि, कॉन्ग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके मोहम्मद आरिफ ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था –
“मुझे इस बात पर विश्वास नहीं हो रहा है कि राजीव गाँधी ने अपने दम पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलटने का निर्णय लिया था। वो एक आधुनिक सोच वाले व्यक्ति थे वो रूढ़िवादिता को नहीं पसंद करते थे। वास्तव में मैने राजीव गाँधी की फाइलों पर ध्यान दिया था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा था कि उन्हें प्रगतिविरोधी और रूढ़िवादी तत्वों के साथ समझौता नहीं करना है। पी. वी. नरसिम्हा राव, अर्जुन सिंह और एनडी तिवारी (तत्कालीन सरकार में मंत्री) की तरफ से उन्हें ऐसा करने के लिए दबाव डाला गया था। उनकी राय थी कि मुस्लिमों को सुधारना कॉन्ग्रेस पार्टी का काम नहीं था, (उन्होंने कहा) “अगर वो नाली में रहना चाहते हैं तो उन्हें रहने दें।”
पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि कॉन्ग्रेस समान नागरिक संहिता और शाहबानो मामले से चूक गई, आज फिर एक अवसर आया है, हम महिला सशक्तीकरण के लिए एक विधेयक लाए हैं, कृपया इसे धर्म से न जोड़ें।
PM Modi: Congress missed opportunities with uniform civil code and shah bano case, today again there is an opportunity, we have brought a bill for women empowerment, please do not link it to religion. pic.twitter.com/JvBegeoZ4Z
— ANI (@ANI) June 25, 2019
शाह बानो प्रकरण: राजीव गाँधी ने कर दिया था मुस्लिम महिलाओं का अदालत जाने का अधिकार खत्म
आपको बता दें कि साल 1986 में शाह बानो प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने 68 वर्षीय तलाकशुदा शाह बानो बेगम के पक्ष में फैसला दिया और उनके शौहर को 179.20 रुपए का मासिक शाह बानो और उनके बच्चों के रख रखाव के लिए दिया जाए, ये फैसला सुनाया। इसके विरोध में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलट कर फरवरी 25, 1986 को राजीव गाँधी की सरकार ने मुस्लिम महिला (तलाक अधिकार संरक्षण) विधेयक, 1986 को लोकसभा में पेश कर दिया।
विपक्ष ने इसका जबरदस्त विरोध किया था। इसके बावजूद मई आते-आते यह राज्यसभा से भी पास होकर कानून का रूप ले चुका था। इसके जरिए तलाक के बाद गुजारा-भत्ता के लिए अदालत जाने का मुस्लिम महिलाओं का अधिकार खत्म हो गया। इस कानून में यह भी साफ कर दिया गया था कि तलाकशुदा बीवियों को उनके शौहर से केवल इद्दत (तीन महीने) तक का ही गुजारा-भत्ता मिलेगा। इसके बाद आरिफ मोहम्मद ने इस कानून के विरोध में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी सरकार की कॉन्ग्रेस सरकार को छोड़ दिया था।
जमीन से उखड़ गया है विपक्ष
कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपकी ऊँचाई आपको मुबारक हो। आप इतने ऊँचे चले गए हैं कि जमीन दिखना बंद हो गई है। आप इतने ऊँचे चले गए हैं कि आप जड़ों से उखड़ गए हैं। आप इतने ऊँचे चले गए हैं कि आपको जमीन के लोग तुच्छ लगने लगे हैं। आपका और भी ऊँचा होना मेरे लिए संतोष और आनंद की बात है।”
‘किसी को जमानत मिलती है तो वो इंजॉय करे, हम बदले की भावना से काम नहीं करेंगे’
आपातकाल का जिक्र करते हुए हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज 25 जून है, 25 जून की वो रात जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था। भारत में लोकतंत्र संविधान के पन्नों से पैदा नहीं हुआ है, भारत में लोकतंत्र सदियों से हमारी आत्मा है। किसी की सत्ता चली न जाए सिर्फ इसके लिए, उस आत्मा को कुचल दिया गया था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “हमें इसलिए कोसा जा रहा है क्योंकि हमने फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला। ये इमरजेंसी नहीं है कि किसी को भी जेल में डाल दिया जाए, ये लोकतंत्र है। ये काम न्यायपालिका का है। हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिलती है तो वो इंजॉय करे। हम बदले की भावना से काम नहीं करेंगे।”