आज दोपहर हिन्दू महासभा नेता कमलेश तिवारी की गला रेत कर और गोली मार कर हत्या कर दी गई। उनके कार्यालय में उनकी मेज पर पीले रंग की पॉलीथीन मिली है, और एक विडियो में संदिग्ध हत्यारे के हाथ में वही पॉलीथीन देखी जा सकती है। दोनों संदिग्ध ने नारंगी रंग के कपड़े पहन रखे हैं और उनके साथ एक महिला भी देखी जा सकती है।
सरकार ने इसकी जाँच के लिए एक SIT का भी गठन किया है और हत्यारों की तलाश में टीमें जुट गई हैं। आधिकारिक रिपोर्ट में बताया गया है कि कमलेश तिवारी को एक गनर और एक गार्ड मुहैया कराया गया था। गार्ड ने हत्यारों से नाम पूछ कर कमलेश तिवारी से पूछने के बात ही उन्हें भीतर जाने दिया था। लेकिन, हत्यारों ने सम्भवतः छद्म नामों का का प्रयोग किया था।
इससे पहले हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की दिन-दहाड़े हत्याकांड मामले में उनके नौकर सतेंद्र ने मीडिया को रो-रोकर पूरे हत्याकांड का हाल बताया। यह पूछे जाने पर कि जिस समय हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया उस वक़्त उनकी सुरक्षा में तैनात गार्ड कहाँ थे, तो उनके नौकर ने जवाब दिया कि वो तो रात से ही मौजूद नहीं थे और जो सिपाही (सिक्योरिटी गार्ड) था वो लेटा हुआ था।
सतेंद्र ने बताया कि उन लोगों (हमलावर) ने तिवारी जी से 10 मिनट पहले फोन पर बात की, उसके बाद वो लोग तिवारी जी से मिलने आए। उस समय सिपाही (सिक्योरिटी गार्ड) सोया हुआ था। वो लोग तिवारी जी से मिलने ऊपर उनके रूम में चले गए। उन्हें देखकर तिवारी जी बाहर आए और उनसे आधे घंटे तक बातचीत की। इस दौरान उन्होंने (हमलावर) दही-बड़ा खाया, और चाय भी पी।
इसके आगे सतेंद्र ने बताया कि आरोपितों और तिवारी के बीच किसी मुस्लिम लड़की की हिन्दू लड़के से शादी की कोई बात चल रही थी। इसके बाद उन गुंडों ने नौकर सतेंद्र को 100 रुपए का नोट दिया और गोल्ड फ्लैक्स पाँच सिगरेट लाने को कहा। वो पैसे लेकर बगल की दुकान से सिगरेट लेने चला गया, शायद वो लोग मौक़ा ढूँढ़ रहे थे, लेकिन सतेंद्र दो मिनट में सिगरेट लेकर पहुँच गया। इसके बाद तिवारी जी ने अपने नौकर को मसाला लाने के लिए बोला। सतेंद्र ने बताया कि जब वो मसाला लेने गया और वापस आने पर उसने देखा कि दोंनोंं आदमी वहाँ से ग़ायब थे।
सतेंद्र ने रोते हुए बताया कि उसने देखा कि गुरू जी (कमलेश तिवारी) टेबल के नीचे थे और उनसे मिलने वाले दोनों हमलावर वहाँ से फ़रार हो गए थे, जैसे ही उसने टेबल के नीचे ख़ून देखा तो उसके होश उड़ गए।
सतेंद्र ने बताया कि वो हत्या के बाद आधे घंटे से पुलिस को फोन करता रहा, लेकिन फोन लग ही नहीं रहा था… 100 नंबर भी नहीं मिल रहा था। इसके बाद इतनी देर में तो वो लोग (हमलावर) पता नहीं कहाँ चले गए। सतेंद्र ने बताया कि कार्यालय में जो सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था वो भी काम नहीं करता। तिवारी जी ने कई बार कहा कि यहाँ पर फ़ोर्स बढ़ाओ, लेकिन तब भी यहाँ एक बुज़ुर्ग को रख दिया गया। वो जब भी यहाँ आते हैं, हमेशा सोए-लेटे हुए ही रहते हैं। हमलावरों के बारे में सतेंद्र ने बताया कि वो दोनों हमलावर यहाँ पहली बार आए थे। लेकिन, उसने दावा किया कि अगर वो लोग सामने आ जाएँगे तो वो उन्हें पहचान लेगा। उसने बताया कि एक हमलावर ने भगवा वस्त्र पहने हुआ था और दूसरा सादे वस्त्र में था। हमलावर बाइक से आए थे।
ख़बर के अनुसार, कमलेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस को अहम सुराग मिला। वारदात को अंजाम देने वाले संदिग्ध हत्यारे सीसीटीवी फुटेज में क़ैद हो गए है। फुटेज में दिख रहे संदिग्धों के आधार पर पुलिस आरोपितों की तलाश में जुट गई है। एसपी कलानिधि नैथानी के निर्देश पर पुलिस की कई टीमें आरोपितों की तलाशी में जुट गई है। पुलिस दावा कर रही है कि जल्द ही हत्याकांड की गुत्थी को सुलाझा लिया जाएगा।