उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2 माह पहले राजपत्रित अधिकारियों से सरकारी स्कूलों को गोद लेने की अपील की थी। इस अपील में स्कूलों के अंदर शिक्षा व्यवस्था के सुधार के साथ छात्रों की अन्य सुविधाओं में सहयोगी बनने की अपील की गई थी। इस अपील के महज 2 माह के अंदर शिक्षा विभाग को 4640 आवेदन मिले हैं जो स्कूलों में बदलाव में भागीदारी करना चाहते हैं। इन आवेदनों को करने वालों में विधायक, सांसद और कई अन्य जन प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जिन 3 जिलों में स्कूलों को गोद लेने के सबसे अधिक आवेदन आए वो जौनपुर, बांदा और कानपुर नगर हैं। जौनपुर में 179, बांदा में 178 और कानपुर नगर में 176 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस लिस्ट में अमेठी, रायबरेली, शामली, गोरखपुर,फ़िरोज़ाबाद, महराजगंज, मुजफ्फरनगर और प्रतापगढ़ काफी पीछे रहे। इन जिलों में आवेदनों की संख्या दहाई अंकों तक भी नहीं पहुँच पाई।
दरअसल 31 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत उन्होंने तमाम जनप्रतिनिधियों से स्कूलों के विकास में भागीदारी की अपील की थी।
‘स्कूल चलो अभियान’ में सभी जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) March 31, 2022
सभी विधायकगण एक-एक विद्यालय को गोद जरूर लें।
सरकार का प्रयास होगा कि प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय को सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाए: #UPCM श्री @myogiadityanath जी
कुछ ही समय बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डी एस मिश्रा ने भी एक आदेश जारी करके कायाकल्प प्रोजेक्ट के तौर पर स्कूलों के विकास में हिस्सेदारी करने के लिए कहा था। यह सरकार की सबसे बड़ी अंतरविभागीय योजनाओं में से एक है।
आज हरदोई जनपद के भरावन से माननीय मुख्यमंत्री जी के ‘स्कूल चलो अभियान’ में शरीक होकर जनता में उत्साह देखकर बहुत अच्छा लगा।
— D.S. Mishra, Chief Secretary, GoUP (@ChiefSecyUP) April 4, 2022
उनके आह्वान पर मैंने अपने गाँव के स्कूल को गोद लेने का संकल्प लिया।
सभी सक्षम से अपील है कि आप भी गोद लें। pic.twitter.com/Uyy1iU5YGX
स्कूलों के इस विकास की भागीदारी में छात्रों को साफ़ सुथरा शैक्षणिक वातावरण देने और उनकी पढ़ाई की मूलभूत जरूरतों को पूरा करना शामिल था। इस भागीदारी में स्कूल के भवन निर्माण, उनको पंखे बिजली के सामान और डेस्क आदि देना, बच्चों के लिए खेल का सामान उपलब्ध करवाना, क्लासरूम को डिजिटल और स्मार्ट क्लास रूम बनाने के लिए ऑडियो-वीडियो उपकरण देना शामिल है।