इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद (Islamic Prophet Muhammad) पर टिप्पणी मामले में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले साद अशफाक अंसारी जेल से छूटने के बाद दहशत और सदमे में हैं। दरअसल, नूपुर शर्मा का समर्थन करने के बाद कट्टरपंथी इस्लामियों ने उनके खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। साद 27 जून को जमानत पर बाहर आए हैं, लेकिन अब उनकी दुनिया बदल चुकी है।
साद अंसारी के परिजनों का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में उन्हें जिस आघात से गुज़रना पड़ा है, उससे उबरने में उन्हें समय लगेगा। परिवार के एक करीबी का कहना है, “हमें कानून और पुलिस पर भरोसा है, लेकिन साद को थप्पड़ मारने और गाली देने वालों को भी उनके द्वारा किए गए अपराध के लिए दंडित किए जाने की जरूरत है।”
इस मामले में 20 जून को साद अंसारी की पहली जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। हालाँकि, 27 जून को जमानत मिल गई। इंडिया टुडे टीवी के अनुसार, साद अंसारी के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि कॉलेज का छात्र सिर्फ अपने विचार व्यक्त कर रहा था और वह किसी भी प्रकार की हिंसा या किसी भी धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं कर रहा था।
इधर कॉन्ग्रेस के पूर्व पार्षद बाबा बाउद्दीन का एक वीडियो वायरल हो रहा है। बाउद्दीन पर आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने साद के घर के बाहर जमा होने के लिए भीड़ को उकसाया। इंडिया टुडे के अनुसार, बाउद्दीन ने इन आरोपों से इनकार किया है।
बाउद्दीन का कहना है, “मैं पहले मुसलमान हूँ और फिर जनप्रतिनिधि। मैं मामला सुलझाने के लिए उनके (साद के) घर गया था। फिर हम थाने में FIR दर्ज कराने गए थे। मेरे खिलाफ भी केस किया गया। पुलिस ने मुझसे दो दिन तक पूछताछ की। मैं सिर्फ इतना कहूँगा कि कोई धर्म और लोगों की भावनाओं के साथ नहीं खेल सकता।”
नूपुर शर्मा का मामला सामने आने के बाद 19 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र साद अशफाक अंसारी ने इंस्टाग्राम पर नूपुर शर्मा को समर्थन देते हुए पैगंबर मोहम्मद से जुड़े कुछ सवाल खड़े किए थे। इसके साथ ही उन्होंने नूपुर शर्मा को बहादुर महिला भी बताया था।
साद ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा था, “50 साल का आदमी 6-9 साल की बच्ची से शादी करे, ये साफ तौर पर बाल शोषण है। मुझे नहीं पता कि लोग इसे कैसे समर्थन कर रहे हैं। क्या आप अपनी 6 साल की बेटी 50 साल के आदमी को देंगे (इस बारे में सोचिएगा।)”
एक और इंस्टा स्टोरी में साद ने लिखा था, “मैं किसी मजहब को समर्थन नहीं देता। मुझे सबसे नफरत है। मैं सिर्फ एक ऐसी दुनिया में रहने से डरता हूँ, जहाँ आपको और आपके परिवार को मार दिया जाए, क्योंकि आपने एक ऐसे व्यक्ति के लिए कुछ बोल दिया जिनका इंतकाल सालों पहले हो चुका है।”
इंजीनियरिंग छात्र ने अपील की थी, “बड़े हो जाओ यार। ऐसे मजहब को छोड़ो जो दुनिया में आतंक फैलाए। इंसान बनो। ये बहुत आसान है। मैं जानता हूँ ये सब पोस्ट करने के बाद मुझे कितनी नफरत झेलनी पड़ेगी। मैं गलत समझे जाने के लिए तैयार हूँ क्योंकि तुम लोग अब भी बच्चे ही हो।”
साद के इन सोशल मीडिया पोस्ट के बाद कट्टरपंथी भीड़ 11 जून की रात उसके घर पहुँची और उससे बाहर निकलने को कहा गया। लड़के ने किसी तरह भीड़ को समझाने का प्रयास किया। उसने घबराते हुए कहा, “मैं चाहता तो अंदर रह सकता था, लेकिन मैं तुम लोगों से बाहर बात करने आया हूँ।”
इसके बाद भीड़ से एक व्यक्ति ने कहा, “अगर तू अंदर रहता तो हम तुझे खींचकर बाहर लाते और मारते।” लड़के ने हाथ जोड़कर भीड़ को समझाने की बहुत कोशिशें की, लेकिन भीड़ नहीं मानी। अंत में उससे जबरन कलमा और शाहदा पढ़वाया गया। जब लड़के ने इसे पढ़ना शुरू किया तो एक व्यक्ति ने उसके मुँह पर झापड़ मारा और दूसरे ने लगातार धमकी दी।
इसके बाद 12 जून को दोबारा मुस्लिम भीड़ साद के घर पहुँची और अपना प्रदर्शन किया। बाद में भिवंडी के निजामपुर पुलिस थाने में साद के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई। कट्टरपंथी भीड़ ने आरोप लगाया कि साद ने पैगंबर पर आपत्तिजनक की। भीड़ ने कहा कि उन्हें माफी नहीं, गिरफ्तारी चाहिए। एक प्रदर्शनकारी ने तो ये तक कहा कि अगर ऐसी घटना दोबारा घटित हुई तो कानून अपना काम करेगा और वे लोग अपना।