हाल ही में तुर्की ने जम्मू कश्मीर पर भारत विरोधी रुख अपनाया था। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया था। भारत पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह कर चुका है कि जम्मू कश्मीर देश का आंतरिक मसला है और इस पर किसी भी प्रकार की मध्यस्तथा स्वीकार नहीं की जाएगी। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा था कि अगर पाकिस्तान से बातचीत होगी भी तो सिर्फ़ पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर ही होगी।
ऐसे में तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था कि दक्षिण भारत की स्थिरता और समृद्धि जम्मू कश्मीर समस्या से जुड़ी हुई है। उन्होंने दावा किया था कि यूएन रेजोल्यूशन के बावजूद राज्य में 80 लाख लोग ‘फँसे हुए हैं’। साथ ही उन्होंने इस मसले को संघर्ष के बजाय बातचीत से सुलझाने की सलाह दी थी। 72 वर्षीय रजब तैयब ने न्याय और निष्पक्षता का रोना रोते हुए जम्मू कश्मीर का मुद्दा उठाया था। पाक पीएम इमरान ख़ान ने भी तुर्की के राष्ट्रपति से मुलाक़ात के दौरान उन्हें अनुच्छेद 370 पर भारत के निर्णय के बारे में बताया था।
#Kashmiri conflict is waiting for solution for 72 years – #Erdogan to #UNGA pic.twitter.com/bh9Ddhn5eT
— RT (@RT_com) September 24, 2019
अब भारत ने तुर्की की पैंतरेबाजी को देखते हुए उसे सबक सिखाने के लिए साइप्रस का खुला समर्थन किया है। बता दें कि 1974 में तुर्की की सेना ने साइप्रस पर हमला किया था और द्वीपीय देश के 3% भू-भाग पर कब्ज़ा कर लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस की स्वतन्त्रता, सम्प्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करते हुए तुर्की को दबाव में डाल दिया। तुर्की अभी भी साइप्रस के भू-भाग पर कब्ज़ा कर के बैठा हुआ है और इसीलिए दोनों ही देशों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं।
हाल ही में तुर्की ने धमकी दी थी कि वह साइप्रस के ‘एक्सक्लूसिव इकनोमिक जोन’ में घुस जाएगा। साइप्रस के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली में तुर्की की हरकतों का ब्यौरा देते हुए अंतरराष्ट्रीयता समुदाय को बताया कि तुर्की ने धमकी दी है कि अगर साइप्रस अपने एनर्जी प्रोजेक्ट को लेकर आगे बढ़ा तो उसे उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि तुर्की पड़ोसी राज्यों और एनर्जी कंपनियों को धमका रहा है।
I don’t believe it! India backs Greek Cypriots against Turkey (to Greece’s pleasure) as @RTErdogan backs Pakistan.
— Harbir Singh (@HarbirSingh_) September 28, 2019
India finally has a smart, bold mind directing it’s foreign policy. @DrSJaishankar?
India has arrived on the world stage! Brilliant.https://t.co/YVR5pQO9EY
तुर्की ने साइप्रस के एक हिस्से पर कब्ज़ा कर के उसे ‘उत्तरी साइप्रस’ घोषित कर रखा है। हालाँकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय तुर्की की इस हरकत का समर्थन नहीं करता। कहा जाता है कि यूरोप में साइप्रस अंतिम देश है, जिसका विभाजन हुआ। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी तुर्की की हरकतों के लिए उसकी आलोचना कर चुका है। अब चूँकि तुर्की ने जम्मू कश्मीर पर टेढ़ा बयान दे दिया है, तो स्पष्ट है कि भारत भी उसे माइंड गेम से ही मारेगा। साइप्रस के समर्थन में और ज्यादा खुल कर आने और पीएम मोदी का वहाँ के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात तुर्की को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झुकाने की भारतीय कूटनीति ही है। आने वाले दिनों में तुर्की को यह बात और भी अच्छे से समझ में आ जाएगी और तब वो शायद जम्मू-कश्मीर पर राग अलागना बंद कर देगा।