दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके में रविवार (28 मई 2023) को साहिल खान नामक युवक ने 16 वर्षीय साक्षी की निर्मम हत्या कर दी थी। साहिल ने साक्षी पर चाकू से इतने वार किए थे कि गर्दन से लेकर पेट तक कुल 16 बड़े कट-मार्क पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आए। इससे उसकी आँतें बाहर निकल आईं थीं। चाकू से हमले के बाद साहिल ने पास पड़े कॉन्क्रिट स्लैब से भी बार-बार साक्षी के सिर पर वार किया था। इससे उसका सिर बुरी तरह टूट गया था।
ऑपइंडिया ने ग्राउंड पर जाकर वहाँ के हालातों का जायजा लिया। इस हत्या के पीछे का मकसद, फिलहाल के हालात, आस-पास की जानकारी और दिल दहला देने वाले वीडियो से प्रभावित हुए स्थानीय लोगों से बातचीत करना हमारी प्राथमिकता थी।
स्थानीय लोगों से बातचीत करते हुए हम सबसे पहले जा रहे थे उस जगह पर, जहाँ साक्षी की हत्या हुई थी। वहाँ तक पहुँचने से पहले हमें तमाम मीडियाकर्मी बड़े-बड़े कैमरों के साथ एक जगह बैठे दिख गए। पूछने पर पता चला कि वो आम आदमी पार्टी के विधायक का ऑफिस है। वहाँ किसी नेता-विधायक के ऑफिस जैसा बोर्ड-बैनर वगैरह हालाँकि कुछ नहीं लगा हुआ था। बाद में इसके पीछे की भी कहानी पता चली।
जहाँ साक्षी की हत्या की गई, वहाँ मामला शांत था। एक-दो यूट्यूबर थे, वीडियो बना रहे थे। मुख्यधारा की मीडिया दूर बैठी थी। घटना वाली जगह और आम आदमी पार्टी के विधायक का ऑफिस महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। दोनों के बीच एक पार्क है, बिना पेड़ और घास के। पार्क से सटा एक बड़ा सा मजार भी है। यहीं हमें एक स्थानीय निवासी मिल गए। दलीप कुमार है उनका नाम।
ऑपइंडिया ने साक्षी की हत्या को लेकर दलीप कुमार से बात की है। इस बातचीत में हमने उनसे हत्या वाली जगह से करीब 50 मीटर की दूरी पर स्थित एक पार्क और उससे सटे मजार को लेकर सवाल किया। इस पर दलीप ने कहा:
“पार्क में पहले मजार नहीं थी। 10-15 साल पहले यहाँ मजार के नाम पर कुछ ईंटों से घेरा किया गया था। इसके बाद 5-7 साल पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद जय भगवान उपकार (जो अब वर्तमान में विधायक हैं) ने यहाँ से जीतने के बाद सबसे पहले मजार की छत डलवाई। जब हिंदुओं ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने इस पर रोक लगाने की जगह हिंदुओं को ही फटकार लगा दी।”
दलीप कुमार के अनुसार आम आदमी पार्टी और केजरीवाल इस तरह की राजनीति को सह देते हैं। ऐसी राजनीति में मुस्लिम-हितों का साधा जाता है, हिंदुओं को नजरअंदाज किया जाता है। अगर हिंदू विरोध करते हैं तो उनको धमकाया भी जाता है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए दलीप ने बताया, “पार्क के बगल में ही सड़क किनारे पीपल के पेड़ के नीचे एक देवी की मूर्ति थी। स्थानीय हिंदू वहाँ पूजा करते थे। मजार बनने के बाद विरोध-स्वरूप जब हिंदुओं ने मूर्ति की जगह पर मंदिर बनाने की कोशिश की तो उसका निर्माण-कार्य रुकवा दिया गया। आधे-अधूरे मंदिर में अभी भी मूर्तियाँ विराजमान हैं, लेकिन मंदिर नहीं बनने देते।”
स्थानीय विधायक के बोर्ड-बैनर गायब क्यों?
जिस स्थान पर साक्षी की हत्या की गई, उससे महज 200 मीटर की दूरी पर यहाँ के आम आदमी पार्टी विधायक जय भगवान उपकार का कार्यालय है। दलीप कुमार के अनुसार विधायक ऐसे नेता हैं, जो साक्षी के अंतिम संस्कार में भी नहीं गए। विधायक के मुख्य कार्यालय के बाहर से बोर्ड-बैनर क्यों हटा हुआ है, इस पर दलीप ने जो बताया, वो चौंकाने वाला है:
“हत्या से पहले विधायक कार्यालय के बाहर बोर्ड लगे हुए थे। लेकिन अगली ही सुबह बोर्ड हटा दिए गए। ताकि लोगों को यह न लगे कि विधायक के कार्यालय के पास हत्या हुई है।”
बता दें कि रविवार (28 मई 2023) को साक्षी अपनी दोस्त नीतू के बेटे के जन्मदिन में शामिल होने जा रही थी। तभी घात लगाए साहिल ने उसे रोक लिया। इसके बाद उसके पेट में ताबड़तोड़ चाकू बरसाने लगा। लगातार हुए हमले से साक्षी बुरी तरह घायल हो गईं और जमीन पर गिर गईं। इसके बाद भी साहिल नहीं रुका और वह जमीन पर पड़े कॉन्क्रिट स्लैब को उठाकर उनके सिर पर पटकने लगा। पेट पर चाकू के हमले और सिर पर कई बार पत्थर लगने से उनकी मौत हो गई।
यह भी जानने लायक बात है कि साक्षी की हत्या अचानक नहीं हुई। साहिल कई दिनों से इसकी साजिश रच रहा था। सिर्फ साक्षी ही नहीं, बल्कि उसने 5 लोगों की हत्या का प्लान बना रखा था। साक्षी के साथ-साथ उसके पुरुष दोस्तों को भी खत्म करने की साजिश थी। उस दिन उसे रास्ते में इन पाँचों में से जो भी मिलता, उसकी वो हत्या कर देता। साक्षी और उसके दोस्त इन्हीं रास्तों से आते-जाते हैं, ये भी उसने रेकी कर रखा था। उसने गाँजा और शराब का भी सेवन कर रखा था।