शिव सेना को सीएम पद के लालच में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने का कदम कितना भारी पड़ने वाला है, यह नज़र आना शुरू हो गया है। उसके कद्दावर पदाधिकारी रमेश सोलंकी ने पार्टी के विचारधारा से भटक जाने के कारण का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है।
रमेश सोलंकी शिवसेना की इकाई युवासेना की आईटी सेल कोर कमिटी मेंबर थे। इसके अलावा वह युवासेना की आईटी सेल कोर कमिटी के मुंबई सेक्रटरी और गुजरात राज्य संपर्क प्रमुख भी थे।
My Resignation
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
I am resigning from my respected post in BVS/YuvaSena and @ShivSena
I thank @OfficeofUT and Adibhai @AUThackeray for giving me opportunity to work and serve the people of Mumbai, Maharashtra and Hindustan pic.twitter.com/I0uIf13Ed2
सोलंकी ने ट्विटर पर बताया कि बचपन से बाला साहेब ठाकरे के फायरब्रांड हिंदुत्व, करिश्माई व्यक्तित्व और निडर नेतृत्व से प्रभावित होने के बाद 1998 में वे शिव सैनिक बने थे। उन्होंने कहा कि कई चुनावों में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन वे बृहन्मुम्बई महानगरपालिका से लेकर लोक सभा चुनावों तक हिन्दू राष्ट्र और कॉन्ग्रेस-मुक्त भारत के सपने के लिए काम करते रहे।
It all started for me in the year 1992, fearless leadership and charisma of Shri BalaSaheb Thackeray
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
At the age of 12 I had made up my mind heart and soul to work for BalaSaheb’s ShivSena
Officially joined ShivSena in the year 1998
and since then have been working in various posts and capacities following the Hindutva ideology of BalaSaheb
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
Have seen many ups and downs
Have seen n worked in many elections BMC/VidhanSabha/LokSabha etc with only one dream and one aim #HinduRashtra and #CongressMuktBharat
उन्होंने कहा कि 21 साल तक बिना पद, प्रतिष्ठा या टिकट की माँग के वे रात-दिन पार्टी के आदेश का पालन करते रहे, लेकिन जब शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कॉन्ग्रेस से हाथ मिला लिया है तो कॉन्ग्रेस का सहयोग करने की इजाज़त उनका ज़मीर नहीं दे रहा है। चूँकि वे आधे-अधूरे मन से कोई काम नहीं करना चाहते, इसलिए वे इस्तीफ़ा दे रहे हैं।
Its been almost 21 years never demanded post, position, or ticket just gave my all in day and night followed my party’s order till the hilt
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
ShivSena made a political decision and joined hands with @INCIndia and @NCPspeaks to form govt in Maharashtra
Congratulations and all the best for forming govt in Maharashtra and having ShivSena CM
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
But my conscious and ideology doesnt permit me to work with Congress, I cant work half heartedly and it wont be fair to my post, my party my fellow ShivSainiks and my leaders
उन्होंने यह भी साफ़ किया कि उनका इस्तीफ़ा विशुद्धतः विचारधारा के आधार पर है न कि राजनीतिक मौकापरस्ती, क्योंकि वे पार्टी तब छोड़ रहे हैं जब शिव सेना महीने भर से चल रहे सत्ता-संघर्ष में विजयी होकर उभर रही है।
There is a proverb “जब जहाज डूबता है सबसे पहले चूहे कूदकर भागते हैं”
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
But I am leaving on a winning note
I am leaving when ShivSena is in strong postion I am leaving when ShivSena is forming govt in Maharashtra
I am walking out as proud ShivSainik for my ideology n principles
जाते जाते उन्होंने कॉन्ग्रेस पर भगवान श्री राम का विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा, “जो मेरे श्री राम का नहीं है (Congress), वो मेरे किसी काम का नहीं है।” उन्होंने युवा सेना के मुखिया और उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे का धन्यवाद भी किया।
Since last few days people are asking my stand
— Ramesh Solanki (@Rajput_Ramesh) November 26, 2019
Let me be very loud and clear
” जो मेरे श्री राम का नहीं है ( Congress )
वो मेरे किसी काम का नहीं है “
I once again thank Adibhai for giving me love and respect, it was wonderful experience working with you #JaiSriRam pic.twitter.com/v9n8IssWzP