Monday, November 18, 2024
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‘जो श्री राम का नहीं, वो किसी काम का नहीं’ – बाला साहेब के सैनिक ने उद्धव की सेना से दिया इस्तीफ़ा

"जो मेरे श्री राम का नहीं है, वो मेरे किसी काम का नहीं है। जब जहाज डूबता है, तो सबसे पहले चूहे कूदकर भागते हैं... लेकिन मैं तब जा रहा हूँ जब मेरी पार्टी विजयी होकर उभर रही है क्योंकि विचारधारा के आधार पर..."

शिव सेना को सीएम पद के लालच में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने का कदम कितना भारी पड़ने वाला है, यह नज़र आना शुरू हो गया है। उसके कद्दावर पदाधिकारी रमेश सोलंकी ने पार्टी के विचारधारा से भटक जाने के कारण का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है।

रमेश सोलंकी शिवसेना की इकाई युवासेना की आईटी सेल कोर कमिटी मेंबर थे। इसके अलावा वह युवासेना की आईटी सेल कोर कमिटी के मुंबई सेक्रटरी और गुजरात राज्य संपर्क प्रमुख भी थे।

सोलंकी ने ट्विटर पर बताया कि बचपन से बाला साहेब ठाकरे के फायरब्रांड हिंदुत्व, करिश्माई व्यक्तित्व और निडर नेतृत्व से प्रभावित होने के बाद 1998 में वे शिव सैनिक बने थे। उन्होंने कहा कि कई चुनावों में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन वे बृहन्मुम्बई महानगरपालिका से लेकर लोक सभा चुनावों तक हिन्दू राष्ट्र और कॉन्ग्रेस-मुक्त भारत के सपने के लिए काम करते रहे।

उन्होंने कहा कि 21 साल तक बिना पद, प्रतिष्ठा या टिकट की माँग के वे रात-दिन पार्टी के आदेश का पालन करते रहे, लेकिन जब शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कॉन्ग्रेस से हाथ मिला लिया है तो कॉन्ग्रेस का सहयोग करने की इजाज़त उनका ज़मीर नहीं दे रहा है। चूँकि वे आधे-अधूरे मन से कोई काम नहीं करना चाहते, इसलिए वे इस्तीफ़ा दे रहे हैं।

उन्होंने यह भी साफ़ किया कि उनका इस्तीफ़ा विशुद्धतः विचारधारा के आधार पर है न कि राजनीतिक मौकापरस्ती, क्योंकि वे पार्टी तब छोड़ रहे हैं जब शिव सेना महीने भर से चल रहे सत्ता-संघर्ष में विजयी होकर उभर रही है।

जाते जाते उन्होंने कॉन्ग्रेस पर भगवान श्री राम का विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा, “जो मेरे श्री राम का नहीं है (Congress), वो मेरे किसी काम का नहीं है।” उन्होंने युवा सेना के मुखिया और उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे का धन्यवाद भी किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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