Wednesday, April 24, 2024
Homeराजनीति...वो शख्स जिसने चूस लिया अजित पवार का पावर: 3 दिन में सरकार गिरने...

…वो शख्स जिसने चूस लिया अजित पवार का पावर: 3 दिन में सरकार गिरने की अंदरुनी कहानी!

संजय राउत ने कहा है कि अजित पवार शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस गठबंधन के साथ हैं। उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के बाद उद्धव ठाकरे पूरे पाँच साल के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।

महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे में एक और नया अध्याय जुड़ गया। जिस अजित पवार के भरोसे पर भाजपा राज्य में अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही थी, उन्होंने उप-मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

इससे पहले 24 नवम्बर की सुबह देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। इसी शपथ ग्रहण में अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की भी शपथ ली थी। दूसरी ओर महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कॉन्ग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच भी लम्बे समय से खिचड़ी पाक रही थी।

हालाँकि जब अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो शरद पवार ने खुद को उनके इस फैसले से दूर रखा था। उनको पार्टी से तो नहीं हटाया गया था लेकिन पद से जरूर हटा दिया था। इस राजनीतिक समीकरण के बाद से तीनों पार्टियाँ (शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस) अपने-अपने विधायकों को इकठ्ठा करने में लग गई थीं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र के इस सियासी संकट में सबसे हैरान कर देने वाली घटना तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सदन में 27 नवम्बर को होने वाले फ्लोर टेस्ट से ठीक एक दिन पहले अजित पवार ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।

इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 27 नवम्बर को फ्लोर टेस्ट का आदेश आने के बाद अजित पवार ने उनसे खुद संपर्क किया और कहा कि वह इस गठबंधन को आगे अपना समर्थन नहीं दे पाएँगे। इसके बाद ही देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने का निर्णय कर लिया। आने वाले समय में सरकार बनाने वालों को उन्होंने अपनी शुभकामनाएँ दीं। हालाँकि इस दौरान उन्होंने सोनिया गाँधी के नेतृत्व में शपथ ले लेने की ओर इशारा करते हुए शिवसेना पर निशाना भी साधा।

टाइम्स नाउ की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डिप्टी सीएम पद से अजीत पवार के इस्तीफे के पीछे तीन कारण हो सकते हैं। दरअसल अजित को उम्मीद थी कि भाजपा संग उनके गठबंधन को समर्थन देने के लिए कम से कम 30 विधायक ज़रूर साथ होंगे हालाँकि अंत तक उन्हें सिर्फ 12 विधायकों का ही समर्थन मिल सका। इस सियासी घटनाक्रम में धनंजय मुंडे द्वारा यू-टर्न ले लेने से पवार के फैसले पर काफी असर पड़ा। 24 नवम्बर को ही धनंजय मुंडे ने ट्वीट कर यह साफ कर दिया था कि शरद पवार का समर्थन करेंगे।

महाराष्ट्र की सियासत के इन बदलावों के बाद संजय राउत ने कहा है कि अजित पवार शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस गठबंधन के साथ हैं। उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के बाद उद्धव ठाकरे पूरे पाँच साल के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिया इस्तीफा, डिप्टी CM अजित पवार ने भी पद छोड़ा

भाजपा को सरकार बनाने से रोकने की वो साजिश जब डिप्टी सीएम को हवाई जहाज पर छापेमारी के लिए भेजा गया

41 सालों में 4 बार CM रहे लेकिन कभी जनता ने शरद पवार को बहुमत नहीं दिया: बोया पेड़ बबूल का…

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सालों से कॉन्ग्रेस करती आई है देश के लोगों की संपत्ति छीनने की कोशिश, मनमोहन सिंह की सरकार के समय भी रचा गया था...

सैम पित्रोदा के दिए बयान पर आज बवाल हो रहा है लेकिन सच ये है कि भारत की जनता की संपत्ति के पीछे कॉन्ग्रेस 2011 से पड़ी थी। तब, पी चिदंबरम ने इस मुद्दे को उठाया था।

‘संपत्ति सर्वे’ पर पलटे राहुल गाँधी: कहा- सिर्फ जानना चाहता हूँ कि कितना अन्याय हुआ है, पहले कहा था – लोगों की संपत्ति छीन...

देशवासियों की सम्पत्ति का सर्वे करने वाले बयान का कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने बचाव किया है। उन्होंने कहा है इस पर एक्शन की बात नहीं हुई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe