अयोध्या विवाद के मुस्लिम पक्षकारों में से एक सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने राम मंदिर मामले में विवादित जमीन पर अपने मालिकाना हक़ का दावा छोड़ दिया है। इस सम्बन्ध में आज ही बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करेगा। दावा छोड़ने के लिए बोर्ड की ओर से कुछ शर्तें रखी गई है। बोर्ड ने माँग की है कि ‘THE PLACES OF WORSHIP (SPECIAL PROVISIONS) ACT, 1991 ACT NO. 42 OF 1991’ को पूर्णरूपेण लागू कर इसे अभेद्य बनाया जाए। साथ ही सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने यह भी कहा है कि अयोध्या में 22 मस्जिदों के रख-रखाव की जिम्मेदारी सरकार उठाए।
सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने अंतिम शर्त रखी है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के नियंत्रण में जितने भी धार्मिक स्थल हैं, उनकी स्थिति की जाँच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट एक समिति बनाए। उल्लेखनीय है कि अयोध्या विवाद में मुस्लिमों की छह पार्टियॉं है। लेकिन सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के पीछे हटने से उन सब के लिए भी दबाव वाली स्थिति होगी।
#BREAKING | Sunni Wakf Board’s proposal:
— News18 (@CNNnews18) October 16, 2019
-Giving up claim
-Places of Religious Worship Act 1991 be made watertight
-Govt should take over maintenance of around 22 mosques in Ayodhya.
-SC should form a committee to check into status of other religious places under ASI’s control. pic.twitter.com/0mDs50opp8
इससे पहले सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के नेताओं और साधु-संतों के बीच एक बैठक भी हुई, जिसमें इस फ़ैसले को लेकर चर्चा हुई थी। इस बैठक में एक-दूसरे को मिठाई भी खिलाई गई। अयोध्या मामले में आज बुधवार (अक्टूबर 16, 2019) को सुनवाई का अंतिम दिन है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले को और लम्बा खींचने के पक्ष में नहीं है।
#RamMandir – #BabriMasjid: Chief Justice of India Ranjan Gogoi declares that at 5 PM today the hearing in the case will have concluded.
— Bar & Bench (@barandbench) October 16, 2019
“We have already asked all the intervenors to apportion the time accordingly”
उधर, राम मंदिर मामले की अदालती सुनवाई को लेकर सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि आज शाम 5 बजे तक इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने सभी पक्षों को अंतिम दलील रखने के लिए समयावधि प्रदान की है, जिसके बाद सुनवाई समाप्त हो जाएगी।