दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (जून 2, 2020) को बड़ी कार्रवाई करते हुए फ़रवरी के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मामले में 2 चार्जशीट दायर की है। इसमें आम आदमी पार्टी के (अब निलंबित) पार्षद ताहिर हुसैन को मुख्य आरोपित बनाया गया है। उसके भाई शाह आलम सहित 15 अन्य लोगों को आरोपित बनाया गया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने दस्तावेजों के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट पहुँच कर चार्जशीट दाखिल की।
दिल्ली के चांद बाग में हुए दंगों की चार्ज शीट
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) June 2, 2020
केजरीवाल और संजय सिंह का खास ताहिर हुसैन दंगो का मास्टरमाइंड
1 करोड़ 30 लाख रुपये के बम, एसिड और हथियार खरीदे थे
संजय सिंह खुद मान चुका हैं कि ताहिर हुसैन दंगो के दौरान उनसे फोन पर सम्पर्क में था
इस मामले में कुल 70 गवाह हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान दंगे कराने की साजिश पहले ही रच ली गई थी। इसके बाद पूरे नार्थ-ईस्ट दिल्ली में दंगे भड़कने लगे थे। कई हिन्दुओं को मार डाला गया था। चाँदबाग और जफराबाद में हुए दंगों को लेकर ये चार्जशीट दायर की गई। ताहिर हुसैन पर इन दंगों को फंड करने और इसका मास्टरमाइंड होने की बात कही गई है। दंगों को भड़काने में 1.3 करोड़ रुपए से भी ज्यादा फूँके गए।
ताहिर हुसैन के छत से मिले सबूतों के अलावा उसके खिलाफ कई अन्य सबूतों की बात की गई है। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने भी बताया है कि वो दंगे भड़का रहा था। पुलिस को उसके पास से एक पिस्टल भी मिला है, जिसके साथ मिले कुल 200 गोलियों में से 125 गोलियाँ हैं लेकिन 75 बुलेट्स गायब हैं। अब तक ताहिर इसका कोई जवाब नहीं दे पाया है कि 75 गोलियाँ कहाँ गईं। कपिल मिश्रा ने चार्जशीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ताहिर आप नेता संजय सिंह का ख़ास है।
#BREAKING – Delhi Police file 2 chargesheets in riots case.
— CNNNews18 (@CNNnews18) June 2, 2020
Suspended AAP neta Tahir Hussain named as the mastermind.
According to the chargesheet, Tahir Hussain funded the Delhi riots.@Nitisha_Kashyap with more details. pic.twitter.com/cbdgy8ZzQm
पुलिस ने उस वीडियो को भी सबूत के तौर पर लिया है, जिसमें ताहिर हुसैन के गुंडे पेट्रोल बम फेंकते दिख रहे हैं। बता दें कि आईबी में कार्यरत अंकित शर्मा की हत्या के मामले में भी ताहिर हुसैन का ही नाम आया था। उसके गुंडे उसे घसीटते हुए ले गए और फिर चाकुओं से ताबड़तोड़ मार कर उनकी हत्या कर दी गई थी। अंकित शर्मा दोनों पक्षों को समझाने गए थे लेकिन ताहिर के गुंडों ने उलटा उन्हें ही निशाना बना लिया।