दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों की वीभत्स तस्वीरें अभी तक सामने आ रही हैं और न जाने कितनी अभी आनी बाकी हैं। 24 फ़रवरी की शाम जब दिल्ली में हिंसा भड़की थी, उसी शाम इन दंगों की क्रूर वास्तविकता का शिकार 20 साल के दिलबर सिंह नेगी को होना पड़ा था। दिलबर सिंह नेगी को दंगाइयों की भीड़ ने तलवार से काटने के बाद जलते हुए घर में आग के हवाले कर दिया था।
दंगाइयों ने दिलबर सिंह नेगी के हाथ और पैर काटने के बाद उनके शरीर के बाकी हिस्से को जलती आग में फेंक दिया था। इस घटना का पता सबसे पहले ऑपइंडिया के माध्यम से लग पाया था, जब मृतक दलबीर के परिजनों ने हमसे संपर्क स्थापित कर इस भयावह हादसे की सूचना दी थी। दिलबर उत्तराखंड से सिर्फ 6 महीने पहले ही दिल्ली आए थे। वो शिव विहार स्थित एक मिठाई की दुकान पर काम करते थे।
संलग्न किए गए इस ट्वीट में आप मृतक दिलबर सिंह के जले हुए शरीर को देख सकते हैं। इसमें स्पष्ट दिख रहा है कि शरीर से हाथ और पैर गायब हैं, जबकि शरीर का बाकी हिस्सा राख के ढेर में मौजूद है। यानी जलने से पहले उनके शरीर के इन भागों को काट दिया गया था।
Note: विडियो बहुत ही खौफनाक है। इसलिए संपादकीय नीति के तहत हम इसका ट्वीट यहाँ डायरेक्ट एम्बेड नहीं कर रहे हैं। अगर फिर भी आप देखना चाहते हैं तो इसे यहाँ क्लिक कर देख सकते हैं।
दिलबर सिंह उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के निवासी थे। फिलहाल उत्तराखंड सरकार ने मृतक के परिजनों को पाँच लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है।
Uttarakhand Chief Minister’s Office (CMO): CM Trivendra Singh Rawat (file pic) has given ex gratia Rs 5 lakhs to the family of Dalbir Singh, a resident of Pauri Garhwal, who lost his life in #DelhiViolence. pic.twitter.com/pRkVLBmdjI
— ANI (@ANI) February 29, 2020
दिलबर सिंह नेगी उत्तराखंड के पौड़ी जिले स्थित थलीसैण ब्लॉक से सम्बन्ध रखते थे। उनके करीबी श्याम सिंह ने ऑपइंडिया को बताया कि 23 फ़रवरी की शाम कुछ दंगाई शाहदरा इलाके में शोर मचाते हुए घुसे। दंगाइयों ने नेगी को अपना पहला निशाना बनाया। उनके हाथ-पैर काट दिए। फिर पास की दुकान में लगी आग में झोंक दिया। उनके साथ बिल्डिंग में उनके दो अन्य साथी भी मौजूद थे लेकिन वो वहाँ से भाग निकलने में कामयाब रहे।
26 फरवरी को जब दुकान मालिक अनिल पाल पुलिस के साथ अपनी दुकान का हाल जानने वहाँ पहुँचे तो उन्हें मृतक नेगी का शरीर दूसरी मंजिल पर सीढ़ी के पास मिला, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो दंगाइयों को देखकर बिल्डिंग से कूदने की कोशिश कर रहे थे।
उत्तरपूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चाँदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में हिंसा में कम से कम 42 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक लोग घायल हो गए। इन दंगों में व्यक्तिगत से लेकर सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहुँचा है। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूँक दिया और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर गोलीबारी, पेट्रोल बम से हमले किए।
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