Wednesday, November 6, 2024
Homeसंपादक की पसंद'जीजाजी' बने प्रचार समिति के अध्यक्ष: कई बड़े कॉन्ग्रेसी नेता इनके नीचे, जानें उनके...

‘जीजाजी’ बने प्रचार समिति के अध्यक्ष: कई बड़े कॉन्ग्रेसी नेता इनके नीचे, जानें उनके Qualifications

वाड्रा की चुनाव प्रचार समिति का टैगलाइन होगी 'मोदी के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसका देंगे!' वाड्रा ज़मीन को माता मानते हैं। वो रोहित शेट्टी की 'ज़मीन' (2003) की एक सीडी हमेशा अपने पास रखते हैं, जो उनकी फेवरिट फ़िल्म है।

रॉबर्ट वाड्रा पूरे भारत में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने का ऐलान कर चुके हैं। अपनी सास सोनिया गाँधी, बीवी प्रियंका गाँधी और साले राहुल गाँधी की सफलता के लिए वाड्रा भारत भ्रमण पर निकलेंगे। वाड्रा ने कहा है कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी और कॉन्ग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गाँधी के नामांकन पत्र भरने के बाद वह पूरे भारत में कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।

रॉबर्ट वाड्रा ने रविवार (अप्रैल 7, 2019) को कहा कि वह अमेठी और रायबरेली में राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी के नामांकन भरते समय उनके साथ मौजूद रहेंगे। वह इन दोनों नेताओं के लोकसभा क्षेत्रों में जाकर चुनाव प्रचार भी करेंगे। राहुल गाँधी 10 अप्रैल को अमेठी में तो सोनिया गाँधी 11 अप्रैल को रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करेंगी।

कॉन्ग्रेस के लिए रॉबर्ट वाड्रा के चुनाव प्रचार में शामिल होने की खबर पर केंद्रीय वित्त मंत्री और वरिष्‍ठ भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा, “मुझे नहीं पता यह कॉन्ग्रेस के चुनाव प्रचार के लिए फायदेमंद होगा या फिर भाजपा के चुनाव प्रचार के लिए।” वहीं, अरुण जेटली के अलावा केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने भी रॉबर्ट वाड्रा के इस ऐलान पर चुटकी ली है। स्मृति ईरानी ने वाड्रा के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, “मैं इतना ही कहना चाहूँगी कि जहाँ-जहाँ रॉबर्ट वाड्रा प्रचार करने जाना चाहते हैं, वहाँ की जनता आगाह हो जाए और अपनी जमीनें बचा ले।”

वाड्रा की चुनाव प्रचार समिति में ये नेता हो सकते हैं

हमारे गुप्त सूत्रों से पता चला है कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने वाड्रा की अध्यक्षता में एक चुनाव प्रचार समिति भी गठित कर दी है। 10 जनपथ में सेंध लगाए ऑपइंडिया के गुप्त सूत्रों ने हमें एक लिस्ट भी भेजी है जिसमे वाड्रा की चुनाव प्रचार समिति के संभावित सदस्यों के नाम हैं। आगे हम आपको बताएँगे कि इस सूची में किन नेताओं के नाम हैं और उन्हें क्या ज़िम्मेदारियाँ सौंपी जाएँगी। साथ ही, उनको क्यों चुना गया, इसपर भी हम चर्चा करेंगे। सबसे पहले देर न करते हुए उस गुप्त सूची को निकाल कर दुनिया के सामने पेश करते हैं:

मणि शंकर अय्यर: मोदी को कॉन्ग्रेस की सभा में चाय बेचने की सलाह देकर ही मणि शंकर अय्यर वाड्रा की गुड बुक्स में आ गए थे। ऊपर से पाकिस्तान में मोदी को हराने की अपील कर तो मानो उन्होंने वाड्रा का दिल ही जीत लिया। गदगद वाड्रा ने उन्हें चुनाव प्रचार समिति का उपाध्यक्ष बनाया है। गुप्त सूत्रों ने बताया कि एक साल तक जब अय्यर कॉन्ग्रेस से निलंबित थे, तब उनका दाना-पानी वाड्रा ही चला रहे थे। भगवान राम के जन्म पर संदेह करने वाले अय्यर की वफादारी पर वाड्रा को कोई संदेह नहीं है।

नवजोत सिंह सिद्धू: वाड्रा ने सिद्धू को अपनी चुनाव प्रचार समिति की विदेश विंग का प्रमुख बनाया है। उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से उनके अच्छे संबंधों का फ़ायदा मिला। वो जल्द ही पाकिस्तान रवाना होंगे। इस्लामाबाद और रावलपिंडी में उनकी रैली प्रस्तावित भी हो चुकी है। जब सिद्धू ने सोनिया गाँधी का चरण स्पर्श किया था, तभी से वाड्रा उनके फैन हो गए थे।

जगदीश टाइटलर: जगदीश टाइटलर को वाड्रा अपने गुरु की तरह मानते हैं। शायद इसीलिए उन्हें चुनाव प्रचार समिति में रखा गया है। अदालतों और जाँच एजेंसियों का चक्कर लगाते-लगाते टाइटलर को क़ानून से बचने के सारे तरकीबों का ज्ञान हो चुका है और वाड्रा उनसे अक्सर सीखते रहते हैं। टाइटलर की दाढ़ी उन्हें एक इलीट लुक देती है और वाड्रा को इलीट लोग पसंद हैं।

दिग्विजय सिंह: दिग्गी राजा ने जबसे दूसरी शादी की है, तभी से वाड्रा को उनमें अच्छी काबिलियत नज़र आ रही है। पुरुषों एवं महिलाओं के बीच उनकी लोकप्रियता को देखते हुए दिग्विजय को इस चुनाव प्रचार समिति का मार्गदर्शक बनाया गया है। गुप्त सूत्रों ने विशेष जानकारी देते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान वाड्रा की सारी सुख-सुविधाओं का ख्याल रखने की जिम्मेदारी भी दिग्विजय को ही दी गई है। मीनाक्षी नटराजन को ‘टंच माल’ कह चुके दिग्गी वाड्रा की समिति में टंच एंट्री लेंगे। दिग्विजय समय-समय पर वाड्रा को रिलेशनशिप सलाह देते रहते हैं।

कपिल सिब्बल: इन्हे वाड्रा की चुनाव समिति में इसीलिए रखा गया है ताकि अगर बीच में उनके ख़िलाफ़ अदालत से कोई समन वगैरह आता है तो स्थिति को संभाला जा सके। सुबह अनिल अम्बानी को गाली देकर दोपहर में उसी अनिल अम्बानी के लिए अदालत में पेश होने वाले सिब्बल वाड्रा की चुनाव प्रचार समिति के अकेले ऐसे सदस्य होंगे जो चुनाव प्रचार नहीं करेंगे क्योंकि उन्हें देखकर आदमी तो दूर, जानवर भी भाग जाते हैं। चुनावी दौरों में इन्हे बुर्के में रखा जाएगा।

इन सबके अलावा कुछ ऐसे नेता भी हैं, जिन्होंने वाड्रा की चुनाव प्रचार समिति में शामिल होने के लिए आवेदन तो दिया था लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। शशि थरूर इस समिति में आना चाहते थे लकिन वाड्रा को उनकी अंग्रेजी से आपत्ति है। वाड्रा का मानना है कि देश की अधिकतर जनता उनकी तरह ही किसान है और किसान इतनी ज्यादा अंग्रेजी नहीं जानते। नरेंद्र मोदी को अनपढ़ और गँवार कह चुके संजय निरुपम के आवेदन को वाड्रा इसीलिए रिजेक्ट कर दिया क्योंकि उनका मानना है कि मोदी भले ही जो भी हों लेकिन वो भी उनकी ही तरह काफ़ी नीचे से ऊपर आए हैं। इसलिए ऐसे कमेंट्स का वाड्रा विरोध करते हैं।

वाड्रा की चुनाव प्रचार समिति का टैगलाइन होगी ‘मोदी के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसका देंगे!!

ज़मीन से जुड़े, ज़मीन-प्रेमी वाड्रा ने मोदी के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसकाने की ठान ली है।

वाड्रा धरती को माता मानते हैं। वो रोहित शेट्टी की ‘ज़मीन’ (2003) की एक सीडी हमेशा अपने पास रखते हैं, जो उनकी फेवरिट फ़िल्म है। हमारे गुप्त सूत्र दिग्वजय सिंह से वाड्रा के बारे में अन्य जानकारी निकलवाने में लगे हुए हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस ईमान खलीफ का मुक्का खाकर रोने लगी थी महिला बॉक्सर, वह मेडिकल जाँच में निकली ‘मर्द’: मानने को तैयार नहीं थी ओलंपिक कमेटी,...

पेरिस ओलंपिक में महिला मुक्केबाजी में ईमान ने गोल्ड जीता था। लोगों ने तब भी उनके जेंडर पर सवाल उठाया था और अब तो मेडिकल रिपोर्ट ही लीक होने की बात सामने आ रही है।

दिल्ली के सिंहासन पर बैठे अंतिम हिंदू सम्राट, जिन्होंने गोहत्या पर लगा दिया था प्रतिबंध: सरकारी कागजों में जहाँ उनका समाधि-स्थल, वहाँ दरगाह का...

एक सामान्य परिवार में जन्मे हेमू उर्फ हेमचंद्र ने हुमायूँ को हराकर दिल्ली के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। हालाँकि, वह 29 दिन ही शासन कर सके।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -