NDTV से जुड़ी 2 खबर है। पहले छोटी खबर:
NDTV बिकने को तैयार है। फॉर्च्यून कड़ुआ तेल (सरसों तेल, कच्ची घानी वाली) बेचने वाली कंपनी अडानी (Adani) ने NDTV में 29.18% हिस्सेदारी हासिल कर ली है। इसके बाद ओपन ऑफर भी लॉन्च कर दिया है।
#JustIn | #Adani group subsidiary AMG Media Networks Limited to indirectly acquire 29.18% stake in NDTV & launch Open Offer: #AdaniGroup statement. | @LangaMahesh reports
— The Hindu (@the_hindu) August 23, 2022
खबर पक्की है। वामपंथियों के सरताज The Hindu ने भी ट्वीट कर दिया है। खबर तो हालाँकि पहले भी थी लेकिन वामपंथियों ने तब इसे अफवाह बता दिल को थाम लिया था।
अब बड़ी खबर:
रवीश कुमार ने दुख की इस घड़ी में NDTV से इस्तीफा दे दिया। यह खबर NDTV के भीतर रहने वाले मेरे सोर्स ने ही बताया। मैंने इतने साल मीडिया में रह कर कई सोर्स कमाए हैं। NDTV का यह सोर्स मुझे वहाँ के भीतर तक की खबर देता है।
वामपंथी लोगों को दिल से बुरा लगा है… लेकिन इसे सामान्य खबर मान दिल बहला रहे हैं, आँसू रोके रखे हैं… प्लाकार्ड नहीं निकाले हैं। NDTV-माइनस-रवीश वाली खबर पर कई लोग “कोई और आएगा, झंडा बुलंद करेगा” जैसे क्रांति गीत गा रहे। रवीश कुमार NDTV से इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन आपातकाल-गीत नहीं बज रहा… यह मीडिया और वामपंथियों के लिए शर्म की बात है।
रवीश कुमार हिंदी मीडिया के एकमात्र पत्रकार हैं, इसमें कोई शक नहीं। शक इसमें भी नहीं कि NDTV ही एक मात्र ऐसी जगह थी, जिसके पत्रकारों और उनके राडिया टेप के कारण चौथा खंभा टिका हुआ था लेकिन भूखा आदमी आखिर करे क्या? कड़ुआ तेल थोड़े ना पी के रह लेगा!
अभी न जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नहीं
2015 में रवीश कुमार ने यह गाना गाया था। रवीश ने तब प्यार से इस्तीफा को इस्तीफ़ू बुलाते हुए गाना गाया था… “अभी न जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नहीं।” 2015 की चीज को अभी क्यों याद करवा रहा हूँ? कारण है। दुख, तकलीफ, दर्द… वो सब जो रवीश ने NDTV में रहते हुए झेला। कैसे?
“तुम्हें कभी न लिख पाने वाला एक पत्रकार” – इस कारण की बात कर रहा था मैं। इस्तीफ़ू पर पत्र लिख कर रवीश ने निशाना किसी और पर साधा लेकिन हस्ताक्षर करते वक्त ‘मन की बात’ लिख ही डाली।
खबर Zee News से भी
यह सोर्स वाली खबर है। लेकिन इसमें मुझे भीतर तक की खबर नहीं है। बस इतना जानता हूँ कि सोर्स है बहुत दमदार। रवीश कुमार और सुधीर चौधरी दोनों को दाएँ-बाएँ लेकर चलता है।
NDTV और अडानी के बीच डील की खबर रवीश कुमार को लग गई थी। बड़े पत्रकार हैं, लगनी भी चाहिए। लेकिन पत्रकारिता पर दाग न लगे, इसलिए रवीश ने इस्तीफ़ू दे दिया। क्यों?
क्योंकि रामदेव के विज्ञापन को NDTV पर रवीश झेल जाते थे, अडानी को कैसे झेलते… इसका रास्ता नहीं दिखा। यह भी गवारा नहीं कि हर दिन स्क्रीन काली ही कर दी जाए। क्योंकि TV नहीं देखने के लिए रवीश हमेशा बोलते रहे थे, रहे हैं… NDTV नहीं देखने पर आज तक नहीं बोले हैं… हेहेहे!
इसलिए इस्तीफ़ू दे दिया। लेकिन Zee News वाली खबर इस्तीफ़ू के पहले की है। दमदार सोर्स ने बताया कि इस्तीफ़ू से पहले वो Zee News के ऑफिस जाकर प्राइम टाइम वाला DNA बुक कर लिए थे। बस एक शर्त माननी पड़ी। प्राइवेट नौकरी बिना शर्तों के होती भी कहाँ है!
और शर्त ये है – रवीश कुमार के DNA शो में Adani के फॉर्च्यून कड़ुआ तेल का विज्ञापन साथ-साथ चलता रहेगा… हेहेहे!