Sunday, November 17, 2024
Homeहास्य-व्यंग्य-कटाक्षमहान मुगलों का जानिए सच्चा इतिहास, हिंदुओं ने उन्हें बदनाम किया: इतिहासकार फख्तर का...

महान मुगलों का जानिए सच्चा इतिहास, हिंदुओं ने उन्हें बदनाम किया: इतिहासकार फख्तर का शोध

बाबर ने अपने भारी वैज्ञानिक बुद्धि से गंगा की खोज की, जहाँ-जहाँ वह बहती थीं, उसका मैप तैयार किया। इसके बाद श्री बाबर जी ने गंगा और जमुना का संगम करवाया। हिंदुओं ने भ्रम फैलाया कि रामचरितमानस को तुलसीदास जी ने लिखा, जबकि वास्तविकता में इसका निर्माण अकबर जी के रहमोकरम से हुआ था।

पिछले कुछ समय में मुगलों को लेकर हमारे समाज में कई गलत धारणाएँ बनी हैं। इतिहास के पन्ने कुरेद-कुरेद कर उन्हें अत्याचारी और आतताई बताने की कोशिशें हुई हैं। उनके महान कार्यों को तथ्यों से काटकर ऐसा दर्शाया गया है कि उन्होंने भारत में हिंदुओं पर बहुत जुल्म किया। लेकिन हकीकत में क्या आप जानते हैं कि महान मुगलों का सच्चा इतिहास क्या है, जिसे हिंदुओं ने समय के साथ बदल दिया?

आप जानते हैं कि रामचरितमानस के असली रचियता कौन हैं? या जिन गंगा मैया को लेकर कहा जाता है कि उन्हें भागीरथ अपने प्रयासों से धरती पर लाए, उनका बाबर से क्या कनेक्शन है? गाय – जिन्हें हिंदू माँ कहते हैं, वो भारत में कैसे आई? और संस्कृत ने उर्दू से कितने शब्द चुराए? नालंदा में क्या वाकई बख्तियार खिलजी ने आग लगाई? आदि-आदि।

इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए, महान मुगलों का इतिहास सामने लाकर रखने के लिए ऑपइंडिया संपादक अजीत भारती ने भारतीय इतिहास के बहुत बड़े जानकार लहसुन फख्तर से इस विषय पर बात की। साथ ही नासा के कई सॉफ्टवेयर की मदद लेते हुए उन्होंने सच्चाई का पता लगाया और शोधपरक तथ्य दुनिया के सामने लेकर आए। हमारा दावा है कि इन तथ्यों को जानने के बाद जो भी हिंदू सड़कों पर हीरो बने घूम रहे हैं, उन सबकी अक्ल ठिकाने आ जाएगी।

जैसे नालंदा को लेकर बख्तियार खिलजी को अक्सर बदनाम किया जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने उसमें आग लगाई। लेकिन जब हमने इस बारे में इतिहास खंगाला तो मालूम हुआ कि जो बताया गया, सच्चाई उससे बिलकुल अलग है। दरअसल, बख्तियार खिलजी ने जानबूझकर कुछ नहीं किया वो तो उनके घोंड़ों की नाल से निकली चिंगारी ने विकराल आग का रूप धरा था और कुछ काफिरों ने उस समय ये लिख डाला कि उन्होंने खिलजी को हजारों की सेना के साथ नालंदा में आग लगाते देखा।

इसी तरह गंगा को लेकर फैलाए झूठ का भी हमारी पड़ताल में पर्दाफाश हुआ। लोग कहते हैं कि उन्हें भागीरथ धरती पर लाए। मगर क्या किसी ने देखा? नहीं। क्योंकि वास्तविकता तो यह है कि बाबर ने उनकी खोज की और अपना विज्ञान लगाते हुए गंगा की सारी चालाकी समझ ली। उन्होंने उसका पूरा पता लगाया और जहाँ-जहाँ वह बहती थीं, उसका मैप तैयार किया। इसके बाद अपने भारी वैज्ञानिक बुद्धि से ही श्री बाबर जी ने गंगा और जमुना का संगम करवाया।

भारत में गाय को लेकर हिंदू दावा कर देते हैं कि वो उनकी गौमाता हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि गायों का गाँव-गाँव में मिलना भी मुगल शासकों की रहमदिली ही है। सच यह है कि जब बलात्कारी बाबर और पूरे बलात्कारी मुगलिया खानदान में कोई बच्चा होता, तो वे हर बच्चे के पैदा होने पर एक पहाड़ पर जाते थे (जो अरब के रेतों से छुपा था), और वहाँ पर एक गाय प्रकट होती थी, जिसे वो ले कर आते थे। इसी तरह भारत में गाय आई।

आज हिंदू लोग आरोप लगाते हैं कि मुगलों ने भारत में आकर भारत की संस्कृति पर हमला किया। उनके धार्मिक स्थलों को तोड़ा, उनके रहन-सहन, खाने-पीने को बिगाड़ा। लेकिन सच तो यह है कि हिंदुओं ने सिर्फ़ उन्हें लेकर भ्रम फैलाया। पहले उनकी उर्दू से शब्द चुराकर हिंदी बनाई और फिर रामचरितमानस को लेकर कहा कि उसे तुलसीदास जी ने लिखा, जबकि वास्तविकता में इसका निर्माण अकबर जी के रहमोकरम से हुआ था।

अब आगे इसी प्रकार मुगलों का पूरा सच, उनकी दरियादिली जानने के लिए ऑपइंडिया संपादक का शोधपरक वीडियो नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके देखें।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

अजीत भारती
अजीत भारती
पूर्व सम्पादक (फ़रवरी 2021 तक), ऑपइंडिया हिन्दी

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -