Monday, December 23, 2024
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‘द हिन्दू’ की ‘फ्रंटलाइन’ और TV9 ने 20 लाख EVM गायब होने की फेक न्यूज़ लगाने की बात स्वीकारी

TV9 भारतवर्ष ने अपनी रिपोर्ट को डिलीट कर दिया है, लेकिन इस फर्जी रिपोर्ट को सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से फैलाया जा रहा है। भले ही वे ईसीआई द्वारा झूठ करार दिए गए हों। मीडिया हाउसेस के अपनी फर्जी रिपोर्ट वापस लेने के बाद भी, वे सोशल मीडिया और ऑनलाइन मंचों पर तेजी से वायरल होते हैं, और इस तरह से ऐसी फर्जी रिपोर्ट बनाने का उद्देश्य पूरा हो जाता है।

भारतीय चुनाव आयोग (EC) ने कुछ मीडिया हाउसेस द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि 20 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) ECI के कब्जे से गायब हो गए थे। शेफाली बी. शरण, ईसीआई की प्रवक्ता ने आयोग की ओर से फ्रंटलाइन पत्रिका और टीवी 9 भारतवर्ष चैनल के संपादकों को संबोधित करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें उनके झूठे दावों का खंडन किया गया है।

वेंकटेश रामाकृष्णन द्वारा लिखित “मिसिंग ईवीएम” शीर्षक की स्टोरी ‘24 मई, 2019’ फ्रंटलाइन पत्रिका के प्रिंट संस्करण में प्रकाशित हुई थी। फ्रंटलाइन एक पाक्षिक अंग्रेजी भाषा की पत्रिका है जिसका प्रकाशन चेन्नई के द हिंदू ग्रुप ऑफ पब्लिकेशन द्वारा किया जाता है। टीवी चैनल TV9 भारतवर्ष ने यही आरोप दोहराते हुए एक रिपोर्ट प्रसारित की थी।

रिपोर्ट में बंबई उच्च न्यायालय में एक आरटीआई-आधारित जनहित याचिका के स्रोतों का हवाला देते हुए अपने दावे को सही ठहराने की कोशिश की गई थी। इस रिपोर्ट के माध्यम से, लेखक ने बताया है कि 2019 के आम चुनावों में ईवीएम के प्रति अविश्वसनीयता थी। इसी संदेह के दायरे में ECI को भी बदनाम करने की कोशिश की गई थी।

फ्रंटलाइन मैगज़ीन को जारी नोटिस

यह ध्यान देने योग्य है कि इस रिपोर्ट में आरटीआई आवेदन के माध्यम से प्राप्त की गई कुछ सूचनाओं को चुनिंदा रूप से उद्धृत किया है, जो कई सार्वजनिक प्राधिकरणों और बॉम्बे उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका का हिस्सा है। पूरी रिपोर्ट में केवल आंशिक और एकतरफा जानकारी दी गई है, जो कि गलत तथ्यों पर आधारित है और आम जनता के मन में EVM एवं ECI के प्रति संदेह पैदा करने की कोशिश की गई है।

TV9 भारतवर्ष को जारी नोटिस

ईसीआई के बयान में EVM के रखरखाव से लेकर परिवहन तक के लिए कोई उचित प्रणाली और बुनियादी ढाँचे की अनुपस्थिति की रिपोर्ट में की गई अटकलों को खारिज कर दिया गया है, इन दावों को खारिज करते हुए, बयान में कहा गया है कि ईसीआई ईवीएम और वीवीपीएटी के सम्बन्ध में सख्त प्रोटोकॉल और अनुपालन प्रक्रियाओं का पालन करता है और कोई भी मशीन चुनाव आयोग की पूर्व अनुमति के बिना ईसीआई गोदाम से कहीं भी नहीं ले जाया जा सकता है।

बयान में इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला गया कि राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) स्वतंत्र संवैधानिक निकाय हैं जो स्थानीय निकाय चुनाव कराते हैं और ईसीआई के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। बयान में मतदाताओं के मन में संदेह पैदा करने के लिए ईवीएम के बारे कुछ मीडिया हाउसेस द्वारा झूठ फैलाने के लिए ऐसी फेक रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण प्रयास बताया गया।

ईसीआई के प्रवक्ता ने बताया कि फ्रंटलाइन के संपादक ने स्वीकार किया है कि उनकी रिपोर्ट झूठी है और इस सम्बन्ध में एक अन्य रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। वहीं दूसरी ओर, TV9 Bharatvarsh ने अपनी वेबसाइट और Youtube से अपनी रिपोर्ट हटा दी है।

यह पहली बार नहीं है जब हिंदू समूह के प्रकाशनों से जुड़ी पत्रिका झूठी और फर्जी खबर फैलाते हुए पकड़ी गई है। हमने पहले भी बताया था कि कस्तूरी एंड संस लिमिटेड के अध्यक्ष एन. राम और द हिंदू के प्रकाशक ने राफेल सौदे के बारे में भी झूठ बोला था।

हालाँकि, TV9 भारतवर्ष ने अपनी रिपोर्ट को डिलीट कर दिया है, लेकिन इस फर्जी रिपोर्ट को सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों से अभी भी फैलाया जा रहा है। भले ही वे रिपोर्ट और वीडियो ईसीआई द्वारा झूठ करार दिए गए हों। मीडिया हाउसेस के अपनी फर्जी रिपोर्ट वापस लेने के बाद भी, वे सोशल मीडिया और ऑनलाइन मंचों पर तेजी से वायरल होते हैं, और इस तरह से ऐसी फर्जी रिपोर्ट बनाने का उद्देश्य पूरा हो जाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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