पत्रकारिता के समुदाय विशेष (मुख्यतः The Hindu और ईसाई फे डिसूज़ा के सम्पादन में चलने वाला Mirror Now) के द्वारा इस्कॉन/गौड़ीय वैष्णव सम्प्रदाय के एनजीओ ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ के खिलाफ चल रहे दुष्प्रचार को भारत ने बड़ा तमाचा मारा है। अपने धार्मिक आग्रहों को बच्चों की भोजन जरूरतों की कीमत पर थोपने का आरोप लगाने वाले The Hindu के लेख और फे डिसूज़ा द्वारा इसी मुद्दे पर अक्षय पात्र पर कीचड़ उछालने की कोशिश के बाद लेखक, वैज्ञानिक और स्वराज्य पत्रिका के स्तम्भकार आनंद रंगनाथन की अपील पर 510 लोगों ने 11 घंटे में अक्षय पात्र फाउंडेशन को ₹21 लाख का दान दिया है, कुछ ने तो अपनी पॉकेट मनी तक दान कर दी।
रंगनाथन की अपील, बातें नहीं पैसे से ठोस समर्थन दिखाओ
The Hindu ने दो-चार बच्चों की प्याज-लहसुन के बिना पकाए गए खाने की नापसंदगी को पूरे कर्नाटक के बच्चों द्वारा अक्षय पात्र के मिड डे मील को ख़ारिज करने की कहानी रचते हुए लेख छापा था। इस पर ऑपइंडिया समेत देश के अधिकाँश हिस्सों से तीखी प्रतिक्रिया हुई थी।
This is a conspiracy against d Akshay Patra Foundation financed by the soul harvesters, because TAPF is a proudly Hindu organisation. TAPF has been providing meals for over 9 crore school children in India and are known for their stringent quality control, taste and hygiene. https://t.co/vYeULDR5oJ
— Shefali Vaidya ஷெஃபாலி வைத்யா शेफाली वैद्य (@ShefVaidya) June 2, 2019
इसके बाद Mirror Now की सम्पादिका फे डिसूज़ा ने भी इस पर The Hindu सरीखा ही प्रोग्राम किया।
Editorial — We cannot use religious philosophy to dictate what these children will or will not eat, simply because they’re poor. @fayedsouza pic.twitter.com/sKWpRpb1ky
— Mirror Now (@MirrorNow) June 4, 2019
इसके बाद आनंद रंगनाथन ने अक्षय पात्र के समर्थकों से अपील की कि केवल जबानी समर्थन देने की बजाय अक्षय पात्र के कार्य के समर्थकों को अपना पैसा अपने समर्थन के रूप में लगाना चाहिए। तभी हिन्दूफ़ोबिक गिरोहों को जवाब मिलेगा।
The ONLY way bigoted, illogical, anti-science, Hinduphobic vested interests can be silenced, is when you put your money where your mouth is.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) June 7, 2019
Please donate to @AkshayaPatra. And do reply with a confirmation that you have done so. Very grateful. Thanks. https://t.co/YsWpn90Atr
उनकी इस अपील के बाद समर्थकों ने अक्षय पात्र को भारी मात्रा में दान भेजना शुरू कर दिया। महज़ 11 घंटे के अंतराल में अक्षय पात्र को 510 सोशल मीडिया यूज़र्स ने ₹21 लाख दान कर दिए। जहाँ एक अनाम दानदाता ने ₹2 लाख अकेले दान किए, वहीं पूरी दान राशि का औसत ₹3800 प्रति व्यक्ति के आसपास रहा। स्वराज्य पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार एक व्यक्ति ने तो एक दूसरे व्यक्ति की ओर से भी दान किया, जब उसे पता चला कि वह व्यक्ति अक्षय पात्र फाउंडेशन का समर्थक तो है लेकिन आर्थिक मजबूरी के चलते दान करने में अक्षम है।
I don’t earn yet but I gave away something from my pocket-money ? pic.twitter.com/Xy4G6PUgeB
— சமர்த்த (@PoirotH_) June 7, 2019
Call to arms! What better way to spend money than to feed hungry children an eco-friendly, kind, sustainable, planet-friendly diet. I support #Akshayspatra and their ideology. I will protect them against hate-filled bigots. pic.twitter.com/3N4ojuW2y5
— Deepika ? (@ahlade) June 7, 2019
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के सम्पादक सुनील जैन ने भी मुहिम में हिस्सा लिया।
My piece on @AkshayaPatra @TVMohandasPai https://t.co/jrMHO5Q8jg
— Sunil Jain (@thesuniljain) June 7, 2019
And yes, thanks to @ARanganathan72‘s tweet-plea, I’ve made a small donation.
Once again, thank you for what you’ve created @AkshayaPatra Philanthropy married with scale is what India needs
लोगों के इस भारी समर्थन के लिए आंनद रंगनाथन ने उन्हें धन्यवाद करते हुए ट्वीट किया:
Just crossed 510 donations in 11 hours. Average donation size now Rs 3800 excluding the one single donation of Rs 2 lacs. Please keep them coming.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) June 7, 2019
Thank you SO much everyone, but above all, thank YOU @AkshayaPatra. You are an inspiration. And the PRIDE of India.
Good night. TY.
अक्षय पात्र ने हाल ही में अपना 300 करोड़-वाँ मिड डे मील परोसा था। इस उपलक्ष्य में वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में उसके कार्यक्रम में उपस्थित हो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद 20 बच्चों को खाना खिलाया।