मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर के आसपास खुदाई के दौरान करीब 1000 वर्ष पुराने मंदिर का ढाँचा मिला है। पुरातत्व विभाग के अधिकारी डॉ. रमेश यादव के हवाले से दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि 11वीं-12 सदी का मंदिर नीचे दबा हुआ है। इस खुदाई से परमार काल की वास्तुकला की अद्भुत कलाकृति सामने आई है।
खुदाई महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए की जा रही है। बीते 30 मई 2021 को मंदिर के अगले हिस्से में जमीन के अंदर से देवी की मूर्ति निकली थी, जिसके बाद खुदाई को प्रशासन ने वहीं पर रोक दिया। इसकी जानकारी मिलने पर संस्कृति विभाग ने आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट के चार अधिकारियों को मंदिर का निरीक्षण करने के लिए भोपाल से भेजा था।
टीम को लीड कर रहे डॉ. यादव ने बताया है कि मंदिर के उत्तर वाले हिस्से में ढाँचा मिला है। दक्षिण में जमीन से चार मीटर नीचे एक दीवार भी मिली है, जिसके करीब 2100 साल पुराने होने का अनुमान है।
अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मंदिर का निर्माण किसने करवाया था, इसको लेकर फिलहाल अध्य्यन चल रहा है। मंदिर के ढाँचे का अलाइनमेंट करने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुँचा जा सकता है। वहीं उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि पुरातात्विक अवशेष को बचाने की कोशिशों के कारण कार्य बहुत ही धीमा हो गया है।
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भी मंदिर परिसर की खुदाई के दौरान हवन कुंड, चूल्हा समेत कई अन्य चीजें मिली थीं। अब दोबारा से चीजें मिल रही हैं, जो काफी महत्वपूर्ण है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार अब तक हुई खुदाई में परमारकालीन मंदिर के पाषाण खंभ, छत का हिस्सा, शिखर आदि के अवशेष मिले हैं। साथ ही दो हजार साल पुराने शुंग और कुषाण काल में निर्मित मिट्टी के बर्तनों के भी अवशेष मिल चुके हैं।
गौरतलब है कि महाकाल मंदिर के विस्तार को इसी साल जनवरी में हरी झंडी दिखाई गई थी। प्रदेश की शिवराज सरकार ने इसके लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। दिसंबर 2020 में फ्रांस के राजदूत अपनी पत्नी के साथ महाकाल के दर्शन के लिए आए थे। दर्शन के बाद उन्होंने ऐलान किया था कि फ्रांस की सरकार ‘महाकाल मंदिर विकास योजना’ में 80 करोड़ रुपए दान करेगी।