Tuesday, March 18, 2025
Homeविविध विषयधर्म और संस्कृतिबाजे रे बाजे रे ढोल बाजे... UNESCO की विरासत सूची में गुजरात का 'गरबा'...

बाजे रे बाजे रे ढोल बाजे… UNESCO की विरासत सूची में गुजरात का ‘गरबा’ शामिल, उत्सव में डूबे लोग न्यूयॉर्क में झूमे

गुजरात के प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य गरबा को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक (UNESCO) संगठन ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित किया है। इस घोषणा के बाद FIA एनवाई-एनजे-सीटी-एनई ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर कई समूहों और भारतीय महावाणिज्य दूतावास के समर्थन के साथ एक स्मारक गरबा समारोह का आयोजन किया।

गुजरात के प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य गरबा को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक (UNESCO) संगठन ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत घोषित किया है।

इस घोषणा के बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (FIA) एनवाई-एनजे-सीटी-एनई ने न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर कई समूहों और भारतीय महावाणिज्य दूतावास के समर्थन के साथ एक स्मारक गरबा समारोह का आयोजन किया।

इस आयोजन में भारतीय पारंपरिक वेशभूषा में गरबा खेलते नजर आए। सुन सकते हैं पीछे ढोल बाजे गाना बज रहा है और दूसरी ओर वहाँ रहने वाले भारतीय उसपर झूम रहे हैं।

वीडियो को देखने के बाद भारत बैठे लोग भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। इस खबर को सुन भारत को इनक्रेडिबल इंडिया कहा जा रहा है। लोग खुशी में कहीं गरबा खेल रहे हैं तो कहीं उससे जुड़ी फोटो वीडियोज देख आनंद ले रहे हैं।

यूनेस्को वेबसाइट पर गरबा को लेकर कहा गया कि यह एक भक्तिपूर्ण नृत्य है। इसे नवरात्रि के त्योहार पर किया जाता है जो आदिशक्ति को समर्पित है। यह नृत्य कलश के चारों ओर होता है जिसमें लौ जलती है। इसके अलावा वहाँ देवी माँ अम्बा की एक तस्वीर भी होती है।

बता दें कि यूनेस्कों ने जिस लिस्ट में गरबा नृत्य को शामिल किया है उसमें भारत की परंपराओं या सांस्कृतिक आयोजन जैसे कि रामलीला, वैदिक मंत्रोच्चार, कुंभ मेला और दुर्गा पूजा को भी पहले जगह मिली है। गरबा के इस लिस्ट में शामिल होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, “यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत सूची में गरबा का शामिल होना हमारी संस्कृति की एक सुंदरता है। हमें इसका सम्मान करते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए इसका संरक्षण करना चाहिए।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाकुंभ आयोजन 1857 की क्रान्ति जैसा, यह बदलेगा देश की दिशा और दशा: लोकसभा में बोले पीएम मोदी, कहा- परंपरा से जुड़ रही नई...

पीएम मोदी ने कहा कि देश के इतिहास में कई ऐसे पल आए हैं, जिन्होंने इसे झकझोर कर रख दिया और नई दिशा दी। उन्होंने महाकुंभ को भी ऐसा ही एक आयोजन बताया है।

हिमाचल की जिस बस पर नहीं होगा भिंडरावाले का पोस्टर उसे पंजाब में घुसने नहीं देंगे: दल खालसा की धमकी, कुल्लू में झंडा विवाद...

हिमाचल प्रदेश के भीतर भिंडरावाले के पोस्टर हटाए जाने के बाद अब HRTC बसों को निशाना बनाया जा रहा है। कहा गया है कि यह पोस्टर जिन बसों पर नहीं होगा, उन्हें एंट्री नहीं मिलेगी।
- विज्ञापन -