वाराणसी में विवादित ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान शिवलिंग के उस स्थान से मिलने का दावा किया जा रहा है जहाँ पर नमाज़ से पहले वज़ू किया जाता था। मिली जानकारी के मुताबिक शिवलिंग ज्ञानवापी के तालाबनुमा कुएँ में मिला है। इस जगह को वज़ूखाना कहा जाता था। इस तालाब के पानी को पम्प से खाली करवाया गया जिसके बाद उसमें शिवलिंग दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि इस तालाब का पानी न निकालने के लिए मुस्लिम पक्ष की तरफ से तमाम तरह की दलीलें भी दी गईं।
#ज्ञानवापी_मंदिर में नमाज़ पढ़ने जाने वालों को पता था कि तालाब में शिवलिंग हैं इसीलिये तो मौलवी लोग तालाब के पानी को निकालने का विरोध कर रहे थे..कह रहे थे ‘मछलियाँ’ मर जायेंगी
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) May 16, 2022
पर Survey टीम ने पानी बाहर निकाला तो 12 फिट 8 इंच का शिवलिंग निकला
ख़ुदा कैसे माफ़ करेगा आपको भाईजान🤔?
मेजर सुरेंद्र पुनिया के मुताबिक, “नमाज़ पढ़ने वाले जानते थे कि तालाब में शिवलिंग हैं। इसीलिए तो मौलवी लोग तालाब के पानी को निकालने का विरोध कर रहे थे। वो कह रहे थे कि ‘मछलियाँ’ मर जाएँगी। पर सर्वे टीम ने पानी को बाहर निकाला तो 12 फिट 8 इंच का शिवलिंग निकला।”
शिवलिंग मिलने के बाद सीनियर डिवीजन सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने विवादित ज्ञानवापी ढाँचे को सील करने के आदेश दिए। अपने आदेश में उन्होंने लिखा कि शिवलिंग एक ठोस प्रमाण है। इसी के साथ उन्होंने CRPF को ज्ञानवापी परिसर को अपनी सुरक्षा में लेने का आदेश देते हुए मुस्लिमों के उसमें घुसने पर रोक लगा दी।
BREAKING| Varanasi Court Seals Place In Gyanvapi Mosque Where Shiva Linga Was Found In Survey; Prohibits Entry Of Any Person In Sealed Place @ISparshUpadhyay https://t.co/tEQakTt7tm
— Live Law (@LiveLawIndia) May 16, 2022
क्या होता है वज़ूखाना
वज़ूखाना वो जगह है जहाँ नमाज़ी नमाज़ से पहले अपने हाथों और पैरों को साफ़ करते हैं। इस्लामी मान्यताओं के मुताबिक ऐसा इबादत से पहले साफ-सफाई के लिए किया जाता है। वज़ूखाना मूलतः 2 शब्दों से मिल कर बना है। पहला वज़ू जिसका अर्थ होता है शरीर के अंगों को साफ़ करना और दूसरा खाना जिसका मतलब उस जगह से है जहाँ वज़ू किया जाता है।