Monday, December 23, 2024
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प्रोपेगंडा से आहत महंत ने रोते हुए छोड़ा पद, ‘The Lallantop’ ने चला दिया था शिवलिंग को फव्वारा बताने वाला बयान: कहा – 9 दिन से व्यथित हूँ

"इन 9 दिनों में मुझे बेहद कष्ट हुआ है। (रोते हुए) इन कष्टों के प्रायश्चित स्वरूप वर्तमान में मैं इस पद को साथ लेकर चलने में असमर्थ हूँ। इस घटनाक्रम के क्षोभ की अग्नि में मेरी स्वाभाविक सौम्यता आहूत हो गई है।"

ज्ञानवापी विवादित ढाँचे को लेकर ‘The Lallantop’ ने काशी करवट के महंत गणेश शंकर उपाध्याय (Ganesh Shankar Upadhyay) के हवाले से ‘शिवलिंग नहीं फव्वारा’ वाला बयान चला दिया था। अब उन्होंने महंत पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद उनके छोटे भाई दिनेश शंकर उपाध्याय (Dinesh Shankar Upadhyay) नए महंत बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एजेंडे के तहत चलाई गई खबर से वो काफी आहत हुए हैं और अब वो खुद इस पद पर आसीन नहीं रहना चाहते हैं। साथ ही ये भी कहा कि इस तरह की हरकतें करने वालों को भगवान सजा देगा।

‘खबर इंडिया’ के केशव मालान के द्वारा शेयर किए गए वीडियो में गणेश शंकर उपाध्याय कहते हैं, “मैं आज, अभी, इसी सभा में महंत पद की गरिमा, मर्यादा और निर्बाध परंपरा की रक्षा के लिए अपने पद का त्याग करता हूँ। ‘असतो माँ सद्गमय, तमसो माँ ज्योतिर्गमय मृत्योर्मामृतम् गमय:’ हर-हर महादेव।”

उन्होंने आगे कहा, “इन 9 दिनों में मुझे बेहद कष्ट हुआ है। (रोते हुए) इन कष्टों के प्रायश्चित स्वरूप वर्तमान में मैं इस पद को साथ लेकर चलने में असमर्थ हूँ। इस घटनाक्रम के क्षोभ की अग्नि में मेरी स्वाभाविक सौम्यता आहूत हो गई है। इस मानसिक वेदना से मैं बहुत अधिक व्यथित हूँ।”

गौरतलब है कि इससे पहले हिन्दू संत ने दी ‘लल्लनटॉप’ नाम के वेब मीडिया पर एजेंडे के तहत खबर चलाने का आरोप लगाते हुए लताड़ लगाई थी। गणेश शंकर उपाध्याय ने कहा था कि क्या लोग अंधे हैं कि उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है? पूरे ज्ञानवापी में हिन्दू मंदिर होने के प्रमाण मौजूद हैं, कैसे उसे मस्जिद मान लें? उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के ऊपर-नीचे, अलग-बगल, चारों तरफ प्रमाण पड़े हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘लल्लनटॉप’ ने उन्हें बरगला कर के कुछ कहवा लिया और घूमा-फिरा कर सिद्ध करने में लगे हुए हैं कि वो फव्वारा है।

‘The Lallantop’ पर महंत गणेश शंकर उपाध्याय का बयान तोड़-मरोड़ कर चलाने का आरोप

उन्होंने ये भी कहा था कि षणयंत्र के तहत उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, ताकि हिन्दुओं में विभेद पैदा किया जा सके। इससे वो एकजुट न हो सकें।उन्होंने ऐसा करने वालों को विधर्मी करार देते हुए कहा था कि ऐसे लोगों को पहचानने की जरूरत है, जो एक लॉबी षड्यंत्र के रूप में काम कर रही है। ये मीडिया से लेकर राजनीति तक में सक्रिय हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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