श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और श्रीलंका के दो मंत्री गुरुवार (28 अक्टूबर 2021) को अशोक वाटिका की शिलाएँ लेकर अयोध्या पहुँचें। उन्होंने श्रीलंका में जिस स्थल पर माता सीता को रावण ने रखा था, उस अशोक वाटिका की शिलाएँ रामलला को समर्पित की। इसके बाद राजदूत, उप राजदूत और श्रीलंका सरकार के दोनों मंत्रियों ने रामलला के दर्शन किए।
बाद में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्विटर अकॉउंट से ट्वीट कर बताया गया, “श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका में स्थापित श्री सीता मन्दिर की एक शिला आज श्रीलंका के माननीय उच्चायुक्त एवं मंत्री महोदय ने अयोध्या आकर भगवान श्री रामलला जी के सम्मुख सन्त-महापुरुषों को भेंट की।”
बता दें कि, अभी तक ट्रस्ट ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि शिलाओं का इस्तेमाल कहाँ होगा, लेकिन श्रीलंका से अयोध्या का आध्यात्मिक जुड़ाव जरूर होगा, क्योंकि माता सीता का अपहरण करने के बाद रावण ने उन्हें जिस अशोक वाटिका में रखा था, उसी अशोक वाटिका के पत्थरों को लेकर श्रीलंका के राजदूत अयोध्या पहुँचें हैं।।
श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका में स्थापित श्री सीता मन्दिर की एक शिला आज श्रीलंका के माननीय उच्चायुक्त एवं मंत्री महोदय ने अयोध्या आकर भगवान श्री रामलला जी के सम्मुख सन्त-महापुरुषों को भेंट की। pic.twitter.com/SuGRP1rdQy
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) October 28, 2021
इससे पहले, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया था, ”श्रीलंका के राजदूत, उप राजदूत और श्रीलंका सरकार के दो मंत्री माता सीता की निशानी लेकर अयोध्या आ रहे हैं। श्रीलंका स्थित अशोक वाटिका में जहाँ माता सीता रही थी, वे वहाँ की शिलाएँ लेकर आ रहे हैं। यह शिलाएँ श्रीलंका के समाज का प्रतिनिधित्व करेंगी। लंका के समाज की भावनाओं का प्रस्तुतीकरण होगा। सभी मेहमान 28 अक्टूबर को अयोध्या पहुँचेंगे और 11:00 बजे राम जन्मभूमि जाएँगे।”
उन्होंने बताया था कि दोपहर 12:00 बजे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा के आवास पर राजदूत और श्रीलंका सरकार के दोनों मंत्री भोजन करेंगे तथा यहीं पर पत्रकार वार्ता भी करेंगे। इसके बाद 1:30 बजे राजदूत, उप राजदूत और श्रीलंका सरकार के दोनों मंत्री लखनऊ के लिए रवाना हो जाएँगे।