अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर में सीता एलिया के एक पत्थर का भी इस्तेमाल किया जाएगा। सीता एलिया श्रीलंका में है। मान्यता है कि माता सीता को रावण ने यहीं बंदी बनाकर रखा था।
इस पत्थर को श्रीलंका के हाई कमिश्नर मिलिंडा मोरागोड़ा द्वारा भारत लाए जाने की उम्मीद है। बता दें कि माता सीता को सीता एलिया की एक वाटिका में रखा गया था, जिसे अशोक वाटिका कहते हैं।
A stone from Sita Eliya in Sri Lanka will be used in the construction of Ram Temple in Ayodhya. Sita Eliya is the place where goddess Sita is believed to have been held as a captive.
— ANI (@ANI) March 18, 2021
The stone is expected to be taken to India by Sri Lankan HC-designate to India,Milinda Moragoda pic.twitter.com/3epop9zoYK
जानकारी के मुताबिक वेरांगटोक से सीता माता को जहाँ ले जाया गया था, उस स्थान का नाम गुरुलपोटा है। इसे अब ‘सीतोकोटुवा’ नाम से जाना जाता है। यह स्थान भी महियांगना के पास है। कहते हैं कि एलिया पर्वतीय क्षेत्र की एक गुफा में सीता माता को रखा गया था, इसलिए इसे ‘सीता एलिया’ नाम से जाना जाता है। यहाँ सीता माता के नाम पर एक मंदिर भी है। यह मंदिर सीता अम्मन कोविले नाम से प्रसिद्ध है।
इस स्थान की इतनी मान्यता होने के कारण लोग वहाँ से आने वाले पत्थर की खबर जानकर खुश हैं। विक्रांत नाम के सोशल मीडिया यूजर ने कहा है कि राम मंदिर सिर्फ मंदिर नहीं है। यह एक सभ्यता से जुड़ाव है।
A temple is not just a temple, but also a civilizational connect.
— Vikrant ~ विक्रांत (@vikrantkumar) March 18, 2021
Just Look at the faithfuls below.. https://t.co/5z6YPshfPS
अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर की बुनियाद की खुदाई का काम खत्म हो गया है। वहाँ पूजा-पाठ के बाद अब नींव भराई का काम चल रहा है। गौरतलब है कि हाल ही में श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले की रामसेतु पर पूजा की तस्वीरें सामने आई थी। महाशिवरात्रि पर हुई पूजा के बाद भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर बताया था कि उच्चायुक्त गोपाल बागले ने रामसेतु पर प्रार्थना की, जो भारत और श्रीलंका को सदियों से जोड़े हुए है। उन्होंने भारत और श्रीलंका के लोगों के बीच मजबूत संबंधों की बहाली को लेकर प्रार्थना की।