अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य को संपन्न करने के लिए 115 देशों के जल को लाया गया है। यह जल देश में आने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा भारतीय संस्कृति और प्राचीन परंपराओं को याद करते हुए कहा कि हमारे ऋषियों ने संपूर्ण धरा को अपना घर माना था और ऐसा करके हमने वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का परिचय दिया है।
राम मंदिर के निर्माण और जलाभिषेक के लिए दुनिया के सभी देशों से जल आना चाहिए। राजनाथ सिंह ने इस कदम को एक अभिनव सोच करार दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भारतीयों ने कभी भी हिंसा का सहारा नहीं लिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू हुआ। यह भारतीयों के लिए एक सकारात्मक दृष्टिकोण है। भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो जाति, पंथ और धर्म के आधार पर किसी से भी भेदभाव नहीं करता है।
Indians didn’t resort to violence. The Ram Temple construction work started only after the Supreme Court gave its verdict. This is a positive approach for Indians. India is a nation that doesn’t discriminate on the basis of caste, creed & religion: Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/tXCYTEMBcC
— ANI (@ANI) September 18, 2021
रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्या में भव्य राम मंदिर के नींव के निर्माण का कार्य संपन्न हो चुका है और दूसरे फेज का काम शुरू हो चुका है। इस बीच दिल्ली स्टडी ग्रुप के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के नेता विजय जॉली 115 देशों का जल लेकर स्वदेश लौटे हैं। अब इसकी विधिपूर्वक पूजा करके इसे अयोध्या भेजा जाएगा।
पिछले महीने ही 25 अगस्त 2021 को इसकी शुरुआत की गई थी। मंदिर के गर्भगृह में इसे अर्पित करने के लिए राम मंदिर के गर्भगृह में अर्पण करने के लिए जल प्रमुख रूप से ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, कनाडा, चीन, कंबोडिया, क्यूबा, उत्तरी कोरिया, फिजी, फ्रांस, जर्मनी, गुयाना, हांगकांग, इटली, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इजराइल, आइसलैंड, भारत, जापान, केन्या, लाइबेरिया, मलेशिया, मकाऊ, मॉरीशस, मोंटेनेग्रो, म्यांमार, मंगोलिया, मोरक्को, मालदीव, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, नेपाल नॉर्वे, ओमान, पाकिस्तान, पपुआ न्यू गिनी, रूस, रोमानिया, दक्षिण कोरिया, श्रीलंका, सऊदी अरब, सूरीनाम, दक्षिण अफ्रीका, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, तिब्बत, ताइवान, त्रिनिदाद और टोबैगो, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान, युगांडा, वियतनाम व जिम्बाब्वे आदि देश शामिल हैं।