तेलंगाना सरकार ने यदाद्री में मंदिर के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से 125 किलोग्राम शुद्ध सोना खरीदने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने मंगलवार (19 अक्टूबर 2021) को संवाददाताओं से कहा कि श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर में विमान गोपुरम (मंदिर का शिखर) को स्वर्ण जड़ित करने के लिए लगभग 60 से 65 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।
यदाद्री दौरे पर पहुँचे मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा, “आकलन के मुताबिक मंदिर को 125 किलोग्राम सोने की जरूरत है। हमने इसे पूरा करने का फैसला किया है। इसकी कीमत 60 से 65 करोड़ रुपए होगी। सरकार इस काम को करने की क्षमता रखती है। हमने भारतीय रिजर्व बैंक से सोना खरीदने का फैसला किया है। हम धन जुटाने का काम पूरा करने के बाद आरबीआई से सोना खरीदेंगे ताकि हमें शुद्ध सोना मिल सके।”
Live: CM Sri KCR addressing the media after visiting Yadadri Temple https://t.co/qsTVBKaEKD
— Telangana CMO (@TelanganaCMO) October 19, 2021
उन्होंने कहा कि पहले दानदाता के रूप में अपने परिवार की ओर से वह 1.16 किलोग्राम सोने के लिए राशि दान देंगे और इसी तरह कई मंत्री और विधायक भी इसके लिए आगे आए हैं। उन्होंने बताया कि कई दानदाता सोना दान करने का वादा लेकर आगे आए हैं। श्रममंत्री मल्ला रेड्डी खुद 1 किलो सोना और उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोग 1 किलो सोना दान करेंगे।
वहीं नागरकुनरूल के विधायक मर्री जनार्दन रेड्डी 2 किलो सोना दान करेंगे, जबकि भास्कर राव कावेरी सीड्स की ओर से 1 किलो सोना देंगे। मंदिर को फिर से खोलने के लिए मुहूर्त को अंतिम रूप देने वाले प्रख्यात द्रष्टा चिन्ना जेयर स्वामी ने अपने पीठम से मंदिर के लिए 1 किलो सोना समर्पित किया है। सांसद रंजीत रेड्डी, एमएलसी के नवीन कुमार, शंभीपुर राजू, विधायक ए गाँधी, एम हनुमंत राव, एम कृष्ण राव और केपी मेडचल और विवेक आनंद 6 किलो सोना दान करने के लिए आगे आए हैं। ये सभी रंगारेड्डी जिले के हैं।
केसीआर ने कहा कि मंदिर के फिर से खुलने से आठ दिन पहले, चिन्ना जीयर स्वामी की देखरेख में 1,000 ऋत्विकों के साथ सुदर्शन यज्ञ किया जाएगा। चिन्ना जीयर स्वामी ने व्यक्तिगत रूप से हाथ से लिखा हुआ मुहूर्त पत्र मंदिर की कार्यकारी अधिकारी गीता को सौंपा और उसे देवता के चरण कमलों में रखने के लिए कहा। यह मंदिर 28 मार्च, 2022 को जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
बता दें कि इस मंदिर के निर्माण पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री का विशेष फोकस है। इस मंदिर को लेकर सीएम की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यदाद्री भुवनगिरि जिले में लॉकडाउन के दौरान भी मंदिर को भव्य रूप दिए जाने का काम होता रहा। इस मंदिर की कुल लागत करीब 1200 करोड़ बताई जा रही है। पुनर्निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जा रहा है।
कहा जाता है कि आंध्र प्रदेश से अलग होने के बाद तेलंगाना में तिरुपति जैसा कोई मंदिर नहीं है। यही कारण है कि राज्य सरकार इसे ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में पूरा कर रही है। इस मंदिर से बड़ी संख्या में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीदें जाहिर की गई है।