Sunday, June 4, 2023
Homeविविध विषयमनोरंजन'कहीं मैं मास्टरबेशन तो नहीं कर रही - बाथरूम में झाँक कर देखता था...

‘कहीं मैं मास्टरबेशन तो नहीं कर रही – बाथरूम में झाँक कर देखता था बॉयफ्रेंड’: लड़का से लड़की बनीं सायशा ने बताया

सायशा शिंदे सेक्स चेंज कराने से पहले एक लड़का थीं और उनका नाम स्वप्निल था। कंगना के लॉक अप में सायशा ने अपने साथ हुई बर्बरता के बारे में बताया।

फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत का रियलिटी शो लॉक अप लगातार सुर्खियों में हैं। कंगना के शो में हाल ही में पूनम पांडे और अंजली अरोड़ा के बाद सायशा शिंदे ने भी अपनी पर्सनल लाइफ की ट्रैजडी को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि वो एक लड़के के साथ रिलेशन में थी, जिसने मेरा शोषण किया था। सायशा शिंदे कहती हैं कि जब भी वो बाथरूम जाती थीं, तो उनका ब्वॉयफ्रेंड बाथरूम के अंदर झाँकता था।

सायशा शिंदे सेक्स चेंज कराने से पहले एक लड़का थीं और उनका नाम स्वप्निल था। कंगना के लॉक अप में सायशा ने अपने साथ हुई बर्बरता के बारे में बताते हुए कहा कि रिलेशनशिप में मेरे साथ केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक दुष्कर्म किया गया, जो एक अलग लेवल का है। उन्होंने कहा, “वो मुझे ऐसा फील करवाता था, जैसे कि मैं कोई गंदगी हूँ।”

सायसा कहती हैं कि उनका ब्वॉयफ्रेंड उनके दरवाजे के बाहर इस इंतजार में रहता था कि किसी को मैं धोखा दूँगी और वो मुझे पकड़ लेगा औऱ उसे मेरे खिलाफ इस्तेमाल करेगा। हद तो तब हो गई कि वो पाइपलाइन पर चढ़ जाता था और वहीं से मेरे बाथरूम में झाँककर ये देखता था कि मैं मास्टर** कर रही हूँ ताकि वो इसे मेरे खिलाफ इस्तेमाल कर सके।

इस मामले से हैरान एक्ट्रेस पायल रोहतगी ने पूछा, “आप मास्ट*** क्यों नहीं कर सकती?” इस पर सायशा कहती हैं कि मैं उस वक्त सेक्स नहीं करना चाहती थी। उस दौरान मुझे लगा था कि शायद वो सही था, क्योंकि मैं उस रिश्ते में कभी खुश नहीं थी। फिजिकली तो मैं बिल्कुल भी खुश नहीं थी। मैं अंदर से महिला थी, जो कि एक समलैंगिक पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बना रही थी।

सायसा 15 साल की थीं, तभी उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि अंदर से एक एक महिला हैं। बाद में 40 साल की उम्र में उन्होंने सर्जरी करवा ली। सायशा फेमस फैशन डिजायनर हैं।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रक्तदान करने पहुँचे RSS कार्यकर्ताओं की भीड़ देख डॉक्टर भी हैरान, सब कुछ छोड़ राहत कार्य में जुटे रहे संघ कार्यकर्ता: सबसे पहले पहुँच...

RSS कार्यकर्ताओं के राहत और बचाव कार्य शुरू होने के बाद NDRF की टीम भी हादसे वाली जगह पहुँच गई। इसके बाद संघ कार्यकर्ता उनके साथ मिलकर लोगों को बचाने में जुट गए।

मजदूरी से परिवार चलाने वाले 3 भाइयों की मौत, माँ के निधन पर लौटे बेटे की भी गई जान… मानवता की भी परीक्षा ले...

एक चश्मदीद ने कहा कि घटना के समय अपने घर पर थे। तभी धमाके जैसी आवाज आई। घर से बाहर आकर देखा तो ट्रेन माल गाड़ी के ऊपर चढ़ी हुई थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
259,693FollowersFollow
415,000SubscribersSubscribe