अल्लाह के घर यानी जन्नत में बहुत सारी हूरें मिलेंगी। वहाँ बीवी का क्या कामA अल्लाह के घर जाना है तो सबको छोड़ना होगा।
2022 की ही बात है जब गोरखनाथ मंदिर पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी ने पूछताछ के दौरान आतंकवाद.निरोधक दस्ते (ATS) के एक सवाल के जवाब में यह बात कही थी। कथित तौर पर जन्नत में 72 हूरें मिलती हैं। अब जन्नत की हूर एक फिल्म को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म का नाम है- 72 हूरें (72 Hoorain)। इस्लामी आतंकवाद की पोल खोलती इस फिल्म के ट्रेलर को सर्टिफिकेट देने से सेंसर बोर्ड ने इनकार कर दिया है। यह फिल्म उस मिथक को तोड़ने के लिए बनाई गई है जिसके तहत आतंक के आका काफिरों को मारने और जिहाद के लिए मुस्लिम युवकों को जन्नत और 72 हूरों का लालच देते हैं।
जन्नत में मिलने वाली कथित हूरों की मौलाना बेहद दिलचस्प व्याख्या करते हैं। इनकी खूबसूरती ऐसी बताई जाती है जिसकी चमक के आगे सूरज भी फेल होता है। 130 फीट तक लंबाई बताई जाती है। यह भी दावा किया जाता है कि हूर को शौच-पेशाब तक नहीं लगता। वे जन्नत पाने वालों के साथ हमबिस्तरी करती हैं।
कैसे पैदा होती हैं 72 हूरें
पाकिस्तानी मौलाना तारिक जमील का एक वीडियो है। इसमें वह बताता है कि जन्नत में बईदक नाम का एक नहर है। यह नहर मोतियों से कवर है। इसी नहर से हूर पैदा होती हैं। मौलाना के अनुसार, “बईदक में मुसकामबर जाफ़रान का हूर बहता है। जब अल्लाह किसी जन्नत की लड़की को बनाने का हुक्म फरमाता है तो अपने नूर की तजल्ली डालता है। पूरी 130 फीट की लड़की निकल कर बाहर आ जाती है। फुल ड्रेस्ड।” मौलाना जमील के अनुसार, “जन्नत की लड़की सिर्फ सूरज को ऊँगली दिखा दे तो सूरज नजर नहीं आएगा, क्योंकि जन्नत की हूर का साइज 130 फ़ीट है। उसके इतने लम्बे बाल होते हैं कि जब सर हिलाती है तो पूरे जन्नत में सर्च लाइट जल जाती है।”
‘हूर को पेशाब-शौच नहीं लगती’
इसी तरह केरल के मौलाना ईपी अबूबकर कासमी का भी एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें मुस्लिम होने के फायदा गिनाते हुए वह जन्नत में मिलने में मिलने वाली महिलाओं के बारे में बताता है। कहता है उन महिलाओं के ‘बड़े-बड़े स्तन’ होते हैं। उसके अनुसार, “जन्नत में शराब की नदियाँ बहती हैं। बड़े-बड़े बँगलों के साथ बाग़ बगीचे की सुविधा मिलती है। अल्लाह के जन्नत में जो महिलाएँ होती हैं वो न तो पेशाब करती हैं और न ही उन्हें शौच करने की कभी ज़रूरत पड़ती है। जन्नत जाने वाले मुस्लिमों को वहाँ की हूरों की गोद में बैठना नसीब होता है।”
‘हूरों का दबा कर जैसे चाहो इस्तेमाल करो’
हूर की शान में कसीदे पढ़ने वाला केरल के एक अन्य मौलाना का वीडियो भी सोशल मीडिया में नजर आता है। बीवियों को ‘मैली-कुचैली’ बताते हुए ये मौलवी कहता है, “जन्नत में जो कम दर्जे की हूर होंगी उनकी आँखें खूबसूरत और गुलाबी होंगी। वो तकिया लगा कर तुम्हारे इंतजार में बैठी होगी। कपड़ों में से उन हूरों का गुदा तक नजर आएगा। आपका दिल उनके लिए आइना होगा, जिसे देख कर वो सजेगी-सँवरेगी। हूर केवल चूमने के लिए नहीं मिलेगी, बल्कि हमबिस्तरी भी करेगी। एक-एक मर्द को 100-100 मर्दों की ताकत अल्लाह देंगे। हूरों का दबा कर जैसे चाहो इस्तेमाल करो। एक से पेट भरेगा तो दूसरी आ जाएगी और वो ज्यादा सुंदर होगी।”