Saturday, May 4, 2024
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‘एक नहीं, दो नहीं, 72 हूरें’: सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट देने से इनकार, कहा- ‘कुरान का’ हटाओ; मेकर्स ने डिजिटली जारी किया ट्रेलर

अशोक पंडित ने पूछा कि ट्रेलर में फिल्म के ही तो दृश्य हैं, फिर इससे समस्या क्यों? उन्होंने ऐलान किया कि इसके बावजूद ट्रेलर को डिजिटल रूप से रिलीज कर दिया गया है।

अशोक पंडित की फिल्म ’72 हूरें’ को सर्टिफिकेट देने से सेंसर बोर्ड ने इनकार कर दिया, जिसके बाद संस्था का खासा विरोध हो रहा है। ‘सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC)’ के अध्यक्ष प्रसून जोशी की भी लोग आलोचना कर रहे हैं। अशोक पंडित ने बताया कि एक लाश का पाँव इसमें दिखाया गया है, सेंसर बोर्ड ने जिसे हटाने के लिए कहा। साथ ही कुरान का एक रेफरेंस भी हटाने को कहा गया है।

ऐसे में सवाल उठ रहे हैं जब भगवान श्रीराम, हनुमान और लक्ष्मण के अलावा माँ सीता को लेकर बनी फिल्म ‘आदिपुरुष’ में देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक संवाद और दृश्य पास हो गए, फिर ’72 हूरें’ को लेकर ही क्रिएटिव फ्रीडम का मर्दन क्यों? पशुहित के नाम पर भी एक दृश्य को हटाने के लिए कहा गया है, लेकिन निर्माताओं को इससे कोई समस्या नहीं है। अशोक पंडित ने कहा कि ये नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म है और इसे सर्टिफिकेशन सेंसर बोर्ड ने ही दिया था।

अशोक पंडित ने पूछा कि ट्रेलर में फिल्म के ही तो दृश्य हैं, फिर इससे समस्या क्यों? उन्होंने ऐलान किया कि इसके बावजूद ट्रेलर को डिजिटल रूप से रिलीज कर दिया गया है। पहले इसे PVR में रिलीज करने की योजना थी, लेकिन अब अँधेरी के एक क्लब में ये कार्यक्रम होगा। उन्होंने कहा कि वो सेंसर बोर्ड की पोल खोलेंगे, राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली एक फिल्म के ट्रेलर को रिलीज के लिए सर्टिफिकेट न देना गंभीर मुद्दा है।

IFFI में भी ’72 हूरें’ को पैनोरमा सेक्शन में अवॉर्ड मिला है। अशोक पंडित ने कहा कि सेंसर बोर्ड में कुछ बाहर के लोग बैठे हुए हैं, प्रसून जोशी को इसका जवाब देना होगा। बता दें कि फिल्म को पहले ही सेंसर बोर्ड हरी झंडी दिखा चुका है। निर्माताओं ने अब केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही है। संजय पूरन सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है।

अशोक पंडित ने कहा, “आप विडम्बना देखिए। फिल्म में जो दृश्य है, उसे ट्रेलर में नहीं चाहिए। कुर्सी पर बैठने वालों के विरोधाभास का हम विरोध कर रहे हैं। ये फिल्म किसी भी धर्म या इंसानियत के खिलाफ नहीं है। ये आतंकवाद के खिलाफ है। जो कंटेंट्स फिल्म में हैं, वो ट्रेलर में क्यों नहीं हो सकते?” एक महिला पत्रकार ने जब प्रोपेगंडा बताया तो अशोक पंडित ने उसे करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जिन फिल्मों को देश-विदेश में करोड़ों लोगों ने स्वीकार किया, उसकी इंटेलिजेंस पर आप सवाल उठा रहे हो?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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