पाकिस्तान (Pekistan) का सबसे खूँखार साइको सीरियल किलर जावेद इकबाल। नाम शायद आपने भी सुना हो। अब इस खूँखार हत्यारे पर फिल्म बनी है। नाम है ‘जावेद इकबाल: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए सीरियल किलर’ (Javed Iqbal: The Untold Story Of A Serial Killer)। इस फिल्म को बर्लिन फिल्म फेस्टिवल के लिए चुना गया है। पाकिस्तान के कराची में भी इस फिल्म का इसी साल 25 जनवरी को प्रीमियर हुआ था, लेकिन इसके अगले ही दिन पंजाब प्रान्त की सरकार ने इसे बैन कर दिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस फिल्म के निर्देशक अबू अलीहा इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने जा रहे हैं। कोशिश ये है कि पाकिस्तानी सरकार द्वारा बैन किए जाने के बाद भी इसे पाकिस्तानी लोगों तक पहुँचाया जा सके।
कौन है जावेद इकबाल
ये घटना 1999 की है। लाहौर के एक उर्दू न्यूज पेपर के एडिटर को एक शख्स का एक पत्र आता है। इस पत्र में उसने जो बातें लिखी होती हैं, उससे एडिटर के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। ये पत्र जावेद इकबाल का होता है। इसमें वो 100 लड़कों का रेप करने के बाद बेरहमी से उनकी हत्या करने की बात कबूल करता है। जावेद ये भी खुलासा करता है कि वो लड़कों की हत्याएँ करने के बाद उनके शवों को एसिड में डालकर जला देता था। उसने जिन भी बच्चों का रेप और मर्डर किया था वो या तो अनाथ थे या फिर अपने घर से भागे हुए थे। ये पत्र उसने केवल मीडिया को ही नहीं, बल्कि पुलिस प्रशासन को भी भेजा था।
क्यों इंसान से हैवान बना जावेद
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब जावेद 20 साल का था तो उसे साजिश के तहत रेप के ही आरोप में फँसाकर जेल भेज दिया गया। उसे उस गुनाह की सजा मिली जो उसने किया ही नहीं था। जेल में उसकी अम्मी मिलने आती थी। अचानक से उनका आना बंद हो गया। जब वो जेल से छूटा तो अपने घर गया तो देखा कि उसकी अम्मी का इंतकाल हो चुका था। यही वो वक्त था जब उसने एक कसम ली। कसम ये थी जिस तरह से उसे रुलाया गया है वो भी 100 माओं को रोने के लिए विवश कर देगा। इसके बाद रेप और हत्या का सिलसिला शुरू हुआ, जो कि 100 पर पहुँचने के बाद थमा। अपनी कसम पूरी करने के बाद उसने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया।
बहरहाल जावेद इकबाल पर बनी फिल्म के डायरेक्टर अबू अलीहा ने कहा है कि इस फिल्म के ओटीटी पर रिलीज होने के बाद वो इसके सीक्वल को बनाएँगे। इसका सीक्वल पार्ट-1 से कहीं अधिक ब्रूटल होगा।