Monday, November 18, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजनकंगना के समर्थन में आईं नामी हस्तियाँ: छोटे पर्दे, बॉलीवुड, पत्रकारों से लेकर राजनेता...

कंगना के समर्थन में आईं नामी हस्तियाँ: छोटे पर्दे, बॉलीवुड, पत्रकारों से लेकर राजनेता भी उठा रहे आवाज

समाचार चैनल 'आज तक' के पत्रकार रोहित सरदाना बीएमसी की इस कार्रवाई पर कहते हैं, "फ़ासिज़्म-फ़ासिज़्म चिल्लाने वाले अब कहाँ घुस गए? असली फ़ासिज़्म देख के साँप सूँघ गया क्या?"

कंगना रनौत की संपत्ति पर बीएमसी की कार्रवाई ने महाराष्ट्र सरकार को एक बार फिर सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। ट्विटर पर लोग लगातार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को टैग कर कर पूछ रहे हैं कि ये सब आखिर कितना उचित था? राजनीति से लेकर बॉलीवुड से जुड़े कई मशहूर नाम BMC की इस ‘गुंडागर्दी’ की खुल कर आलोचना कर रहे हैं।

बॉलीवुड कलाकार अनुपम खेर ने इस कार्रवाई को बिलकुल गलत बताया है। उन्होंने लिखा, “ग़लत ग़लत ग़लत है!! इसको bulldozer नहीं #Bullydozer कहते हैं। किसी का घरोंदा इस बेरहमी से तोड़ना बिल्कुल ग़लत है। इसका सबसे बड़ा प्रभाव या प्रहार कंगना के घर पर नहीं बल्कि मुंबई की ज़मीन और ज़मीर पर हुआ है। अफ़सोस अफ़सोस अफ़सोस है।”

वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस ने वीडियो जारी कर इस कदम का विरोध किया है और कहा है कि ऐसा इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि अपने खिलाफ बात करने वालों को हम रास्ते में रोक के मारेंगे और ऐसा सरकार के समर्थन से होगा, ऐसा महारष्ट्र के इतिहास में कभी भी नहीं हुआ। उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस कार्रवाई के कारण महाराष्ट्र का देश में अपमान हो रहा है।

वह कहते हैं, “अगर अवैध निर्माण है तो जरूर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन सबके साथ ये कार्रवाई होती तो सही कार्रवाई होती। किसी ने जब आपके ख़िलाफ़ बात कही तब जो आप कार्रवाई करते हो तो ये कायरता है, बदले की भावना है और महाराष्ट्र में इस प्रकार की भावना का कोई सम्मान नहीं हो सकता।”

भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय लिखते हैं, “कोरोना प्रबंधन में ऐसे रिकॉर्ड होने के बावजूद शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस का गठबंधन सोचता है कि उनके लिए कंगना रनौत के कार्यालय को ध्वस्त करना सबसे पहली प्राथमिकता है। राज्य मिशनरी का इस तरह का दुरुपयोग सिर्फ़ इसलिए हो रहा है कि क्योंकि एक महिला के पास अपना दिमाग है और वो बोलने से डरती नहीं है। “

छोटे पर्दे की मशहूर कलाकार देवोलीना उर्फ गोपी बहू ने भी कंगना के साथ हुई घटना पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस घटना को दुखद बताते हुए कहा, “एक जाना-पहचाना चेहरा होने के चलते, मुझे नहीं लगता कि उन्होंने कोई अवैध निर्माण किया होगा और उन्होंने ये भी कहा है कि उनके पास बीएमसी द्वारा दी गई परमीशन के सबूत भी हैं। ऐसे में उनके मुंबई पहुँचने और कागजात दिखाने से पहले बिल्डिंग गिराना, सही नहीं है। मुझे लगता है कि उन्हें इंतजार करना चाहिए था और उन्हें एक अल्टीमेटम देना चाहिए था, अगर कुछ गलता था और उसे फिक्स किया जाना था तो लेकिन उनकी अनुपस्थिति में ऑफिस का तोड़ा जाना गलता है।”

देवोलीना का कहना है, “ये उनके द्वारा किया गया बहुत अजीब काम है और मैं इसे बिल्कुल सपोर्ट नहीं करती हूँ। अगर कुछ मौखिक रूप से शुरू हुआ है तो उन्हें इस पर मौखिक रूप से ही जवाब देना चाहिए था।”

इसी तरह न्यूज नेशन के एंकर दीपक चौरसिया लिखते हैं, “वो लोग जो दिनभर फ़ासीवाद और तानाशाही का राग अलापते रहते हैं, उन्हें महाराष्ट्र सरकार के फ़ैसले पर फ़ासीवाद नहीं दिख रहा है। कंगना रनौत के घर पर बुलडोजर चलना मतलब एक महिला से डरकर पूरी सरकार हिल रही है।”

समाचार चैनल ‘आज तक’ के पत्रकार रोहित सरदाना बीएमसी की इस कार्रवाई पर कहते हैं, “फ़ासिज़्म-फ़ासिज़्म चिल्लाने वाले अब कहाँ घुस गए? असली फ़ासिज़्म देख के साँप सूँघ गया क्या?”

बता दें, आज मुंबई पहुँचने के बाद कंगना ने अपने ट्विटर पर कुछ वीडियोज साझा की है। इन वीडियोज में हम देख सकते हैं बीएमसी ने उनके कार्यालय के भीतर किस तरह तोड़फोड़ मचाई है। हर जगह सामान टूटे पड़े हैं। दीवारें गिरी हुई हैं। शीशे चकनाचूर हैं। तारें भी काट दी गई हैं। ऐसे में उन्होंने उद्धव ठाकरे को संदेश जारी किया है। उन्होंने कहा:

“उद्धव ठाकरे, तुझे क्या लगता है, तूने फिल्म माफिया के साथ मिल कर मेरा घर तोड़ कर मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है। कल तेरा घमंड टूटेगा। ये वक्त का पहिया है। याद रखना हमेशा एक जैसा नहीं रहता। मुझे लगता है तुमने मुझपर बहुत बड़ा एहसान किया है। क्योंकि मुझे पता तो था कि कश्मीरी पंडितों पे क्या बीती होगी, लेकिन आज मैंने महसूस किया है। और आज मैं इस देश को वचन देती हूँ कि मैं सिर्फ़ अयोध्या पर ही नहीं कश्मीरी पंडितों पर भी एक फिल्म बनाऊँगी। मैं अपने देशवासियों को जगाऊँगी क्योंकि मुझे पता था हमारा साथ होगा तो होगा। लेकिन ये मेरे साथ हुआ है। इसका कोई मतलब है इसके कोई मायने हैं और उद्धव ठाकरे ये जो क्रूरता और आतंक है। अच्छा हुआ ये मेरे साथ हुआ क्योंकि इसके कुछ मायने हैं। जय हिंद! जय महाराष्ट्र!

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मणिपुर में बिहार के लोगों से हफ्ता वसूली, हिंसा के लिए महिला ब्रिगेड: रिपोर्ट से कुकी संगठनों की साजिश उजागर, दंगाइयों को छुड़ाकर भी...

मणिपुर में हिंसा फैलाने के लम्बी चौड़ी साजिश रची गई थी। इसके लिए कुकी आतंकी संगठनों ने महिला ब्रिगेड तैयार की।

404 एकड़ जमीन, बसे हैं 600 हिंदू-ईसाई परिवार: उजाड़ना चाहता है वक्फ बोर्ड, जानिए क्या है केरल का मुनम्बम भूमि विवाद जिसे केंद्रीय मंत्री...

एर्नाकुलम जिले के मुनम्बम के तटीय क्षेत्र में वक्फ भूमि विवाद करीब 404 एकड़ जमीन का है। इस जमीन पर मुख्य रूप से लैटिन कैथोलिक समुदाय के ईसाई और पिछड़े वर्गों के हिंदू परिवार बसे हुए हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -