बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान और उनकी पत्नी किरण राव के अलग होने के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। कंगना ने यह सवाल किया है कि इंटरफेथ मैरिज (अंतरधार्मिक विवाह) में अक्सर बच्चा मुस्लिम ही क्यों होता है? क्यों किसी को मुस्लिम से शादी करने के लिए अपना धर्म बदलने की जरूरत पड़ती है?
कंगना रनौत हमेशा से ही अपने स्पष्ट विचारों और विभिन्न मुद्दों पर सीधी बात करने के लिए जानी जाती हैं। इसी क्रम में उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए आमिर खान और किरण राव के तलाक और अंतरधार्मिक शादियों के बारे में प्रश्न उठाया है। कंगना ने लिखा कि एक समय था जब पंजाब के परिवारों में एक बच्चा हिन्दू और एक बच्चा सिख के तौर पर पाला जाता था। लेकिन यह ट्रेंड हिन्दू-मुस्लिम, सिख-मुस्लिम या फिर किसी अन्य पंथ का मुस्लिमों के साथ नहीं देखा गया।
कंगना ने अपनी स्टोरी में आगे लिखा, “आमिर खान सर के दूसरे तलाक के साथ मैं आश्चर्य चकित हूँ कि अंतरधार्मिक विवाह के बाद बच्चा हमेशा मुस्लिम क्यों होता है? क्यों एक महिला हिन्दू नहीं रह सकती है? बदलते समय के इस प्रथा को भी बदलना चाहिए क्योंकि यह प्रथा प्राचीन है और गैर-विकासवादी है।”
कंगना ने आगे कहा कि जब एक परिवार में हिन्दू, बौद्ध, जैन, सिख, राधास्वामी और आस्तिक रह सकते हैं तो मुस्लिम क्यों नहीं? क्यों एक मुस्लिम से शादी करने के लिए किसी को अपना धर्म परिवर्तन करने की जरूरत पड़ती है।
ज्ञात हो कि शनिवार (03 जुलाई) को आमिर खान और किरण राव ने भी तलाक की घोषणा की थी, जिससे उनकी 15 वर्षों की शादी ख़त्म हो गई। किरण राव आमिर खान की दूसरी पत्नी थीं। इससे पहले रीना दत्त से आमिर खान ने शादी की थी। 1986 में हुई वो शादी 2002 में ख़त्म हो गई थी। इसके बाद 2005 में आमिर खान ने किरण राव से शादी की। आमिर खान और किरण राव ने संयुक्त बयान भी जारी किया था और कहा था कि अब उन्होंने निर्णय लिया है कि अब वो जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करेंगे, लेकिन पति-पत्नी के रूप में नहीं।