Wednesday, November 27, 2024
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नंबी नारायणन को दुबई में स्टैंडिंग ओवेशन: आर माधवन ने बनाई है फिल्म, वैज्ञानिक के साथ हुआ था अपराधियों की तरह व्यवहार

दुबई के एक्सपो 2022 कार्यक्रम में जब वैज्ञानिक की बायोपिक का ट्रेलर दिखाया गया, तो दर्शक भावुक हो गए और उन्होंने नंबी नारायणन के सम्मान में खड़े होकर तालियाँ बजाईं।

‘कभी-कभी एक आदमी के साथ अन्याय होना, पूरे राष्ट्र के साथ अन्याय होने जैसा है।’ – अभिनेता आर माधवन (R Madhavan) के निर्देशन में बनने वाली उनकी पहली फिल्म ‘रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट’ (Rocketry: The Nambi Effect) इस भावना को बेहद खूबसूरती से पूरी दुनिया के सामने लाती है। यह फिल्म केरल के जाने माने रॉकेट वैज्ञानिक नंबी नारायणन (Nambi Narayanan) की कहानी है। हाल ही में ‘एक्सपो 2022 दुबई’ में ‘रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट’ के ट्रेलर स्क्रीनिंग के बाद प्रतिष्ठित इसरो अंतरिक्ष वैज्ञानिक नंबी नारायणन के लिए शानदार स्टैंडिंग ओवेशन हुआ।

एक्सपो 2022 कार्यक्रम में जब वैज्ञानिक की बायोपिक का ट्रेलर दिखाया गया, तो दर्शक भावुक हो गए और उन्होंने नंबी नारायणन के सम्मान में खड़े होकर तालियाँ बजाईं। इस दौरान जब नंबी नारायणन से पूछा गया कि उन्होंने अपनी कहानी बताने के लिए आर माधवन को ही क्यों चुना। इस पर रॉकेट वैज्ञानिक ने कहा, “मैं किसी ऐसे व्यक्ति को चाहता था जो वास्तव में एक इंजीनियर होने का अर्थ समझे। माधवन खुद एक इंजीनियर हैं, इसलिए मैंने उन्हें अपनी कहानी बताई। जब मैं उन्हें समझा रहा था कि मैंने एपीजे अब्दुल कलाम की जान कैसे बचाई, तो उन्हें तुरंत वह मिल गया जो मेरा मतलब था।”

‘रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट’ को हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और अंग्रेजी भाषा में 1 जुलाई 2022 को दुनिया भर में रिलीज किया जाएगा। फिल्म के निर्देशक, निर्माता और लेखक आर माधवन रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट में नंबी नारायणन का किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने फिल्म का निर्देशन, निर्माण और लेखन भी किया है। सिमरन, रजित कपूर, रवि राघवेंद्र, मिशा घोषाल, गुलशन ग्रोवर, कार्तिक कुमार और दिनेश प्रभाकर के जैसे कलाकारों के साथ इस फिल्म में शाहरुख खान और सूर्या भी दिखाई देंगे।

फिल्म का प्री-प्रोडक्शन कार्य 2017 की शुरुआत में ही शुरू हो गया था। अक्टूबर 2018 में इसका टीजर जारी कर दिया गया था। भारत के अलावा जॉर्जिया, रूस, फ़्रांस और सर्बिया में इस फिल्म की शूटिंग हुई है।

बता दें कि 30 नवंबर 1994 की बात थी, जब कुछ पुलिस वाले नंबी नारायणन के घर पर आ धमके। उन्होंने कहा कि DIG आपसे बात करना चाहते हैं। जब नंबी ने पूछा कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है, तो पुलिसकर्मियों ने ना में जवाब दिया। उन्हें पुलिस की गाड़ी में आगे बिठा कर ले जाया गया था (अपराधियों को अक्सर पीछे बिठाया जाता है)।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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