Tuesday, March 19, 2024
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‘मेरी रगों में मुस्लिम खून है’ – सुनील दत्त को संजय दत्त का जवाब… और वो किताब, जिसे भेजा गया लीगल नोटिस

संजय दत्त गिरफ्तार हो चुके थे। पिता सुनील दत्त पुलिस हेडक्वार्टर गए। उन्हें विश्वास था कि उनका बेटा आतंकी नहीं... लेकिन संजय ने सब स्वीकार कर कहा - “क्योंकि मेरी रगों में मुस्लिम खून है और शहर में जो रहा, उसे मैं सहन नहीं कर सका।”

लेखक यासीर उस्मान ने बॉलीवुड स्टार संजय दत्त पर एक किताब लिखी है, जिसका नाम दिया है- ‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड लव स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड ब्वॉय’। इस किताब का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

किताब के इस हिस्से में कहा गया है कि संजय दत्त के पिता सुनील दत्त को यकीन नहीं हो रहा था कि उनका बेटा किसी तरह के आतंकी गतिविधि में संलिप्त है। जब सुनील दत्त उनसे मिलने के लिए पुलिस हेडक्वार्टर गए तो संजय दत्त पिता के गले लगकर रोने लगे। सुनील दत्त अपने बेटे के मुँह से सुनना चाहते थे कि मीडिया में जो कुछ दिखाया जा रहा है वह गलत है, उनका बेटा आतंकी नहीं हो सकता है।

‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड लव स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड ब्वॉय’ का अंश

तभी संजय दत्त ने स्वीकार किया कि उनके पास एक असॉल्ट राइफल और कुछ गोला-बारूद है, जो उन्हें अनीस इब्राहिम ने दिया था। इस बात से हैरान सुनील दत्त ने जब यह जानने की कोशिश की कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो किताब के लेखक के मुताबिक संजय दत्त ने कहा था, “क्योंकि मेरी रगों में मुस्लिम खून है और शहर में जो रहा है, उसे मैं सहन नहीं कर सका।” इसी किताब के अनुसार फिल्म निर्माता महेश भट्ट का कहना था, “सुनील दत्त काफी शर्मिंदा हुए। उनके बेटे ने जो कहा, जो किया, उन्हें उस पर उसे विश्वास नहीं हो रहा था।”

‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड लव स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड ब्वॉय’ का अंश

हाल ही में जावेद अख्तर ने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि शाहजहाँ की रगों में राजपूतों (75%) का भी खून था, इसके बावजूद लोग उन्‍हें ‘विदेशी’ कहकर बुलाते हैं। इस पर किताब के इस पन्ने को शेयर करते हुए नितिन गुप्ता ने लिखा, “जावेद अख्तर की खुद की इंडस्ट्री में ये हो चुका है और वो शाहजहाँ के 75% राजपूत खून की बात कर रहा है।”

यासिर उस्मान ने खलीज टाइम्स से बात करते हुए कहा था कि एके-56 रखने के लिए जेल की सजा के बाद भी लोग इस तरह से प्रतिक्रिया दे रहे थे, “ओह, वह सिर्फ अपने परिवार की रक्षा कर रहा था।” उन्होंने कहा, “मैं एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से मिला, उन्होंने हँस कर मुझसे कहा कि जरा कल्पना कीजिए, वह संजय दत्त है, जो भारत के सबसे बड़े सितारों में से एक है, सुनील दत्त का बेटा है, जो सत्ताधारी दल के एक निर्वाचित सांसद हैं। क्या आपको सच में लगता है कि अगर उसने हमें फोन किया होता, तो उसे सुरक्षा नहीं मिलती?”

दूसरी बात उस अधिकारी ने किताब के लेखक यासिर उस्मान को बताई थी कि जब संजय दत्त ने एके-56 खरीदा तो उनके पास पहले से ही तीन लाइसेंसी हथियार थे। ऐसा नहीं है कि वह उतने मासूम थे, जितना कि फिल्म इंडस्ट्री उन्हें दिखा रही है।

संजय दत्त के धर्म को लेकर बदले दृष्टिकोण पर यासिर उस्मान ने बताया, “1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद राजनीतिक रूप से हमारे आसपास की दुनिया बदल गई। बॉम्बे में दो चरणों में दंगे हुए। शिवसेना उस समय कॉन्ग्रेस की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी थी। सुनील दत्त कॉन्ग्रेस के सांसद थे। प्रतिद्वंद्वियों ने एक ऐसा नैरेटिव बनाना शुरू किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि सुनील दत्त केवल मुसलमानों की मदद कर रहे थे। यह तथ्यात्मक रूप से गलत था। मैं उनके निर्वाचन क्षेत्र के कई लोगों से मिला, जिन्होंने कहा कि यह दुष्प्रचार था। फिर 1993 में हुए धमाके हुए, यह असल में परिवार के खिलाफ गया।”

वो आगे कहते हैं, “यह एक पूरा प्रकरण है, जहाँ सुनील दत्त पुलिस स्टेशन में अपने बेटे से पूछते हैं – “तुमने ऐसा क्यों किया?” संजय दत्त कहते हैं, “मेरी रगों में मुस्लिम खून है।” इस मामले में किसी भी तरफ से कोई मदद नहीं मिलने पर सुनील दत्त बाला साहेब ठाकरे (शिवसेना के संस्थापक) से मिलने गए। सुनील दत्त उनसे बोले कि वह किसी राजनीतिक दल के सदस्य के रूप में नहीं, बल्कि एक पिता के रूप में वहाँ आए हैं।”

उसके बाद बाला साहेब ठाकरे ने उनकी मदद के लिए सब कुछ किया। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में उन्हें एक महान देशभक्त कहा गया। आखिरकार संजय दत्त जब जमानत पर बाहर आए तो उनके माथे पर एक बड़ा सा तिलक लगा हुआ था। वे सीधे मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर गए। बेशक मंदिर जाने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इससे पहले वे अपने धर्म को लेकर इतने मुखर नहीं थे। इस तरह राजनीतिक नैरेटिव भी बदला गया, जिसने दत्त परिवार को सीधे प्रभावित किया।”

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‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड लव स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड ब्वाय’ का अंश

महेश भट्ट ने उनकी मुस्लिम पहचान को लेकर कहा था, “वह अपने गले की लॉकेट में कुरान शरीफ की आयत पहनता है।” फिर बाद में कहते हैं, “अब तो वह बदल गया है। टीका लगाता है आजकल।” वहीं, अपने जेल के अनुभव के बारे में बात करते हुए संजय दत्त ने कहा था, “मैं गीता पढ़ा करता था। मैंने हिंदू धर्म की बहुत सारी पुस्तकें पढ़ीं। मैं बहुत बड़ा शिवभक्त हूँ।”

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‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड लव स्टोरी ऑफ बॉलीवुड्स बैड ब्वाय’ का अंश

हालाँकि, इस किताब को लेकर काफी कंट्रोवर्सी है। लेखक ने संजय दत्त की जीवनी के नाम पर किताब बेची, लेकिन उन्होंने संजय दत्त से संपर्क नहीं किया। इस बात को लेकर संजय दत्त ने यासिर उस्मान और पब्लिकेशन के खिलाफ लीगल एक्शन लेने की बात की थी और उन्हें इसके लिए लीगल नोटिस भी भेजा था।

संजय दत्त की तरफ से भेजे गए लीगल नोटिस पर ‘संजय दत्त: द क्रेजी अनटोल्ड लव स्टोरी ऑफ बॉलीवुड बैड ब्वॉय’ के पब्लिसर्स ने कहा था कि किताब के फैक्ट्स पब्लिक डोमेन से मिली जानकारी के आधार पर लिखे गए हैं। किताब में जो भी बातें लिखी गई हैं, वो संजय दत्त के पुराने इंटरव्यू के अलावा 1990 के दशक में पत्र-पत्रिकाओं में छपी बातों से ही लिए गए हैं। उन्हीं बातों के आधार पर इस किताब का पब्लिकेशन किया गया है।

यासिर उस्मान ने इस नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, “अगर आप किताब पढ़ते हैं तो यह एक पूरी तस्वीर पेश करती है। मैं पुस्तक की प्रत्येक पंक्ति के साथ खड़ा हूँ, क्योंकि प्रत्येक कथन का विधिवत श्रेय दिया गया है। इसके अलावा, यह विशुद्ध रूप से उन साक्षात्कारों पर आधारित है, जो उन्होंने पत्रिकाओं को दिए हैं और मुझे भी। मेरा दूसरा सबसे बड़ा स्रोत उनकी बहनें नम्रता और प्रिया द्वारा लिखित पुस्तक ‘मिस्टर एंड मिसेज दत्त’ है। मेरा तीसरा स्रोत वे फिल्म निर्माता हैं, जो उन्हें जानते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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