90 के दशक में बॉलीवुड में नजर आने वाली एक्ट्रेस सुचित्रा कृष्णामूर्ति ने हाल में न्यूड पार्टी में शामिल होने की बात अपने एक्स अकॉउंट पर स्वीकार की। सुचित्रा ने बताया कि वो बर्लिन में न्यूड पार्टी का हिस्सा बनीं और वहाँ जाकर उन्हें इतना अजीब लगा कि उन्होंने 20 मिनट में ही उस जगह को छोड़ दिया और घर आकर मन शांत करने के लिए गायत्री मंत्र सुना।
सुचित्रा ने इस घटना के बारे में 14 जुलाई को ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने बताया था- “मैंने अभी अभी बर्लिन में एक बॉडी पॉजिटिविटी/नेकेड पार्टी अटेंड की। मुझे वो कहावत याद आ गई- इतने भी खुले दिमाग के मत बनो कि दिमाग ही बाहर गिर जाए। मैं हमेशा देसी गर्ल रहूँगी। नहाने की जरूरत महसूस हो रही है और थोड़ा सा गायत्री मंत्र का जाप करना जरूरी लग रहा है। बाप रे।”
Just attended a body positivity/ naked party in Berlin.
— Suchitra Krishnamoorthi (@suchitrak) July 13, 2024
Reminded me of the quote : dont be so open minded that ur brains fall out.
Desi girl forever. Need a sĥower & some gayatri mantra chanting . Baapre 🙃
उनके ट्वीट के बाद जब बॉलीवुड हंगामा ने उनसे इस संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि वहाँ (बर्लिन) ऐसी चीजें बहुत कॉमन हैं। उनका मकसद बॉडी पॉजिटिविटी को प्रमोट करना और शरीर को लेकर होने वाली चिंताओं को दूर करना है। सुचित्रा आगे कहती हैं- “मैंने इसीलिए सोचा चलो ठीक है एक्सपीरियंस कर लेते हैं। पार्टी बार में हो रही थी जो कि एक दोस्त के दोस्त का था। मुझे गेस्ट लिस्ट में रखा गया खा। मैं चली गई तो गई लेकिन वहाँ से फिर तुरंत भागीं। क्योंकि मैं बहुत देसी लड़की हूँ। मुझे किसी के बूब्स और बटक नहीं देखने हैं।”
सुचित्रा ने अपनी बात रखते हुए यह भी कहा कि बर्लिन में जो उन्होंने देखा वो सब अच्छी मंशा से था। उसे मजे और पॉजिटिव चीजों के लिए आयोजित किया गया था। वो सब वल्गर भी नहीं था, लेकिन भारतीय होने के नाते हम अपने शरीर को लेकर सचेत रहते हुए बड़े हुए हैं। जैसे हर चीज संभालो और छुपाओ। सुचित्रा ने बताया कि उन्हें मजा तो बहुत आया लेकिन वे देसी गर्ल हैं इसलिए वे वहाँ 20 मिनट ही रुकीं और फिर वापस आ गईं।
बॉडी पॉजिटिविटी का अर्थ
बता दें कि बॉडी पॉजिटिविटी पार्टियों का कॉन्सेप्ट यही होता है कि लोग अपने शरीर और दूसरों के शरीर को उनकी शक्ल-सूरत और आकार को बिन परवाह किए स्वीकार करें। फोर्ब्स में प्रकाशित जानकारी के अनुसार, यह एक ऐसा आंदोलन है जो आकार, रूप, त्वचा के रंग, लिंह और शारीरिक क्षमताओं की परवाह किए बिना सभी तरह के शरीरों को स्वीकृति देने का बढ़ावा देता है। कुछ लोग इस तरह के आंदोलन को यह भी कहते हैं कि यह मूवमेंट सिर्फ मोटापे जैसी चीजों को बढ़ावा देने के लिए है। हालाँकि इसका समर्थन करने वाले मानते हैं कि वो नग्न होकर जब एक दूसरे के सामने आते हैं जो इससे सामने वाला मानव शरीर के प्रति सहज हो पाता है।