Tuesday, December 10, 2024
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मेरठ में 30 परिवारों ने की घर वापसी, हवन-पूजा कर फिर से बने हिंदू: पादरी बिज्जू मैथ्यू ने लालच दे बनाया था ईसाई, नेटवर्क मार्केंटिंग की तरह चला रहा था धर्मांतरण का रैकेट

यह मामला मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रोहटा रोड पर विकास एनक्लेव कॉलोनी है। पादरी बीजू मैथ्यू अपने परिवार के साथ इस कॉलोनी में पिछले करीब 2.5 महीनों से रह रहा था। वह अपने घर पर हर रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन करता था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग यहाँ आते-जाते रहते थे। इससे स्थानीय लोगों को संदेह हुआ और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस और हिंदू संगठनों को दी थी।

उत्तर प्रदेश के मेरठ में ईसाई बने 150 लोगों ने घर वापसी करते हुए हिंदू धर्म अपना लिया है। 10 नवंबर को आयोजित एक समारोह में इन लोगों को पूरे वैदिक रीति-रिवाज से उनकी घर वापसी करवाई गई। इन सभी लोगों को कुछ दिन पहले पास्टर बिज्जू मैथ्यू ने लालच देकर ईसाई धर्म में धर्मांतरित कराया था। गोलाबाढ़ गाँव के रहने वाले 30 परिवारों के ये लोग प्रार्थना सभाओं में नियमित भाग लेते थे।

मूलत: केरल के रहने वाले बिज्जू मैथ्यू ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि उसने लगभग 300 परिवारों का धर्म परिवर्तित कराया है। इस दौरान वह लोगों को नकदी, शादी कराने, शिक्षा और इलाज कराने का लालच देता था। वह अपने समूह के लोगों के साथ आसपास के गाँवों में जाता था और गरीब लोगों के घर पहुँचकर उन्हें विभिन्न तरह का प्रलोभन देता था और उन्हें प्रार्थना सभा में आने के लिए कहता था।

गरीब लोगों को धर्मांतरण के लिए बिज्जू और उसकी पत्नी लड़का-लड़की की शादी कराने के लिए चर्च द्वारा खर्च उठाने, नकद पैसे देने और बीमारी दूर करने का लालच देकर ब्रेनवॉश करते थे। इसके बाद धर्मांतरित व्यक्ति को और लोगों को लाने के लिए कहा जाता था। इसे नेटवर्क मार्केटिंग की तरह अंजाम दिया जा रहा था। पास्टर बिज्जू को 20 अक्टूबर गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जेल में है।

यह मामला मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रोहटा रोड पर विकास एनक्लेव कॉलोनी है। पादरी बीजू मैथ्यू अपने परिवार के साथ इस कॉलोनी में पिछले करीब 2.5 महीनों से रह रहा था। वह अपने घर पर हर रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन करता था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग यहाँ आते-जाते रहते थे। इससे स्थानीय लोगों को संदेह हुआ और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस और हिंदू संगठनों को दी थी।

हिंदू संगठनों ने 20 अक्टूबर को जब उसके घर पर पहुँचे थे, तब वह प्रार्थना सभा में आए लोगों से कह रहा था, “जो तुमसे प्यार करे उसको प्यार करो। आज करवाचौथ का दिन है ,लेकिन परिवार तुमसे प्यार नहीं करता, परमेश्वर करता है इसलिए परमेश्वर की शरण में आओ। तुम्हें यीशु की पूजा करनी है। पैसा क्या चीज है? जो तुम चाहोगे, वह सब मिलेगा। तुम्हारे देवता क्या दे पाए आज तक?”

अधिकतर जाटव समाज से जुड़े लोगों को भड़काते हुए बिज्जू कह रहा था, “समाज में तुम्हें इज्जत तक नहीं मिलती। यीशु की शरण में चले आओ। यहाँ सब कुछ मिलेगा तुम्हें।” हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया था कि बिज्जू और उसकी पत्नी पिछले 15 साल से मेरठ के अलग-अलग इलाके में किराए पर मकान लेते हैं और वहाँ पर प्रार्थना सभा आयोजित करके लोगों को ईसाई में धर्मांतरण करवाते हैं।

ईसाई में धर्मांतरण के लिए बिज्जू तीन लालच देता था। पहला, धर्मांतरण करने वाले परिवार के लड़का या लड़की की शादी करवाने का खर्च चर्च के लोग उठाएँगे। दूसरा, धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति या परिवार को खुद का रोजगार करने के लिए 2 से 5 लाख रुपए तक की मदद देने का वादा करता था। तीसरा, बीमारियाँ ठीक करने के लिए पवित्र जल और झाड़-फूँक का वादा करते थे।

ऐसी ही धर्मांतरित महिला ने कहा था, “हमसे कहा जाता था कि जो कुछ हम सीखते हैं, उसको आगे भी 2 लोगों को बताना और सिखाना है। उन्हें परमेश्वर की कृपा और उसके चमत्कारों के बारे में बताना है।” इस तरह से यह नेटवर्क बनता चला जाता था। एक आदमी का धर्म बदलता तो वो दूसरे आदमी को धर्मांतरण के लिए तैयार करता। उनका फोकस गरीब और महिलाओं पर होता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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