Sunday, November 17, 2024
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‘जी ले जी ले मेरे यार, जेब खाली तो उधार जी ज़िन्दगी’

'चप्पल' नामक उपकरण अब तक घर पर सिर्फ मम्मी ही इस्तेमाल किया करती थी, वो भी बागड़ बच्चों की चर्बी घटाने के लिए। लेकिन आज इन बच्चों ने सदियों से चली आ रही इस परम्परा को तोड़ते हुए चप्पल से नया यंत्र तैयार कर कीर्तिमान स्थापित किया है।

“बचपन के दिन चार, ना आयेंगे बार बार
जी ले जी ले मेरे यार, जेब खाली तो उधार जी ज़िन्दगी”

बचपन हम सबकी ज़िन्दगी का वो हिस्सा होता है, जिसे हम जीवन की आपाधापियों के बीच कहीं रखकर भूल जाते हैं। लोग अक्सर कहते हैं कि बचपन बीत चुका है, जबकि मेरा मानना है कि एक बच्चा हर वक़्त हमारे भीतर मौजूद होता है। अगर ऐसा न हो तो ऑफिस से घर लौटते वक़्त, गली में क्रिकेट खेलते हुए बच्चों को देखकर या गाँव में कंचे और पिठ्ठू ग्राम खेलते बच्चों को देखकर हमारे पैर रुक नहीं जाते। हमारे पैरों के थम जाने का कारण वही बचपन होता है, जिसे उम्र और जिम्मेदारियों के साथ हम नकारने लगते हैं।

‘चप्पल’ नामक उपकरण अब तक घर पर सिर्फ मम्मी ही इस्तेमाल किया करती थी, वो भी बागड़ बच्चों की चर्बी घटाने के लिए। लेकिन आज इन बच्चों ने सदियों से चली आ रही इस परम्परा को तोड़ते हुए चप्पल से नया यंत्र तैयार कर कीर्तिमान स्थापित किया है।

“हमारी ही मुट्ठी में आकाश सारा, जब भी खुलेगी चमकेगा तारा “

आज सुबह से सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रही इस तस्वीर की ओर ध्यान गया, जो बेहद खूबसूरती से सन्देश देती है कि हमें खुश रहने के लिए पैसे, गाड़ियाँ और महलों पर निर्भर होने की जरूरत नहीं, बल्कि बस कुछ दोस्तों की ज़रूरत होती है, जिनके साथ आप सहज और अपने नैसर्गिक रूप में रह सकते हैं।  

इस तस्वीर की ख़ास बात है कि तस्वीर जिस ‘यंत्र’ से ली जा रही है, वो कोई कैमरा नहीं बल्कि चप्पल है। चप्पल से ‘सेल्फी’ ले रहे इन बच्चों ने आज हर किसी को अपने बचपन के गलियारों में दौड़ लगाने के लिए मजबूर किया है। अमिताभ बच्चन से लेकर बोमन ईरानी ने भी इसे ट्विटर पर शेयर किया है।

अमिताभ बच्चन ने अपने ट्वीट में लिखा है कि यह तस्वीर शायद ‘फोटोशॉप्ड’ हो सकती है, जिस पर मशहूर फ़ोटोग्राफ़र अतुल कसबेकर ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि ये ‘ओरिजिनल’ तस्वीर है और वो इन बच्चों को कुछ गिफ़्ट देना चाहते हैं।

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आशीष नौटियाल
आशीष नौटियाल
पहाड़ी By Birth, PUN-डित By choice

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