अपनी बोल्ड ड्रेस को लेकर सोशल मीडिया पर ट्रोल होने वाली उर्फी जावेद (Urfi Javed) इस बार अपने इंटरव्यू को लेकर सुर्खियों में हैं। उर्फी ने इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि वह कभी किसी मुस्लिम से निकाह नहीं करेंगी। इन दिनों वह भागवद गीता भी पढ़ रही हैं।
बिग बॉस ओटीटी की एक्स कंटेस्टेंट उर्फी जावेद कहती हैं, सोशल मीडिया पर उनके बोल्ड लुक को लेकर उन्हें ट्रोल किया जाता है, क्योंकि वह एक मुस्लिम हैं और इंडस्ट्री में उनका कोई गॉडफादर नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं एक मुस्लिम लड़की हूँ और मुझे सोशल मीडिया पर सबसे अधिक मुस्लिम लोगों द्वारा ही ट्रोल किया जाता है। वो मुझे आपत्तिजनक कमेंट करते हैं। कहते हैं कि मैं इस्लाम की छवि खराब कर रही हूँ। वो मुझसे नफरत करते हैं, क्योंकि मुस्लिम पुरुष चाहते हैं कि महिलाएँ उनके बनाए एक दायरे के भीतर ही रहें।”
उन्होंने आगे कहा, “वे अपने समुदाय की सभी महिलाओं को कंट्रोल में करना चाहते हैं। इस वजह से मैं इस्लाम को नहीं मानती। वे मुझे इसलिए भी ट्रोल करते हैं, क्योंकि मैं उनके अनुसार कपड़े नहीं पहनती, उनके अनुसार अपने धर्म का पालन नहीं करती।”
यह पूछे जाने पर कि क्या आप कभी अपने समुदाय के किसी व्यक्ति से निकाह करेंगी, अगर आपको उससे प्यार हो जाए तो। इस सवाल के जवाब में उर्फी कहती है, “मैं कभी मुस्लिम लड़के से निकाह नहीं करूँगी। मैं इस्लाम में विश्वास नहीं करती और मैं किसी भी मजहब का पालन नहीं करती, इसलिए मुझे परवाह नहीं है कि मैं किससे प्यार करती हूँ। हम जिससे चाहें उससे निकाह कर सकते हैं।”
उर्फी का यह भी मानना है कि मजहब के लिए किसी को भी मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। उसे अपना मजहब चुनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मेरे अब्बा एक बहुत ही रूढ़िवादी व्यक्ति थे। जब मैं 17 साल की थी, तब वो मुझे और मेरे भाई-बहनों को हमारी माँ के पास छोड़ कर चले गए थे। मेरी माँ बहुत धार्मिक महिला हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी हम पर अपना मजहब नहीं थोपा। मेरे भाई-बहन इस्लाम का पालन करते हैं और मैं नहीं करती, लेकिन वे इसके लिए मुझ पर दबाव नहीं बनाते हैं। ऐसा ही होना चाहिए। आप अपनी बीवी और बच्चों पर अपना मजहब नहीं थोप सकते। यह दिल से होना चाहिए। नहीं तो ना आप खुश होंगे और ना ही अल्लाह खुश होंगे।
बता दें कि एक्ट्रेस इन दिनों भागवद गीता पढ़ रही हैं। उनका कहना है कि मैं हिंदू धर्म के बारे में गहराई से जानना चाहती हूँ। मुझे इसमें दिलचस्पी है। मुझे किसी के द्वारा मजहब को थोपने से नफरत है, इसलिए मैं इसे पढ़ रही हूँ।