Sunday, November 17, 2024
Homeविविध विषयबैंकों को बर्बादी के रास्ते पर ढकेल गए थे मनमोहन सिंह, अब ₹3 लाख...

बैंकों को बर्बादी के रास्ते पर ढकेल गए थे मनमोहन सिंह, अब ₹3 लाख करोड़ से अधिक का मुनाफा: बोले PM मोदी- ‘फोन पर लोन’ वाली परिपाटी बंद की

देश के सरकारी क्षेत्र के बैंकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में ₹1.4 लाख करोड़ का मुनाफा कमाया है। यह वित्त वर्ष 2022-23 से 34% अधिक है। इन बैंकों ने 2022-23 के दौरान ₹1.04 लाख करोड़ का मुनाफ़ा कमाया था। ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब सरकारी बैंकों का मुनाफा ₹1 लाख करोड़ के पार गया हो।

वित्त वर्ष 2023-24 में देश के बैंकिंग क्षेत्र ने ₹3 लाख करोड़ से अधिक का मुनाफा कमाया है। इस दौरान निजी और सरकारी, दोनों ही बैंकों का मुनाफा बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023 में देश के बैंकिंग क्षेत्र के मुनाफे 39% की वृद्धि देखी गई है। पीएम मोदी ने बैंकिंग क्षेत्र की इस उपलब्धि को सराहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के सरकारी क्षेत्र के बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में ₹1.4 लाख करोड़ का मुनाफा कमा चुके है। यह वित्त वर्ष 2022-23 से 34% अधिक है। इन बैंकों ने 2022-23 के दौरान ₹1.04 लाख करोड़ का मुनाफ़ा कमाया था। ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब सभी सरकारी बैंक का मुनाफा ₹1 लाख करोड़ के पार गया हो।

सरकारी बैकों के अलावा निजी क्षेत्र के बैंकों को भी खूब मुनाफा हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि 2023-24 में देश के निजी बैंकों को ₹1.7 लाख करोड़ का मुनाफा हुआ। इनके मुनाफे में सरकारी बैंकों से अधिक वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2023-24 में इनका मुनाफा ₹1.2 लाख करोड़ था।

मुनाफे की इन खबरों के बीच सबसे बड़ी उपलब्धि सरकारी बैकों के हिस्से में ही है। सरकारी बैंकों ने भारी घाटे से ₹1 लाख करोड़ से अधिक के मुनाफे का सफ़र तय किया है। पिछले समय से तुलना की जाए तो सरकारी बैंक लगातार घाटे में जा रहे थे और उन्हें अपना कामकाज चलाने के लिए हर साल केंद्र सकरार मदद करती थी।

अब यह मामला पूरी तरह बदल चुका है। सरकारी बैकों ने वित्त वर्ष 2017-18 में ₹85,000 करोड़ से अधिक का घाटा झेला था। इसके बाद शुरू हुई प्रक्रिया के कारण बैकों को अब मुनाफा होने लगा है। मोदी सरकार में बैंकों के बुरे कर्जों को निपटाने, नए कर्जे सोच समझ कर देने और बैंकों के एकीकरण के कारण यह मुनाफा हुआ है।

दूसरी तरफ निजी क्षेत्र के बैंक भी आगे बढ़ रहे हैं। देश में बढती आर्थिक गतिविधि और लगातार बढ़ते उद्योग धन्धों के कारण निजी क्षेत्र के बैंकों का कारोबार बढ़ रहा है। ऐसे में उनके कर्ज पोर्टफोलियो भी बढ़ रहे हैं, बिना सरकारी दबाव के कारण वह अब कर्जदारों की जाँच करके लोन दे रहे हैं। इससे उनका भी लाभ बढ़ा है।

पीएम मोदी ने भी बैंकिंग क्षेत्र की इस उपलब्धि की सराहना की है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, ”पिछले 10 वर्षों में हुए उल्लेखनीय बदलाव से, भारत के बैंकिंग क्षेत्र का मुनाफ़ा पहली बार ₹3 लाख करोड़ को पार कर गया है। जब हम सत्ता में आए थे, तो हमारे बैंक UPA की फोन-बैंकिंग नीति के कारण घाटे और NPA से जूझ रहे थे। गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद कर दिये गये थे। बैंकों की सेहत में यह सुधार हमारे गरीबों, किसानों और MSME को कर्जे मिलने में आसानी होगी।”

बैंकिंग क्षेत्र के इस भारी मुनाफे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसने मुनाफे के मामले में देश IT क्षेत्र को भी पीछे छोड़ दिया है। जहाँ बैंकिंग क्षेत्र ने 2023-24 में ₹3.1 लाख करोड़ कमाए हैं, वहीं IT क्षेत्र ₹2.2 लाख करोड़ कमाने में ही सफल रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

क्या है ऑपरेशन सागर मंथन, कौन है लॉर्ड ऑफ ड्रग्स हाजी सलीम, कैसे दाऊद इब्राहिम-ISI के नशा सिंडिकेट का भारत ने किया शिकार: सब...

हाजी सलीम बड़े पैमाने पर हेरोइन, मेथामफेटामाइन और अन्य अवैध नशीले पदार्थों की खेप एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी देशों में पहुँचाता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -