Monday, December 23, 2024
Homeविविध विषयभारत की बातक्या आप जानते हैं औरंगजेब ने भी पटाखों पर लगाया था प्रतिबंध, पढ़िए मुगल...

क्या आप जानते हैं औरंगजेब ने भी पटाखों पर लगाया था प्रतिबंध, पढ़िए मुगल आक्रान्ता का 1667 का आदेश

आदेश में लिखा है- “बादशाह के सूबों के अफसरों को लिख दीजिए कि वे आतिशबाजी पर रोक लगा दें। शहर में भी घोषणा कर दें कि कोई आतिशबाजी न करें।”

दिवाली के मौके पर पटाखों पर लगने वाला बैन अक्सर सवाल खड़ा करता है कि क्या सारे प्रदूषण के लिए एक पर्व ही जिम्मेदार है। पिछले कुछ सालों से वायु प्रदूषण का रोना रोकर दिवाली आते ही कई राज्यों में प्रतिबंध लग जाता है। लोग सोशल मीडिया पर सवाल करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। 

कुछ लोग ये भी कहते हैं कि ये सब सिर्फ पिछले कुछ सालों में बढ़े प्रदूषण के कारण हो रहा है लेकिन बता दें कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाकर भावनाओं को ठेस पहुँचाना कोई नई बात नहीं है। 350 साल पहले मुगल आक्रांता औरंगजेब ने भी ऐसे ही पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया था।

आज दिवाली के मौके पर और वर्तमान हालातों को देखते हुए ये जानना जरूरी है कि हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने वाले औरंगजेब ने भी अपने काल में पटाखे फोड़ने पर रोक लगवाई थी। उसका आदेश बीकानेर के स्टेट अर्काइव में सुरक्षित है। आदेश 8 अप्रैल 1667 का है। 

साभार: दैनिक भास्कर

आदेश में लिखा है- “बादशाह के सूबों के अफसरों को लिख दीजिए कि वे आतिशबाजी पर रोक लगा दें। शहर में भी घोषणा कर दें कि कोई आतिशबाजी न करें।” इस आदेश में किसी त्यौहार का जिक्र नहीं है। न ही कोई समय का उल्लेख है। बस इससे इतना पता चलता है कि उसने आतिशबाजी पर रोक लगाई थी इस आदेश के हिसाब से लंबे समय तक आतिशबाजी पर रोक लगाई गई थी।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान स्टेट आर्काइव के निदेशक महेंद्र सिंह खड़गावत ने कहा, “औरंगजेब के समय आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया गया था। अप्रैल 1667 का औरंगजेब के समय का लेटर आर्काइव में हमारे पास सुरक्षित है। उस लेटर में दिवाली का जिक्र नहीं है, लेकिन वह लेटर सही है।”

इतिहास की इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग सवाल करते रहते हैं। लोग तंज कसते हैं कि औरंगजेब ने भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था। कितना महान पर्यावरणविद् और दूरदर्शी है।

दिवाली के आते ही पटाखों से उठने वाले धुएँ पर कई वामपंथी-कट्टरपंथी अपनी सांस फुलाते हैं। इस सूची में प्रियंका चोपड़ा जैसे नाम हैं जिन्हें सिगरेट या सिगार पीने से समस्या नहीं है लेकिन उन्हें दिवाली के मौके पर सांस की शिकायत हो जाती है। इसी तरह रोशनी अली से जुड़ा विवाद हाल का है। उन्हीं की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने दीवाली/काली पूजा के दौरान पूरे पश्चिम बंगाल में सभी प्रकार के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -