दिवाली के मौके पर पटाखों पर लगने वाला बैन अक्सर सवाल खड़ा करता है कि क्या सारे प्रदूषण के लिए एक पर्व ही जिम्मेदार है। पिछले कुछ सालों से वायु प्रदूषण का रोना रोकर दिवाली आते ही कई राज्यों में प्रतिबंध लग जाता है। लोग सोशल मीडिया पर सवाल करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
कुछ लोग ये भी कहते हैं कि ये सब सिर्फ पिछले कुछ सालों में बढ़े प्रदूषण के कारण हो रहा है लेकिन बता दें कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाकर भावनाओं को ठेस पहुँचाना कोई नई बात नहीं है। 350 साल पहले मुगल आक्रांता औरंगजेब ने भी ऐसे ही पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया था।
आज दिवाली के मौके पर और वर्तमान हालातों को देखते हुए ये जानना जरूरी है कि हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने वाले औरंगजेब ने भी अपने काल में पटाखे फोड़ने पर रोक लगवाई थी। उसका आदेश बीकानेर के स्टेट अर्काइव में सुरक्षित है। आदेश 8 अप्रैल 1667 का है।
आदेश में लिखा है- “बादशाह के सूबों के अफसरों को लिख दीजिए कि वे आतिशबाजी पर रोक लगा दें। शहर में भी घोषणा कर दें कि कोई आतिशबाजी न करें।” इस आदेश में किसी त्यौहार का जिक्र नहीं है। न ही कोई समय का उल्लेख है। बस इससे इतना पता चलता है कि उसने आतिशबाजी पर रोक लगाई थी इस आदेश के हिसाब से लंबे समय तक आतिशबाजी पर रोक लगाई गई थी।
After Aurangzeb, fire crackers are banned in #ArvindKejriwal's #Delhi and #MamataBanerjee's #WestBengal etc…. all are #AntiHindu… pic.twitter.com/2C6H9BBy4f
— Vedic Tribe (@TribeVedic) November 3, 2021
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान स्टेट आर्काइव के निदेशक महेंद्र सिंह खड़गावत ने कहा, “औरंगजेब के समय आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगाया गया था। अप्रैल 1667 का औरंगजेब के समय का लेटर आर्काइव में हमारे पास सुरक्षित है। उस लेटर में दिवाली का जिक्र नहीं है, लेकिन वह लेटर सही है।”
इतिहास की इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोग सवाल करते रहते हैं। लोग तंज कसते हैं कि औरंगजेब ने भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था। कितना महान पर्यावरणविद् और दूरदर्शी है।
even aurangzeb banned firecrackers on diwali? what a great environmentalist and visionary! 😂
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) October 9, 2017
दिवाली के आते ही पटाखों से उठने वाले धुएँ पर कई वामपंथी-कट्टरपंथी अपनी सांस फुलाते हैं। इस सूची में प्रियंका चोपड़ा जैसे नाम हैं जिन्हें सिगरेट या सिगार पीने से समस्या नहीं है लेकिन उन्हें दिवाली के मौके पर सांस की शिकायत हो जाती है। इसी तरह रोशनी अली से जुड़ा विवाद हाल का है। उन्हीं की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने दीवाली/काली पूजा के दौरान पूरे पश्चिम बंगाल में सभी प्रकार के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।