कश्मीर में आर्टिकल 370 के निष्प्रभावी होने से बौखलाए पाकिस्तान को हर मोर्चे पर मात ही मिल रही है। वह पहले दिन से ही मसले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की बात कह रहा। उसे उम्मीद थी कि शायद कुछ अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति मिल जाए। लेकिन, अमेरिका ने उसे नसीहत देते हुए कहा है कि भारत को तेवर दिखाने की बजाय वह अपनी जमीन पर पल रहे आतंकियों पर नकेल कसे।
जानकारी के मुताबिक इस संबंध में अमेरिका के 2 बड़े नेताओं ने पाकिस्तान से कहा है कि वह भारत के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई से बचे और अपनी सरजमीं पर चलने वाले आंतकी गुटों के ख़िलाफ़ सख्त एक्शन ले। दरअसल, अनुच्छेद 370 निष्क्रिय किए जाने के विरोध में पाकिस्तान ने कल (अगस्त 7, 2019) भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को वापस भेज दिया और भारत के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को सीमित कर लिया था। जिसके बाद अमेरिकी सांसद रॉबर्ट मेनेनडेज और इलियट इनजेल ने बयान जारी कर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है।
रॉबर्ट मेनेनडेज सीनेट की फॉरेन रिलेशंस कमेटी के सदस्य हैं, वहीं इलियट इनजेल हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के अध्यक्ष हैं।
दोनों नेताओं ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के पास मौक़ा है कि वह अब दिखाए कि उसके लिए सभी नागरिक महत्वपूर्ण हैं और वह उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे। इन अधिकारों में दोनों नेताओं ने विधानसभा की स्वतंत्रता का अधिकार रखने का भी जिक्र किया।
जनसत्ता की रिपोर्ट की मानें तो अमेरिकी नेताओं ने कहा है, “पारदर्शिता और राजनीतिक भागीदारी लोकतंत्र का स्तंभ है और हमें उम्मीद है कि भारत सरकार इन सिद्धांतों का पालन करेगी।”
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अन्य देशों की सहायता माँगने के मद्देनजर पाकिस्तान ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से भी फोन पर बात की थी।