Monday, November 18, 2024
Homeविविध विषयअन्यचुनाव आयोग का बड़ा फैसला, इस सीट पर EVM नहीं, बैलेट पेपर से होगा...

चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, इस सीट पर EVM नहीं, बैलेट पेपर से होगा मतदान

चुनाव आयोग ने देश की एक लोकसभा सीट पर मतपत्र से चुनाव कराने का निर्णय लिया है। हालाँकि, इसकी वजह राजनीतिक पार्टियों की आपत्ति या माँग नहीं, बल्कि कुछ और है, जिसने चुनाव आयोग को मतपत्रों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर कर दिया है।

लोकतंत्र के महापर्व यानी लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। 11 अप्रैल से पहले चरण का मतदान शुरू हो जाएगा। हर बार चुनाव के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का मामला खूब जोर-शोर से उठता है और चुनाव हारने के बाद राजनीतिक पार्टियों द्वारा ईवीएम पर ठीकरा फोड़ना भी अब आम बात हो चुकी है। इसे लेकर समय-समय पर कुछ राजनीतिक पार्टियाँ ईवीएम की जगह फिर से मतपत्र से मतदान कराने की माँग करती रहती है। ऐसे में चुनाव आयोग ने देश की एक लोकसभा सीट पर मतपत्र से चुनाव कराने का निर्णय लिया है। हालाँकि, इसकी वजह राजनीतिक पार्टियों की आपत्ति या माँग नहीं, बल्कि कुछ और है, जिसने चुनाव आयोग को मतपत्रों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर कर दिया है।

चुनाव आयोग ने तेलंगाना राज्य के हैदराबाद की निजामाबाद लोकसभा सीट पर मतपत्र से चुनाव करने का निर्णय लिया है। इसकी वजह ये है कि यहाँ पर लोकसभा के उम्मीदवारों की सूची इतनी लंबी हो गई है कि ईवीएम के जरिए चुनाव करा पाना संभव नहीं है। काफी संख्या में नामांकन होने की वजह से चुनाव आयोग को यहाँ हर बूथ पर काफी संख्या में ईवीएम की जरूरत पड़ेगी, जो काफी मुश्किल है। इसलिए चुनाव आयोग ने इस लोकसभा सीट पर ईवीएम की जगह मतपत्र से मतदान कराने का निर्णय लिया है।

जानकारी के मुताबिक, निजामाबाद लोकसभा सीट पर कुल 185 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। इसमें 178 किसान शामिल हैं। बता दें कि, निजामाबाद लोकसभा सीट से तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। इसीलिए किसानों ने राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति की नाकाम नीतियों का विरोध करने के लिए यहाँ से नामांकन दाखिल किया है। बताया जा रहा है कि फसलों के लिए बेहतर मुआवजे की माँग कर रहे किसानों की योजना तो कम से कम एक हजार पर्चे भरने की थी।

दरअसल एक ईवीएम में अधिकतर 16 उम्मीदवारों के ही नाम दर्ज हो सकते हैं और एक कंट्रोल यूनिट अधिकतम 4 ईवीएम से जुड़कर इनका रिकॉर्ड दर्ज कर सकती है। यानी एक कंट्रोल यूनिट ज्यादा से ज्यादा 64 उम्मीदवारों के नाम पर ही मतदान के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। अब ऐसे में जब निजामाबाद सीट पर 185 उम्मीदवार अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रहे हैं, तो चुनाव आयोग के पास बैलेट पेपर के अलावा अन्य किसी तरीके से चुनाव कराने का कोई विकल्प नहीं रह जाता।

इस मामले पर मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा, “क्योंकि ईवीएम के जरिए मतदान कराना संभव नहीं है, इसलिए हम बैलेट पेपर का इस्तेमाल करेंगे। हमने इस मामले की जानकारी भारतीय निर्वाचन आयोग को दे दी है और उनके निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।” गौरतलब है कि राज्य में 1996 और 2010 में भी बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया गया था। इसके साथ जनवरी 2019 में भी ग्राम पंचायत चुनाव में मतपत्रों से वोट पड़े थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -