एक समय था जब बैंक खाता होना गरीब लोगों के लिए विलासिता का प्रतीक माना जाता था। आजादी के बाद से, भारत के नागरिकों का एक बड़ा वर्ग बैंक खाते का लाभ उठाने में सक्षम नहीं था। जब 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यभार सँभाला, तो उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण पहल जो की थी, उसमें एक थी- प्रधानमंत्री जन धन योजना।
इस योजना का उद्देश्य समाज के गरीब और हाशिए के वर्गों को बैंकिंग प्रणाली के तहत लाना था। इसकी शुरुआत के बाद से भारत सरकार ने देश के हर कोने में बैंकिंग प्रणाली की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
जब हमारी सरकार आई तो हमने देखा कि देश की करोड़ों बहनें ऐसी थीं जिनके पास बैंक खाता तक नहीं था, जो बैंकिंग सिस्टम से कोसों दूर थीं।
— PMO India (@PMOIndia) August 12, 2021
इसलिए हमने सबसे पहले जनधन खाते खोलने का बहुत बड़ा अभियान शुरू किया: PM @narendramodi
इस योजना की घोषणा पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2014 को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान की थी। उन्होंने कहा था, “मैं यहाँ आजादी के इस पर्व पर एक योजना शुरू करने का संकल्प लेकर आया हूँ। इसका नाम प्रधानमंत्री जन-धन योजना होगा। मैं इस योजना के माध्यम से देश के सबसे गरीब नागरिकों को बैंक खातों की सुविधा से जोड़ना चाहता हूँ। लाखों परिवार ऐसे हैं जिनके पास मोबाइल तो है लेकिन बैंक खाते नहीं हैं। हमें इस परिदृश्य को बदलना होगा। देश के आर्थिक संसाधनों का उपयोग गरीबों की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। अब बदलाव शुरू होगा। ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’ के तहत खाताधारक को डेबिट कार्ड दिया जाएगा। प्रत्येक गरीब परिवार के लिए उस डेबिट कार्ड से एक लाख रुपए के बीमा की गारंटी दी जाएगी, ताकि ऐसे परिवार अपने जीवन में किसी भी संकट की स्थिति में एक लाख रुपए के बीमा का लाभ ले सकें।”
इस योजना का 28 अगस्त, 2021 को सात साल पूरा हो गया। PMJDY की वेबसाइट पर उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत 43.04 करोड़ लाभार्थियों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है। इन खातों में फिलहाल 146,230.71 करोड़ रुपए जमा हैं। सरकार ने सभी क्षेत्रों में बैंक मित्र की नियुक्ति कर रखी है, ताकि सभी लोग आसानी से बैंकिंग प्रणाली का लाभ ले सकें।
आँकड़े बताते हैं कि योजना के तहत खोले गए 86.3% खाते एक्टिव हैं। अगस्त 2015 से अगस्त 2020 के दौरान, योजना के तहत खातों की संख्या में 2.3 गुना और इन खातों में जमा राशि में 5.7 गुना वृद्धि देखी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि जन धन योजना के तहत प्रत्येक खाते में औसतन 3,239 रुपए का एवरेज अमाउंट है जो अगस्त 2015 की तुलना में 2.5 गुना अधिक है।
खास बात यह है कि इस योजना के तहत कोई मिनिमम बैलेंस की आवश्यकता नहीं है। यानी खाताधारक बैंक में पैसा रखने के लिए बाध्य नहीं हैं, इसलिए उन्होंने बैंकिंग सिस्टम से जुड़े रहने का फैसला किया, जो केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। साथ ही, इस योजना के तहत कैशलेस बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए बैंकों ने 31 करोड़ से अधिक RuPay कार्ड जारी किए हैं। योजना की पहली वर्षगाँठ पर, पीएम मोदी ने राष्ट्र को बताया कि योजना के तहत खातों में 22,000 करोड़ रुपए जमा हुए।
महिला सशक्तिकरण में जन धन योजना की भूमिका
महिला विश्व बैंकिंग और बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार ‘जन धन की शक्ति: भारत में महिलाओं के लिए वित्तीय कार्य करना’, [PDF] PMJDY खातों के 55% (43.04 में से 23.76 करोड़) महिलाओं के स्वामित्व में हैं। चूँकि खाते में न्यूनतम कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है और बैंक इन खातों को खोलने के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान कर रहे हैं, ऐसे में PMJDY ने निरक्षरता जैसी समस्या को खत्म कर महिलाओं को बैंक खाते प्रदान किए हैं, जो समाज के निम्न-आय वर्ग के बीच बैंक खाता खोलते समय एक आम चुनौती थी। रिपोर्टों से पता चलता है कि जन धन खातों में महिलाओं का एवरेज बैलेंस पुरुषों की अपेक्षा 30% अधिक है।
12 अगस्त को, आत्मानिर्भर नारी शक्ति संवाद के तहत महिला लाभार्थियों को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब 2014 में भाजपा सरकार सत्ता में आई, तो उन्होंने देखा कि करोड़ों महिलाओं के पास बैंक खाते नहीं थे। उन्होंने कहा, “आज, देश में 42 करोड़ से अधिक जन धन खाते हैं और इनमें से लगभग 55 प्रतिशत अकाउंट हमारी माताओं और बहनों के हैं। इन खातों में हजारों करोड़ रुपए जमा हैं। अपनी बचत को रसोई के बक्सों में डालने के बजाय (जैसा कि पहले होता था) पैसा अब बैंक खातों में जमा किया जा रहा है।”
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत जनधन खातों की महिला खाताधारकों को तीन महीने के लिए 500 रुपए मिले। इस योजना से लगभग 20 करोड़ महिलाएँ लाभान्वित हुईं।
भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने में जन धन खातों की भूमिका
इस योजना ने जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना की वजह से सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुँचाने में सफल रही, जिसकी वजह से इसने बिचौलियों की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), अटल पेंशन योजना (APY), माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी बैंक (MUDRA) योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) और स्टैंड-अप इंडिया (SUPI) जैसी योजनाओं के तहत और कई अन्य योजना लाभार्थियों को सीधा लाभ पहुँचाती है।
PMJDY के तहत विभिन्न बीमा योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) ने 23.66 करोड़, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) ने 10.53 करोड़ और अटल पेंशन योजना (APY) ने 3.13 करोड़ लाभार्थियों को जोड़ा है।
PM @narendramodi‘s vision is to provide financial security to citizens. There has been a perpetual rise in the number of beneficiaries of the insurance schemes. PMSBY has added 23.66 cr, PMJJBY 10.53 cr & APY has added 3.13 cr beneficiaries. pic.twitter.com/7THTN4V8Et
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) August 23, 2021
सरकार ने योजना के तहत अधिक लाभ प्रदान करने के लिए और कदम उठाए हैं, जैसे कि दुर्घटना बीमा कवर को 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया है। ऐसे बैंकों की ओवरड्राफ्ट सीमा 5,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दी गई है। खातों के लिए आयु सीमा भी 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि अधिक से अधिक लोग इस योजना से जुड़े, सरकार ने ‘एक खाता प्रति परिवार’ से ‘एक खाता प्रति वयस्क’ पर जोर दिया है।