बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के जस्टिस राहुल बी देव ने भरी अदालत में इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कोर्ट में मौजूद सभी लोगों से माफी भी माँगी और इस्तीफे का ऐलान कर दिया। जस्टिस राहुल बी देव साल 2022 में उस समय चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने जीएन साईबाबा को न सिर्फ रिहा करने का आदेश दिया था, बल्कि उनके खिलाफ केस को ही खारिज करते हुए आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया था। अब उन्होंने भरी कोर्ट में मौजूद वकीलों व अन्य स्टाफ को संबोधित करते हुए कहा कि अगर उनकी वजह से किसी को ठेस पहुँची हो, तो वो माफी चाहते हैं। क्योंकि अब वो ये पद छोड़ रहे हैं और फिर वो कोर्ट से चले गए।
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस राहुल बी देव ने इस्तीफा देते हुए कहा कि उनके मन में किसी के प्रति कोई गुस्सा नहीं है। किसी तरह का कोई मलाल लेकर वो नहीं जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वो किसी को भी कभी ठेस पहुंचाए हों, तो उसके लिए वो क्षमाप्रार्थी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था फैसला, लगाई थी फटकार
राहुल बी देव साल 2017 से बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच के जज हैं। वो साल 2016 में महाराष्ट्र सरकार के महाधिवक्ता रहे थे। लेकिन शहरी नक्सली बी एन साईबाबा केस में उन्होंने सभी सबूतों, गवाहों की अनदेखी करते हुए उनके खिलाफ केस को ही खारिज कर दिया था और आजीवन कारावास की सजा को रद्द करके उनकी रिहाई के आदेश दे दिए थे।
जज राहुल बी देव के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी, तो सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ उनके फैसले को पूरी तरह से पलट दिया, बल्कि नसीहत भी दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अभूतपूर्व फैसला करते हुए उनके दिए निर्णय को ही रद्द कर दिया था।
2025 में होना था रिटायर
जस्टिस राहुल बी देव का कार्यकाल अभी काफी बाकी था। वो 4 दिसंबर 2025 को रिटायर होते, लेकिन अभूतपूर्व कदम उठाते हुए उन्होंने कोर्ट में ही अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। आज तक के इतिहास में शायद किसी जज ने कोर्ट में ही इस्तीफा नहीं दिया।