Monday, November 18, 2024
Homeविविध विषयअन्यखेल मंत्रालय के कार्यक्रम में गालीबाज देवदत्त पटनायक का नाम देख भड़के नेटिजन्स, पूछा-...

खेल मंत्रालय के कार्यक्रम में गालीबाज देवदत्त पटनायक का नाम देख भड़के नेटिजन्स, पूछा- इस हिंदूफोबिक को नेशनल यूथ फेस्टिवल से क्यों जोड़ा

कार्यक्रम में देवदत्त पटनायक को बुलाए जाने पर LRO ने तमाम ऐसे वाकयों का जिक्र करके उसका विरोध किया जब उसने ऑनलाइन अपनी घटिया बुद्धि का प्रमाण देते हुए कभी किसी को गाली दी तो कभी ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश की थी। 

हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने वाले देवदत्त पटनायक (Devdutt Pattanaik) को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा ‘ग्रेट माइंड डिस्कस आइडियास’ कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर बुलाया गया। सामने आए पोस्टर में देख सकते हैं कि रणदीप हुड्डा, विजय शेखर शर्मा की तस्वीर के साथ देवदत्त की फोटो भी लगी है। अब इसी कार्रयक्रम के होने से पहले इसपर विवाद छिड़ा है। कुछ लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इसी बीच एक भाजपा समर्थक ने ट्वीट करके बताया है कि शायद देवदत्त पटनायक अब कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।

बता दें कि जब नेशनल यूथ फेस्टिवल 2022 के पोस्टर में देवदत्त को नजर आए, तभी से सवाल किया जा रहा है कि ऐसे गालीबाज व्यक्ति को क्या युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय महान बुद्धिजीवी मानता है क्या जो उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रण मिला। लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से पूछा कि क्या आपका मंत्रालय वाकई देवदत्त पटनायक को एक महान दिमाग मानता है? वह हिंदुओं के ख़िलाफ़ जहर उगलने वाला, भारत से नफरत करने वाला, फर्जी इतिहासकार है जो हर भारतीय चीज को कोसने, नरेंद्र मोदी व अमित शाह को श्रापने का आनंद लेता है ताकि उसकी वामपंथी खुजली शांत हो सके।

LRO ने तमाम ऐसे वाकयों का स्क्रीनशॉट लगाया है जब देवदत्त पटनायक ने ऑनलाइन ही अपनी घटिया  बुद्धि का प्रमाण दिया और कभी किसी को गाली दी तो कभी ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश की। 

LRO के अलावा अन्य यूजर्स का कहना है कि देवदत्त पटनायक गंदे-गंदे शब्दों का प्रयोग करके माताओं, महिलाओं को गाली देता हैं। क्या अब वो विवेकानंद के जन्मदिवस पर भारतीय युवाओं को संबोधित करेगा?

एक यूजर ने लिखा, “क्या कार्यक्रम संयोजक दिमाग नहीं चला रहे। आप किसी को कार्यक्रम में बुलाने से पहले उस आदमी के बैकग्राउंड के बारे में इतना अंजान कैसे हो सकते हैं। आखिर क्यों इस हिंदूफोबिक आदमी को  नेशनल यूथ फेस्टिवल में जोड़ा गया है।”

हर्ष वर्धन त्रिपाठी लिखते हैं, “सरकार को सबको लेकर चलना चाहिए, आलोचकों को भी, लेकिन देवदत्त जैसे घोर हिंदू धर्म विरोधी को युवा कार्यक्रम और अमृत महोत्सव में शामिल करके युवाओं को क्या सिखाना चाहते हैं। भगवान राम भ्रम हैं क्या।”

गौरतलब है कि जिस देवदत्त पटनायक को युवाओं को संबोधित करने के लिए युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय ने निमंत्रण देकर बुलाया है उसी फर्जी ‘माइथोलॉजी’ एक्सपर्ट देवदत्त पटनायक के खिलाफ पिछले साल ओडिशा के भुवनेश्वर में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पटनायक के खिलाफ यह शिकायत ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर के बारे में फर्जी खबरें और झूठ फैलाकर हिंदू समाज में जाति के आधार पर विभाजन को लेकर की गई थी।

इतना ही नहीं पटनायक को आप अक्सर हिंदू घृणा से लबरेज सामग्री का प्रचार-प्रसार करते देखेंगे। कुछ समय पहले उसने श्रीराम भगवान और हनुमान जी का मजाक बनाया था। उसने श्रीराम को नेपाल का, रावण को लंका का करार देते हुए भारत को बंदरों का देश कहा था। इसी तरह एक बार इस कथित इतिहासकार ने एक यूजर की माँ को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। फिर दूसरे के माता-पिता को मूर्ख तक कह दिया था। कई बार इस पटनायक को यूजर्स ने खुलेआम माँ-बहन की गाली देते भी पकड़ा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -