तेलंगाना में प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी गणेश प्रतिमाओं के हुसैन सागर झील और अन्य जलाशयों में विसर्जन की अनुमति नहीं दी जाए। तेलंगाना हाईकोर्ट ने गुरुवार (सितंबर 9, 2021) को राज्य सरकार को यह आदेश दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि स्थानीय और शहरी निकाय क्षेत्रों में सीमित संख्या में पंडालों को लाइसेंस और अनुमति दी जानी चाहिए।
कार्यवाहक चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस टी. विनोद कुमार की बेंच ने एक अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को निर्देश दिया कि पीओपी से बनी गणेश प्रतिमाओं को बृहद् हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) की ओर से बनाए गए छोटे तालाबों या अन्य अलग तालाबों में विसर्जन की अनुमति दे, जिससे मुख्य जलाशयों का जल प्रदूषित नहीं हो।
हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश
तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा कि गैर पीओपी प्रतिमाओं का विसर्जन हुसैन सागर झील के दूसरी ओर जैसे पीवी घाट, सचिवालय मार्ग, संजीवैया पार्क रोड आदि स्थानों पर किया जा सकता है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका को बंद कर दिया। अदालत ने कहा कि छोटे और पर्यावरण हितैषी प्रतिमाओं के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि पर्यावरण पर उनके विपरीत असर से बचा जा सके और बड़ी भीड़ इकट्ठा किए बगैर रिवाजों को साधारण एवं आसान तरीके से किया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि स्थानीय/शहरी निकाय क्षेत्रों में सीमित संख्या में पंडालों को लाइसेंस एवं अनुमति दी जानी चाहिए और सादे व शांत आयोजनों को बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही पंडालों में रात 10 बजे बाद लाउड स्पीकर उपयोग करने की अनुमति नहीं दी गई और न ही किसी पंडाल को सड़कों पर लगाया जा सकेगा।
मिट्टी की प्रतिमाओं पर कोई रोक नहीं
सामान्य मिट्टी और बिना सिंथेटिक पेंट से बनी प्रतिमाओं के विसर्जन पर कोई रोक नहीं है। इनके लिए सरकार हुसैन सागर में इन्फ्लेटेबल रबर के कुंड बनाकर एक वैकल्पिक स्थान बना सकती है जहाँ विसर्जन हो सकें। साथ ही छोटी गणेश प्रतिमाओं को बढ़ावा देने के लिए भी कहा गया। इसके अलावा पानी के अतिप्रवाह को रोकने के लिए गाद जमा होने से बचाने के लिए संबंधितों को भी विसर्जन के तुरंत बाद झील से कचरे को हटाने का निर्देश दिया गया।
उल्लेखनीय है कि देश भर में आज से गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा। भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणपति का जन्मोत्सव मनाया जाता है। पूरे देश में गणपति मोरया की पूजा धूमधाम से मनाई जाती है। गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता है, जो चतुर्थी को शुरु होकर अनंत चतुर्दशी के दिन खत्म होता है। हालाँकि कोरोना संकट के चलते इस साल गणेश उत्सव अलग रुप में मनाया जा रहा है।