उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापती के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है। ED ने अवैध खनन मामले में पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और 5 आईएएस समेत 16 लोगों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएसए) के तहत दो केस दर्ज किए हैं। इन अधिकारियों और तत्कालीन खनन मंत्री के खिलाफ 29 जून को सीबीआई ने दो एफआईआर दर्ज की थी। अब इसी एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने भी एफआईआर दर्ज की है। गायत्री से हाल ही में पुलिस व ईडी के तमाम अफसरों की मौजूदगी में पूछताछ की गई थी।
पहली एफआईआर फतेहपुर से संबंधित है, जहाँ अवैध तरीके से खनन पट्टों का आवंटन हुआ। इसमें तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, प्रमुख सचिव खनन जीवेश नंदन, तत्कालीन विशेष सचिव खनन संतोष कुमार राय, तत्कालीन फतेहपुर के जिलाधिकारी अभय, तत्कालीन अनु सचिव हरि मोहन झा व दो अन्य शिव सिंह व सुखराज को नामजद किया गया है।
इन पर आरोप है कि सपा सरकार के दौरान ई टेंडर नीति लागू होने के बाद भी उसका पालन किए बिना ही बालू खनन के पट्टे का नवीनीकरण कर दिया गया। पट्टाधारक शिव सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अपनी समाप्त हो चुकी लीज को 3 वर्ष के लिए आवंटित करा लिया, जिसकी स्वीकृति तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा दी गई थी।
इसी तरह का मामला देवरिया में भी हुआ था, जहाँ फूल बदन सिंह के पक्ष में तीन वर्ष के लिए 28 एकड़ जमीन के पट्टे का नवीनीकरण कर दिया गया। दूसरी एफआईआर में तत्कालीन जिलाधिकारी विवेक, तत्कालीन एडीएम देवी शरण उपाध्याय, तत्कालीन खनन अधिकारी विजय कुमार मौर्य, तत्कालीन खनन निरीक्षक पंकज कुमार सिंह, खनन बाबू हंसराज, पट्टा धारक, शरद यादव, शरद के बेटे वीरेंद्र यादव, संजय यादव और फूल बदन निषाद को नामजद किया गया है। इन दोनों ही एफआईआर में शामिल लोगों से जल्द ही प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करेगा।