देश में रोजगार नहीं है, आर्थिक मंदी से अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है… प्रोपेगेंडा के इन सब बातों के बीच एक आँकड़ा आया है। और ऐसा कहा गया है कि आँकड़े झूठ नहीं बोलते! तो आँकड़ा यह है कि देश में जुलाई महीने में कुल 1,74,831 नई नौकरियों के मौके पैदा हुए। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के ताजा आँकड़ों में यह जानकारी दी गई है। ईएसआईसी ने ये प्रेस रिलीज 20 सितंबर 2019 को जारी किया है।
ईएसआईसी के आँकड़ों के अनुसार, जून 2019 में कुल 12,49,394 लोग रजिस्टर्ड थे। जबकि जुलाई 2019 में यह आँकड़ा बढ़कर 14,24,225 हो गया। यानी जून की अपेक्षा जुलाई में 1,74,831 नई नौकरियों के अवसर पैदा हुए।
वहीं अगर अप्रैल 2018 से जुलाई 2019 तक की बात करें, तो कुल 1.49 करोड़ लोगों ने ईएसआईसी के साथ खुद को रजिस्टर किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान ईएसआईसी से 83.34 लाख नए सब्सक्राइबर्स जुड़े थे।
ईएसआईसी के आँकड़ों के अलावा जुलाई 2019 में ईपीएफओ के साथ 11.61 लाख नौकरीपेशा लोग रजिस्टर्ड थे। जबकि जून में यही आँकड़ा 10.75 लाख लोगों का था। मतलब कुल 86,000 नौकरीपेशा लोगों ने सिर्फ जुलाई में खुद को ईपीएफओ के साथ रजिस्टर किया।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में करोड़ों कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया था। सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम स्कीम में अंशदान की दर को 6.5% से घटाकर 4% कर दिया था। इसमें नियोक्ता का अंशदान 4.75 फीसदी से घटाकर 3.25 कर दिया गया था। वहीं कर्मचारियों के योगदान को 1.75 फीसदी से घटाकर 0.75 फीसदी कर दिया गया था। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी थी।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) पर जारी आँकड़ों की पूरी लिस्टआप यहाँ पर पढ़ सकते हैं।