दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति की ओर से दिल्ली दंगों में भूमिका को लेकर फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को तलब किया गया था। हालाँकि ताजा जानकारी के अनुसार, फेसबुक उपाध्यक्ष ने समिति के सामने पेश होने से मना कर दिया और जवाब दिया कि वह भारत सरकार के दायरे में आते हैं।
We had summoned Facebook India VP & MD Ajit Mohan over its role in Delhi riots. In reply, Facebook has asked to withdraw summon as ‘regulation of intermediaries like Facebook falls within exclusive authority of GOI’: Delhi Assembly’s Peace & Harmony Committee chief Raghav Chadha pic.twitter.com/0oudPlJNWN
— ANI (@ANI) September 15, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार शांति और सद्भाव समिति के प्रमुख राघव चड्ढा ने मंगलवार (सितंबर 15, 2020) को कहा, “हमने दिल्ली दंगों में भूमिका को लेकर फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को तलब किया था, लेकिन फेसबुक की ओर से आए जवाब में हमें पूछताछ के लिए भेजे गए समन को वापस लेने को कहा गया। इसका कारण बताया गया है कि फेसबुक जैसे मिडिएटर का रेग्युलेशन भारत सरकार के विशेष अधिकार के अंतर्गत आता है।”
Facebook’s letter is in disregard of committee’s privilege. Facebook’s refusal to appear before the committee is an attempt to conceal crucial facts in relation to its role in Delhi riots. Fresh summons will be issued to it in line with principles of natural justice:Raghav Chadha https://t.co/Cd1q0iXUSG
— ANI (@ANI) September 15, 2020
राघव चड्ढा ने आगे कहा कि फेसबुक का यह पत्र समिति के विशेषाधिकार की अवहेलना है। कमिटी के सामने पेश होने से इनकार करना दिल्ली दंगों में इसकी भूमिका के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्यों को छिपाने का एक प्रयास है। ताजा समन इसे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप जारी किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी नेता राघव ने फेसबुक के इस रवैये को दिल्ली की दो करोड़ जनता का अपमान बताया है। साथ ही ये भी कहा कि फेसबुक के वकीलों ने अधिकारियों को गलत सलाह दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली विधानसभा में दिल्ली दंगों में फेसबुक की भूमिका को लेकर चर्चा हो रही है। अगर फेसबुक ये कहता है कि संसद की समिति के सामने हमने अपना जवाब दे दिया है तो ये गलत है। विधानसभा समिति चाहे तो इसके लिए वॉरंट जारी करवा सकती है।
बता दें कि फेसबुक पर आरोप है कि उसने घृणास्पद भाषण को लेकर उदासीनता दिखाई, जिसके चलते दिल्ली की शांति भंग हुई। इसी आरोप के मद्देनजर समिति ने हाल में को फेसबुक इंडिया के अधिकारी अजीत मोहन को नोटिस जारी किया था। यह नोटिस वाल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित लेख के सामने आने के बाद जारी किया गया था।
AAP नेता का कहना है कि फेसबुक विधानसभा समिति से भाग रहा है और कुछ छिपा रहा है। जिससे ऐसा लगता है कि दिल्ली दंगों को लेकर फेसबुक पर जो आरोप लगे हैं, वो शायद बिल्कुल सही हैं। चड्ढा ने कहा कि चेतावनी के साथ आखिरी मौका फेसबुक को दे रहे हैं कि फेसबुक इंडिया के एमडी और वाइस प्रेसिडेंट अजीत मोहन समिति के सामने पेश हों।